Joshimath Sinking: जोशीमंठ में चलेंगे बुलडोजर, टूटेंगे होटल
Joshimath Sinking: भू-धंसाव वाले क्षेत्र को राज्य सरकार ने तीन जोन में बांटा
Highlight
. राज्य सरकार ने जोशीमठ को 3 जोन में बांटने का फैसला किया है
. अब तक कुल 678 भवन चिह्नित किए जा चुके हैं।
. अगले 72 घंटे बेहद अहम माने जा रहे हैं।
Joshimath Sinking: उत्तराखंड के जोशीमठ शहर में असुरक्षित भवनों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। जोशीमठ में जमीन धंसने से 678 घरों में दरारें आई है। केंद्र की एक टीम हालात का जायजा लेने यहां पहुंची। वहीं राज्य सरकार ने जोशीमठ को 3 जोन में बांटने का फैसला किया है। इनके नाम- डेंजर, बफर और सेफ जोन होंगे। जोन के आधार पर मकानों की मार्किंग की जा रही है। वहीं डेंजर जोन वाले मकानों पर लाल निशान लगाए जा रहे हैं।
जोशीमठ में घरों और ज़मीन पर पड़ी दरारें हर घंटे बढ़ती जा रही हैं। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है। होटलों पर भी रेड मार्किंग की गई हैं। अगले 72 घंटे बेहद अहम माने जा रहे हैं। वहीं, डिज़ास्टर मैनेजमेंट डिपार्टमेंट ने जोशीमठ नगर पालिका क्षेत्र को आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित कर दिया है। आज केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय की हाई लेवल टीम जोशीमठ पहुंचने वाली है। जोशीमठ नगर पालिका और आसपास के इलाक़े में सभी कंस्ट्रक्शन पर रोक लगा दी गई है। जो लोग अस्थाई रूप से विस्थापित हुए हैं उनको राहत सामग्री दी जा रही है।
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अब तक कुल 678 भवन चिह्नित किए जा चुके हैं। सीबीआरआई की टीम ने सोमवार को मलारी इन और माउंट व्यू होटल का सर्वे किया था। ये दोनों होटल एक दूसरे पर झुके हुए हैं। आज इन दोनों होटलों को ढहाने की शुरुआत होगी। इन होटलों को अत्यधिक क्षति पहुंची है। होटलों को तोड़ने की कार्रवाई कुछ देर में ही शुरू हो जाएगी। इससे पहले प्रशासन ने अनाउंसमेंट कर लोगों को वहां से हटने के लिए कहा। वहीं, लोगो को सतर्क किया जा रहा है कि कार्रवाई के बीच अनावश्यक ना आएं।
होटल माउंट व्यू के मालिक सुंदरलाल सेमवाल का कहना है कि उन्हें अब तक प्रशासन की ओर से कोई नोटिस नहीं दिया गया। ना ही उन्हें कोई लिखित में मुआवजे के बारे में अवगत कराया गया है। वहीं बगल के होटल मलारी इन के ओनर भी गुस्से में है उनका कहना है कि उनसे किसी भी तरह की बातचीत अब तक प्रशासन के अधिकारी ने नहीं की है। स्थानीय प्रशासन के लोग यहां पर उनसे बात करने भी नहीं आ रहे हैं। होटल के अंदर बहुत सारा सामान फंसा हुआ है। उसे निकालने की भी जरूरत थी। लेकिन उसे लेकर भी कोई व्यवस्था प्रशासन की ओर से नहीं की गई है।
#WATCH | We've appealed to everyone to work as a team & save #Joshimath. (People of) 68 houses that were in danger have been shifted. A zone of over 600 houses has formed & efforts are underway to shift them. PM is also monitoring it &has assured all possible help: Uttarakhand CM pic.twitter.com/7QorJeBD9d
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 9, 2023
आपको बता दें जोशीमठ में भवनों को गिराने के लिए विस्फोटकों की मदद नहीं ली जाएगी। सीबीआरआई के वैज्ञानिकों की देखरेख में लोनिवि की टीम मेकेनिकल तकनीक से भवनों को गिराएगी। इसके लिए मजदूरों की मदद ली जाएगी।
जोशीमठ शहर और आसपास के गांवों में भू-धंसाव की वजह से बिजली आपूर्ति भी खतरे में आ गई है। एक ओर जहां यूपीसीएल के खंभे और लाइनें कभी भी धराशायी हो सकती हैं। वहीं पिटकुल का 66 केवी सब स्टेशन भी शिफ्ट करने की तैयारी शुरू हो गई है। वहीं, आज बिजली के खंभों से तारों को भी हटाया जा रहा है।
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सुप्रीम कोर्ट जोशीमठ संकट को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग करने वाली याचिका को जल्द सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने पर आज विचार करेगा। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ ने सोमवार को याचिकाकर्ता स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की ओर से पेश वकील परमेश्वर नाथ मिश्रा से कहा कि वह मंगलवार को इस मामले को मेंशन करें। मिश्रा ने सोमवार को पीठ के सामने मामला उठाते हुए जल्द सुनवाई का आग्रह किया था।