Waqf Board में बड़े बदलाव: नहीं चलेगी बोर्ड की मनमानी, अब ग़ैर मुस्लिम और महिलायें भी होंगी शामिल !
मोदी सरकार द्वारा लोकसभा में पेश किए गए Waqf Board संशोधन विधेयक में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण बदलाव प्रस्तावित किए गए हैं।अब इस विधेयक के तहत Waqf Board में महिलायें और ग़ैर-मुस्लिम भी शामिल होंगे।
Waqf Board पर अब लगेगी लगाम, जानिए क्या है नया वक़्फ़ बोर्ड संशोधन विधेयक ?
मोदी सरकार ने बुधवार यानी 5 अगस्त को वक्फ बोर्ड एक्ट में बदलाव के लिए संशोधन विधेयक लोकसभा में पेश किया. जिस बिल को लेकर संसद में ख़ूब हंगामा देखने को मिला रहा है , इस दौरान जहा विपक्ष ने बिल का संसद में जमकर विरोध किया वही दूसरी तरफ़ सत्ता पक्ष से अल्पसंह्यक मंत्री किरण रिज़िज़ू ने इस बिल के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
वक़्फ़ बोर्ड क्या है ?
वक्फ अरबी भाषा का शब्द है। इसका अर्थ अल्लाह के नाम पर अर्पित वस्तु या परोपकार के लिए दिया गया धन होता है। इसमें चल और अचल संपत्ति को शामिल किया जाता है। बता दें कि कोई भी मुस्लिम अपनी संपत्ति वक्फ को दान कर सकता है। कोई भी संपत्ति वक्फ घोषित होने के बाद किसी को भी नहि दी जा सकती है।वक्फ संपत्ति के देख भाल का काम वक्फ बोर्ड संभलता है। यह एक कानूनी इकाई है।
वक़्फ़ बोर्ड ऐक्ट क्या है ?
भारत में सबसे पहले 1954 में वक्फ एक्ट बना था जिसके तहत वक्फ बोर्ड का जन्म हुआ था। इस ऐक्ट का उद्देश्य वक्फ से जुड़े कामकाज को सरल बनाना था। एक्ट में वक्फ की संपत्ति पर दावे और रख-रखाव तक का प्रविधान हैं। 1955 में पहला संशोधन किया गया। फिर 1995 में एक नया वक्फ बोर्ड अधिनियम बना। इसके तहत हर राज्य/केंद्र शासित प्रदेश में वक्फ बोर्ड बनाने की अनुमति दी गई। उसके बाद साल 2013 में इसमें संशोधन किया गया था।
संशोधन विधेयक से क्या बदलाव होंगे ?
हाल हीं में मोदी सरकार ने वक्फ बोर्ड की शक्तियों को नियंत्रित करने के लिए कई संशोधन प्रस्तावित किए हैं। इनमें वक्फ संपत्तियों का अनिवार्य वेरिफिकेशन शामिल है। इसका उद्देश्य संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकना है। इस विधेयक में नई धाराएं 3ए, 3बी और 3सी शामिल करने का प्रावधान है। ये धाराएं वक्फ की कुछ शर्तों, पोर्टल और डेटाबेस पर वक्फ का विवरण दाखिल करने और वक्फ की गलत घोषणा से जुड़ी हैं। विधेयक में वक्फ की गलत घोषणा को रोकने का प्रावधान है। अब किसी भी संपत्ति को वक्फ संपत्ति के रूप में दर्ज करने से पहले सभी संबंधितों को उचित सूचना देना होगा।
वक़्फ़ बोर्ड में होंगे ग़ैर-मुस्लिम और महिलाएँ :
विधेयक में यह भी प्रस्ताव किया गया है कि केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्डों में कम से कम दो महिलाएं होनी चाहिए। इस विधेयक में बोहरा और आगाखानी समुदायों के लिए अलग औकाफ बोर्ड (औकाफ वक्फ का बहुवचन है) की स्थापना का प्रावधान है। पहले वक्फ बोर्ड में किसी गैर-मुस्लिम को मुख्य कार्यकारी अधिकारी यानी (सीईओ) की नियुक्ति नहीं हो सकती थी। अब विधेयक के खंड 15 में धारा 23 में संशोधन करने का प्रस्ताव है। धारा 23 सीईओ की नियुक्ति, उनके पद की अवधि और सेवा की अन्य शर्तों से संबंधित है। यह प्रावधान किया गया है कि सीईओ राज्य सरकार के संयुक्त सचिव के पद से नीचे का नहीं होगा और उसके किसी धर्म के होने की आवश्यकता को भी हटा दिया जाएगा।
हालाँकि बिल को ले कर अभी भी बवाल मचा हुआ है, सदन में सभी पार्टियों के सदस्यों ने अपनी टिप्पड़ि भी दी । अब देखना ये होगा की आख़िर ये बिल सदन से पास हो पाएगा या नहीं ?
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