दो साल में ही आयुष्मान भारत योजना के तहत कई अस्पताल को किया गया असूचीबद्ध
कई लोग नहीं जानते है इस योजना के बारे में
काम की बात के तहत आज सरकार की स्वास्थ्य स्कीम की आज आखिरी कडी है. अगले सप्ताह से हम सरकार की शिक्षा नीतियों पर बात करेंगे. इस सप्ताह आखिरी स्कीम आयुष्मान भारत पर बात होगी.
अहम बिंदु
- परिचय
- उद्देश्य
- लाभार्थियों का वर्गीकरण
- आंकडे
मोदी सरकार द्वारा आयुष्मान भारत योजना को 1 अप्रैल 2018 को पूरे भारत में लागू किया गया. जिसकी घोषणा स्वर्गीय अरुण जेटली ने 2018 के बजट में की थी. इस योजना के तहत देश के 10 करोड़ बीपीएल कार्ड धारक परिवारों और लगभग 50 करोड लोगों को इसका लाभ मिलेगा. जिसके तहत इन परिवारों को 5 लाख तक कैशरहित बीमा उपलब्ध कराया जाएगा.
उद्देश्य
- गरीब लोगों तक सुलभ स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाई जाएं.
- पैसों के अभाव में किसी व्यक्ति को अपनी जान से हाथ न धोना पड़े.
- मध्य और गरीब परिवार के लोग किसी बड़ी बीमारी के लिए बिना किसी झिझक के प्राइवेट अस्पताल में इलाज करा पाएं.
- इसका मुख्य उद्देश्य प्रति परिवार को प्रति वर्ष 5 लाख रुपये तक का मुक्त इलाज किया जाएगा.
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योजना के लिए कैसे करें आवेदन
- सबसे पहले www.pmjay.gov.in की वेबसाइट पर जाएं.
- उसके बाद मैन पेज पर जाकर दाहिने ओर एक लिंक AM I ELIGIBLE पर क्लिक करें.
- इसके बाद एक नए पेज पर अपना फोन नंबर दर्ज करें उसी नंबर पर ओटीपी आएंगा वह ओटीपी ही आपका पासवर्ड होगा.
- इसके बाद अपना राज्य चुनें
- इन सबके बाद उस कैटेगिरी को चुनें जिससे आप अपना स्टेटस देखना चाहते हैं. इससे नाम, HHD नंबर, राशन कार्ड और मोबाइल नंबर के विकल्प होंगे.
किस परिस्थिति में मिलेगा लाभ
- गर्भावस्था देखभाल और मातृ स्वास्थ्य सेवाएं
- नवजात और शिशु स्वास्थ्य सेवाएं
- बाल स्वास्थ्य
- जीर्ण संक्रामक रोग
- बुजुर्ग के लिए आपातकालीन चिकित्सा
- गैर संक्रामक रोग
- मानसिक बीमारी का प्रबंधन
- दांतों की देखभाल
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आंकडे
बीबीसी की एक खबर के अनुसार इस योजना का लाभ सबसे ज्यादा आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, केरल और झारखंड के लोगों को मिला है. इसके साथ ही साल 2020 तक सरकार ने 13 हजार करोड़ रुपए खर्च किए हैं. जिसमें से 7 हजार करोड़ रुपए गंभीर बीमारियों कैंसर, ह्दय रोग, हड्डी की और पथरी की बीमारियों पर खर्च किए गए है. इसके अलावा इस योजना के तहत 1300 बीमारियों का इलाज किया जाता है.
सरकारी वेबसाइड की खबर के अनुसार खबर लिखने तक 12,58,84322 तक ई कार्ड जारी किए जा चुके हैं. 1,29,44,667 लोग अस्पताल में भर्ती हुए हैं. इसके साथ ही 23, 289 अस्पतालों को आयुष्मान भारत योजना के तहत सूची से बाहर कर दिया गया है.
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लाभार्थी की पात्रता
ग्रामीण
- परिवार का मुखिया महिला होनी चाहिए.
- व्यक्ति मजदूरी करता हो
- लाभार्थी का कच्चा मकान हो
- मासिक आय 10000 से कम होनी चाहिए.
- असहाय
- भूमिहीन
- मकान कच्चा होना चाहिए
- इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों मे व्यक्ति बेघर, भीख मांगने वाला या बंधुआ मजदूरी कर रहा हो वो स्वयं ही इस योजना में शामिल हो जाएगा.
शहर लाभार्थी
- इसके लिए व्यक्ति कूड़ा कचरा, उठाता हो, फेरी वाला हो, मजदूर, गार्ड, मोची, सफाई कर्मी, टेलर, ड्राइवर, दुकान में काम करने वाले, रिक्शा चालक, कुली, पेंटर, कंडक्टर, मिस्त्री, धोबी आदि.
- इसके अलावा जिसकी मासिक आय 10,000 से कम हो.
लाभ
आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार अबतक 12,29,44,667 तक इलाज करा चुके हैं. जिससे साफ जाहिर होता है. इस योजना के तहत जरुरतमंद लोगों तक सरकारी मदद पहुंच रही है.
कमी
काम कोई भी हो वह पूरी तरह से पूर्ण नहीं होता है. इस योजना में भी कुछ कमियां है. सबसे पहले इसके लाभार्थियो को दो भागों में विभाजित किया गया है. शहरी और ग्रामीण. लेकिन जहां तक देखा जाएं जिस तरह से वर्गीकृत किया गया है. उस हिसाब से लोगों को सुविधा नहीं मिल पाती है. सरकार ने तो भ्रष्टाचार को कम करने के लिए सारी सुविधा ऑनलाइन दी गई है. बहुत लोगो जो इस लाभ के दायरे में आते हैं उन्हें इन सबके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है. हमारे एक सहयोगी ने कुछ लोगों ने इस योजना के बारे में बात की तो उन्होंने बताया कि उन्हें ऐसी किसी योजना के बारे में पाता ही नहीं है. कई लोगों को इस बारे में पता है तो वह ऑनलाइन अपना फॉर्म नहीं भर पा रहे हैं.
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