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Umesh Pal Murder Case: क्या बाहुबली अतीक अहमद ने करवाई उमेश पाल की हत्या? जाने सच!

Umesh Pal Murder Case: जाने बाहुबली अतीक अहमद और उमेश पाल का ‘ माफिया कनेक्शन ‘ 

Highlights

  • उमेश पाल हत्याकांड में बुलडोजर की कार्रवाई हुई तेज
  • पुलिस-प्रशासन की टीमें एक्शन मोड में

Umesh Pal Murder Case: शहर प्रयागराज में विगत महीने एक दिल दहला देने वाली घटना होती है। दिन का समय और प्रयागराज शहर की एक सड़क पर तीन लोगों पर कुछ लोगों द्वारा बम-गोली से ताबड़तोड़ हमला किया जाता है। इस हमले में दो लोगों की मौत हो जाती है जबकि तीसरा व्यक्ति जिसकी पहचान सरकारी गनर राघवेंद्र सिंह के रुप में होती है जिनकी मृत्यु दो दिनों पहले हो जाती है।

इस दिनदहाड़े हुई हत्याकांड से न सिर्फ प्रयागराज के लोग सहम जाते हैं बल्कि पूरा प्रदेश- देश हिल जाता है। हम बात कर रहे हैं बहुचर्चित बीएसपी विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल और उनके साथ दो गनर की दिनदहाड़े हुई हत्याकांड की। पुलिस के अनुसार, इस हत्याकांड का तार प्रयागराज के बाहुबली और दबंग माफिया डॉन अतीक अहमद से जुड़ा हुआ है। गौर करने वाली बात यह है कि अभी तक पुलिस इस हत्याकांड के असली गुनाहगारों तक पहुंचने में नाकाम रही है।

यूपी विधानमंडल के सदन में सीएम योगी का जवाब

विपक्ष के नेता और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस हत्याकांड को लेकर सदन में सीएम योगी आदित्यनाथ को जमकर घेरा। अखिलेश यादव के तीखे प्रहार ने सीएम योगी आदित्यनाथ को विचलित कर दिया हऔर प्रत्युत्तर में सीएम योगी गुस्से में लाल होकर कहते हैं,” हम माफियाओं को मिट्टी में मिला देंगे!”

देखा जाए तो दिनदहाड़े हुई इस घटना ने सीधे तौर पर योगी प्रशासन को विचलित कर दिया है। सीएम योगी के पुलिस और प्रशासन को माफियाओं के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने के लिए जाना जाता है। पर, अभी तक पुलिस-प्रशासन के हाथ असली गुनहगार तक पहुंच न सका है।

कौन है राजू पाल जिसके गवाह थे उमेश पाल?

राजू पाल किसी समय बाहुबली पूर्व सांसद अतीक अहमद का खास माना जाता था। वर्ष 2005 में, प्रयागराज के शहर पश्चिम सीट पर हुए विधान सभा उप चुनाव में राजू पाल ने बसपा के टिकट पर माफिया अतीक अहमद के भाई अशरफ अली को हरा दिया था।

ऐसा कहा जाता है कि इस हार से अतीक अहमद इतना अधिक विचलित हो गया था कि उसने राजू पाल को ठिकाने लगाने का सोच लिया। जनवरी 2005 में, बसपा विधायक राजू पाल के गाड़ी के ऊपर कुछ लोग घेर कर, फिल्मी स्टाइल में ताबड़तोड़ गोलियां बरसाते हैं जिसके बाद विधायक राजू पाल की हत्या हो जाती है। इस हत्याकांड का मुख्य आरोपी भी माफिया अतीक अहमद सहित उसके गुर्गों को बनाया जाता है।

आये दिनों चर्चा में रहने वाला यह बाहुबली पूर्व सांसद अतीत अहमद है आख़िर है कौन

तब प्रयागराज को इलाहाबाद के नाम से जाना जाता था। इलाहाबाद, पंडित नेहरु, पं चंद्रशेखर आजाद, साहित्यकारों-कवियों, हाई कोर्ट, वकीलों और प्रशासनिक सेवा परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए जाना जाता है।

बात सन सत्तर के दशक की है जब फिरोज टांगे वाले का 17 वर्षीय बेटा हाईस्कूल की परीक्षा में फेल हो जाने के कारण पढ़ाई छोड़ देता है और उसी उम्र में उसका नाम एक हत्या में सामने आता है। इस लड़के को कम उम्र में बड़ा आदमी बनने की चाहत ने जरायम की दुनिया में धकेल देता है जो कि बाद में चलकर अतीत अहमद के नाम से सबके लिए खौफ बन जाता है।

ऐसा कहा जाता है कि तब के जमाने में प्रयागराज में चांद बाबा का दबदबा हुआ करता था, जिसके सामने पुलिस भी विवश हो जाती थी। तब इसी अतीक अहमद को पुलिस-राजनेता शह मिलता है ताकि ये चाँद बाबा के खौफ को खत्म कर सके।

समय के साथ चाँद बाबा का खौफ तो मिट जाता है लेकिन अतीक अहमद का दबदबा उससे भी ज्यादा हो जाता है, जिसके सामने पुलिस एक बार फिर विवश नजर आती है। अतीक का खौफ बढ़ता चला जाता है और यही कारण है कि प्रयागराज के शहर पश्चिम सीट से अतीक कम उम्र में ही विधायक चुन लिया जाता है। अतीक के नाम गुनाहों की लंबी लिस्ट दर्ज है। वह कई विधायक चुना गया फिर एक बार सांसद भी बना।

जब 2007 में, बसपा की सरकार पूर्ण बहुमत से बनी, तब मुख्यमंत्री मायावती ने माफिया अतीक अहमद के ऊपर नकेल कसना शुरु कर दिया था और उसके बाद उसके पूरे ढ़ेरों मुकदमें दर्ज करवाये। उसके बाद से ही अतीक अहमद का राजनीतिक रसूख धीमा पड़ना शुरु हुआ।

उमेश पाल हत्याकांड में योगी सरकार की कार्रवाई

देखा जाए तो उमेश पाल की हत्या हुए कई दिन बीत चुका है। पर, पुलिस के हाथ अभी असली गुनहगार नहीं लगे हैं। हां, कुछ मकानों पर बुलडोजर की कार्रवाई जरूर हुई है। हालांकि, पुलिस ने अरबाज नामक एक अपराधी को पहले ही एन्काउण्टर में मार गिराया है। उसके ऊपर आरोप था कि वो हत्यारों की गाड़ी चला रहा था।

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दूसरी तरफ पुलिस ने सदाकत नामक एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। बताया जाता है कि उसने वकालत की पढ़ाई की है। यह मुस्लिम हॉस्टल में रहता था, तथा यह भी आरोप लग रहा है कि इस हत्याकांड की स्क्रिप्ट उसी के हॉस्टल के कमरे में लिखी गई। यह भी ख़बरों के माध्यम से सुनने में आ रहा है कि, अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन ने सीजेएम कोर्ट में अर्जी दिया है कि प्रयागराज पुलिस ने उनके दो नाबालिग बेटों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। हालांकि सूत्रों के अनुसार, पुलिस इस आरोप से इनकार कर रही है। अभी पूरी सच्चाई आना बाकी है।

बाहुबली नेता अतीक अहमद को सता रहा पुलिस का डर

सूत्रों के अनुसार, बाहुबली पूर्व सांसद अतीक अहमद को अपने एंकाउण्टर का डर सता रहा है। इसलिए उसने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर कर कहा है कि उसे उसके खिलाफ यूपी में दर्ज मुकदमों की सुनवाई के लिए गुजरात से बाहर न भेजा जाए, क्योंकि उसकी सुरक्षा और जान को लेकर खतरा है। बताते चलें कि अतीक अहमद इस समय गुजरात की एक जेल में बंद है। उसे डर है कि जिस तरह से हालात हैं, उससे यूपी जाने में उसकी जान को खतरा हो सकता है।

इस हत्याकांड की असली वजह क्या है?

सूत्रों के अनुसार देखा जाए तो इस हत्याकांड का असली कारण कभी संपत्ति-विवाद बताया जा रहा है तो कभी रंगदारी, तो कभी मुखबिरी। केस उलझा हुआ है। अतीक अहमद गुजरात के एक जेल में बंद है। पुलिस की 10 से ज्यादा टीमों को गठित किया गया है। सारी सच्चाई सामने आना बाकी है। नेता और पार्टियों में राजनीतिक दोषारोपण चल रहा है।

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