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Prabhakaran Is alive: राजीव गांधी की हत्या का साजिशकर्ता आज भी है जिन्दा, जल्द आएगा सामने

Prabhakaran Is alive: इस शख्स के बारे में कांग्रेस नेता का बड़ा दावा, आज भी जिन्दा है प्रभाकरन

Highlight

  • नेदुमारन के बयान के बाद तमिलनाडु कांग्रेस चीफ केएस  अलागिरी ने कहा, ‘मैं बहुत खुश हूं। अगर प्रभाकरन सामने आते  हैं तो मैं जाकर उनसे मिलूंगा।
  • श्रीलंका की सरकार के मुताबिक, LTTE चीफ प्रभाकरन 17  मई, 2009 को श्रीलंकाई सेना के एक ऑपरेशन में मारा गया था।
  • प्रभाकरन की मौत के एक हफ्ते बाद LTTE के प्रवक्ता सेल्वारासा पथ्मनाथान ने उसके मारे जाने की बात मानी थी।

तमिलनाडु के तंजावुर  में वर्ल्ड कॉन्फेडरेशन ऑफ तमिल्स के अध्यक्ष पी नेदुमारन  ने दावा किया है कि LTTE (लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम) के संस्थापक वेलुपिल्लई प्रभाकरन जिंदा हैं। नेदुमारन ने कहा, “मैं पुष्टि कर सकता हूं कि तमिल नेशनल के लीडर प्रभाकरण जिंदा हैं। मैं यह खुलासा प्रभाकरन के परिवार की सहमति से कर रहा हूं। लिट्टे प्रमुख जीवित और स्वस्थ हैं। वह जल्द ही सामने आएंगे और तमिलों के बेहतर जीवन के लिए नई योजना की घोषणा करेंगे।”

आपको बता दें तमिलनाडु के कांग्रेस नेता और वर्ल्ड कन्फेडरेशन ऑफ तमिल के अध्यक्ष पाझा नेदुमारन ने सोमवार को यह दावा किया। नेदुमारन ने कहा- प्रभाकरन न सिर्फ जिंदा हैं बल्कि स्वस्थ भी हैं। हमें भरोसा है कि इससे उनकी मौत की अफवाहों पर विराम लगेगा और वे जल्द ही दुनिया के सामने आएंगे।

वहीं नेदुमारन के बयान के बाद तमिलनाडु कांग्रेस चीफ केएस अलागिरी ने कहा, ‘मैं बहुत खुश हूं। अगर प्रभाकरन सामने आते हैं तो मैं जाकर उनसे मिलूंगा। मुझे उनसे कोई प्रॉब्लम नहीं हैं।’ प्रभाकरन को करीब 14 साल पहले श्रीलंका सरकार ने मृत घोषित कर दिया था। उसके बाद श्रीलंका के जाफना में लिट्टे और वहां की सेना के बीच संघर्ष खत्म होने का ऐलान भी किया गया था।

गौरतलब है कि श्रीलंका की सरकार के मुताबिक, LTTE चीफ प्रभाकरन 17 मई, 2009 को श्रीलंकाई सेना के एक ऑपरेशन में मारा गया था। उस समय श्रीलंका के सैनिक उसे पकड़ने की कोशिश कर रहे थे। अगले दिन उसका शव मीडिया को दिखाया गया था।

आपको बता दें प्रभाकरन की मौत के एक हफ्ते बाद LTTE के प्रवक्ता सेल्वारासा पथ्मनाथान ने उसके मारे जाने की बात मानी थी। दो हफ्ते बाद DNA टेस्ट के हवाले से प्रभाकरन के शव की पहचान पुख्ता की गई थी। श्रीलंका की सेना के ऑपरेशन के दौरान ही प्रभाकरन के बेटे एंथनी चार्ल्स की भी मौत हुई थी।

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वहीं लिट्टे नेता वी प्रभाकरण के जिंदा होने के दावे को लेकर श्रीलंका सरकार की प्रतिक्रिया आई है। श्रीलंका के विदेश मंत्री अली साबरी ने एबीपी नाडु को बताया कि मंत्रालय रिपोर्ट की जांच करेगा।  श्रीलंकाई सेना के प्रवक्ता ब्रिगेडियर रवि हेराथ ने प्रभाकरन के जिंदा होने से साफ इनकार किया।

गौरतलब है कि राजीव गांधी की 21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में एक चुनावी रैली के दौरान लिट्टे की धनु नाम की एक आत्मघाती हमलावर ने हत्या कर दी थी। लिट्टे की महिला आतंकी धनु ने राजीव को फूलों का हार पहनाने के बाद उनके पैर छुए और झुकते हुए कमर पर बंधे विस्फोटकों में ब्लास्ट कर दिया। धमाका इतना जबर्दस्त था कि कई लोगों के चीथड़े उड़ गए। राजीव और हमलावर धनु समेत 16 लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई, जबकि 45 लोग गंभीर रूप से घायल हुए।

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