Endangered species In China: आइए जानते है दुर्लभ जानवरों को किस तरह से ब़चा रहा चीन
इससे धीरे धीरे लुप्त हो रहे जंगली याकों को संरक्षित करने के बेहतर तरीके खोजे जा सकेंगे। दशकों तक इन याकों का धड़ल्ले से शिकार होता रहा जिसकी वजह से इनकी संख्य 30 से 50 हज़ार के करीब सिमट कर रह गई है।
Endangered species In China: जानिए जंगली जानवर के बार में क्या सोचता है चीन
Endangered species In China: जंगली जानवर मनुष्य के मित्र हैं और प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। जानवरों की दुनिया मानव समाज की तरह ही जटिल और रंगीन है। जानवरों और मनुष्यों की नियति लंबे समय से एक दूसरे से जुड़ी हुई है। हाल के वर्षों में, पर्यावरण प्रदूषण, मानव द्वारा शिकार, निवास स्थान के नुकसान और अन्य कारणों से, कई दुर्लभ जानवर विलुप्ति की कगार पर हैं और त्वरित गति से अपने जीवन का रंग खो रहे हैं। दुनिया के विभिन्न देशों ने दुर्लभ जानवरों के विलुप्त होने की समस्या का अनुभव किया है। इसके लिए, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने 8 अप्रैल को दुर्लभ जानवरों के संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में नामित किया है।
चीन में बढ़ती आबादी का कारण
गैरतलब है कि चीन में विशाल जनसंख्या और व्यापक जनसंख्या गतिविधियों के कारण, कई कीमती जंगली जानवरों का वितरण क्षेत्र अत्यंत संकीर्ण है। वर्तमान में, चीन जैव विविधता संरक्षण और हरित विकास फाउंडेशन के अनुसंधान कार्यालय ने जैव विविधता की रक्षा के लिए देश भर में 180 से अधिक संरक्षित क्षेत्रों की स्थापना का समर्थन किया है। जिसमें ज्वारीय मैदान और आद्र्रभूमि शामिल हैं, ताकि जंगली जानवरों और पौधों की रक्षा की जा सके। हम आपसे जंगली जानवरों और पौधों की रक्षा के लिए एक साथ काम करने, मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व का एहसास करने और मानव को अकेला जीवन न बनने देने का आह्वान करते हैं! क्योंकि हम वन्यजीवों के साथ एक ही ग्रहीय घर साझा करते हैं।
लुप्त हो रहे जंगली जानवर
चीन के शिंचियांग प्रांत में के सुदूर पहाड़ी इलाकों पाए जाने वाले याकों की गिनती के लिए वैज्ञानिक मानव रहित विमानों का सहारा ले रहे हैं। सरकारी समाचार एजेंसी शिनहुआ के मुताबिक इसका उद्देश्य लुप्त हो रहे जंगली याकों के आवास से जुड़ी जानकारियाँ इकट्ठा करना है। एजेंसी ने बताया कि नवंबर में मानव रहित विमान से इस इलाके में चार उड़ान भरे गए थे। इस दौरान याकों और उनके रहने की जगह की तस्वीरें भी ली गईं।
ड्रोन विमान ने शिंचियांग के इस पर्वतीय इलाके के मौसम से संबंधित जानकारियाँ भी जुटाई। शिंचियांग प्रांत और बीजिंग नॉर्मल युनिवर्सिटी के जीव वैज्ञानिक जंगली याकों पर किए जा रहे इस शोध कार्यक्रम का संचालन कर रहे हैं। पूरी दुनिया में संस्कृति ने हमेशा जंगली जानवरों के साथ मानव समाजों और इंसानों के संबंधों को आकार दिया है। किसी भी प्रजाति के प्रति समुदायों का नज़रिया बहुत ज़रूरी है क्योंकि इसका असर बहुत बड़ा हो सकता है। कभी-कभी यह नज़रिया ये तय करता है कि जानवरों को संरक्षित किया जाए या उन्हें ख़तरे के रूप में देखा जाए।
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जंगली जानवरों को माना जाता है शुभ
एक जंगली जानवर जिसे मददगार या शुभ माना जाता है। उसे नुकसान से बचाया जा सकता है, जबकि कुछ पारंपरिक मान्यताओं का मतलब यह हो सकता है कि कुछ विशेष जानवरों को हानि नहीं पहुँचाई जा सकती, जैसे कि बाघ। लेकिन जहां एक प्रजाति को अशुभ या खतरनाक माना जाता है, उसे इस हद तक सताया जा सकता है कि उसके अस्तित्व को खतरा हो जाए। साथ ही, ऐसा भी होता है कि कुछ जानवरों के गुण इतने ज़्यादा प्रचलित है कि उनका शिकार होने लग जाता है या अवैध वन्यजीव व्यापार को बढ़ावा मिल जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि उनके शरीर के अंगों की पारंपरिक चिकित्सा या अन्य किसी काम के लिए मांग की जाती है।
जंगली जानवरों को संरक्षित करने के बेहतर तरीके
माना जा रहा है कि इससे धीरे धीरे लुप्त हो रहे जंगली याकों को संरक्षित करने के बेहतर तरीके खोजे जा सकेंगे। दशकों तक इन याकों का धड़ल्ले से शिकार होता रहा जिसकी वजह से इनकी संख्य 30 से 50 हज़ार के करीब सिमट कर रह गई है। एक अनुमान के मुताबिक शिंचियांग प्रांत के एल्टन पर्वत के दूर दराज के इलाकों में 10 हज़ार के करीब याक पाए जाते हैं। इस इलाके में ये याक सदियों से रह रहे हैं और यहाँ इंसानों या किसी अन्य जानवर की पहुँच लगभग न के बराबर ही रही है।
एल्टन माउंटेन के राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण विभाग के डिप्टी चीफ ज़ैंग शियांग के हवाले से शिनहुआ ने बताया, “ये इलाके इतने दूर हैं कि इन याकों की गतिविधियों और उनके रहने की जगह पर नजर रख पाना और हमारे स्टाफ़ का पहुँच पाना बहुत मुश्किल है।