जेएनयू प्रशासन द्वारा गंगा ढाबा को बंद करने का आदेश, स्टूडेंटस ने किया विरोध प्रदर्शन
हमेशा विवादों में रहने वाली जवाहरलाल नेहरु यूनिर्वसिटी एक बार फिर खबरों में आ गई है। इस बार मामला स्टूडेंट का नहीं है ब्लकि यहां से सबसे प्रसिद्ध ढाबे का है। जेएनयू प्रशासन ने गंगा ढाबा को बंद करना का आदेश दिया है।
वैसे तो जेएनयू 1,000 एकड़ में फैला है। चारों ओर हरियाली से घिरी इस यूनिर्वसिटी में कई चीजें देखने को है। लेकिन लगभग तीन दशक से यूनिर्वसिटी के स्टूडेंट के दिल पर राज करने वाला गंगा ढाबा को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया। यूनिर्वसिटी के एंट्री में बना यह ढाबा स्टूडेंट की बातचीत और चाय की चुस्कियों का एक अहम अड्डा है। गंगा ढाबा सिर्फ यूनिर्वसिटी के स्टूडेंट तक ही सीमित नहीं है यह बाहर के लोगों में काफी चर्चित है।
लेकिन क्या बहुत जल्द जेएनयू प्रसाशन इसमें ताला लगावा देगा। जेएनयू प्रशासन द्वारा इसे बंद करने का फरमाना जारी किया गया है। जिसके बाद स्टूडेंट ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए नारे बाजी की।
प्रशासन ढाबे को रिटेंडर करने की बात कहा रहा है। दरअसल ढाबा वर्तमान में सुनील राठी द्वारा चलाया जा रहा है। सुनील को ढाबा खाली करने की नोटिस दी गई है। ताकि नया टेंडर जारी किया जाए। साल 2013 में सुनील ने गंगा ढाबा लीज पर लिया था जो कि अब खत्म हो चुकी है। अब प्शासन एक प्रेश टेंडर जारी करना चाहता है। जिसके लिए ढाबा बंद करना होगा।
यूनिर्वसिटी के स्टूडेंटस इसी बात को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे है। उनका मानना है कि प्रशासन स्टूडेंटस के बीच डिबेट कल्चर खत्म करना चाहते है क्योंकि रात को लगभग आधी रात तक खुले रहने वाले इस ढाबे में बैठ स्टूडेंटस डिबेट करते है।
फ्रैश टेंडर का स्टूडेंटस इसलिए भी विरोध कर रहे है क्योंकि फ्रैश टेंडर मिलने में कभी लंबा समय लग जाएगा जिसके कारण ढाबा बंद रहेगा।
आपको बता दें जेएनयू प्रशासन के इस फरमान के बाद कल गंगा ढाबा बंद रहा था।