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Uttarkashi Tunnel Rescue Operation: मशीन से नहीं हो पा रही ड्रिलिंग, सुरंग के अंदर फंसे मजदूर हताश
ऑपरेशन सिलक्यारा का आज यह 14वां दिन है। सुरंग के भीतर ऑगर मशीन का बरमा भीतर ही अटक गया है। फिलहाल वर्टिकल ड्रिल की तैयारी तेज कर दी गई है।
Uttarkashi Tunnel Rescue Operation: मजदूरों को बाहर निकालने के लिए अब होगी मैनुअल ड्रिलिंग
दिवाली के दिन से उत्तरकाशी की निर्माणाधीन सुरंग में कैद 41 श्रमिक बाहर निकलने की उम्मीद लगाए हैं। उन्हें बाहर निकालने की पूरी कोशिशें हो रही हैं लेकिन हर बार मशीन के आगे बाधा आ रही है। रेस्क्यू का आज यह 14वां दिन है। सुरंग के भीतर ऑगर मशीन को भी भारी नुकसान पहुंचा है। यहां तक की मशीन का बरमा भीतर ही अटक गया है। फिलहाल वर्टिकल ड्रिल की तैयारी तेज कर दी गई है। लेकिन दूसरी तरफ ये भी बताया जा रहा है कि भीतर मजदूर भी अब हताश हो रहे हैं।
#WATCH | Damaged blades of the auger drilling machine brought out of Uttarkashi’s Silkyara tunnel, where operation is underway to rescue 41 trapped workers pic.twitter.com/OZe8TE9C0G
— ANI (@ANI) November 25, 2023
जियो फिजिकल जांच भी नहीं आ पाई काम
शुक्रवार को ऑपरेशन सिलक्यारा को शुरू करने से पहले एनएचआईडीसीएल ने पारसन कंपनी के जियो फिजिकल विशेषज्ञों से टनल के मलबे की मैपिंग कराई, जिसमें बताया कि अगले 5 मीटर तक कोई लोहे जैसा अवरोध नहीं है। हालांकि उनकी मैपिंग का ये फार्मूला 1.5 मीटर के बाद ही फेल हो गया
फंसे मजदूरों से अंदर की तरफ से मलबा हटवाने की तैयारी
दरअसल लोहे का अवरोध आने से ऑगर मशीन लक्ष्य से नौ मीटर पहले रुक गई। जिसके बाद अवरोधों को काटकर हटाने का काम तो शुरू हुआ लेकिन इस बात पर भी विचार शुरू हो गया कि क्यों ने फंसे मजदूरों से ही अंदर की तरफ से ही मलबा हटवा दिया जाए। अगर ये प्लान काम कर गया तो श्रमिक जल्दी बाहर आ सकेंगे।
दो योजनाओं पर विचार शुरू
तमाम व्यवधानों और उम्मीदों के बीच अब इस बात पर विचार शुरू हो गया कि क्यों ने फंसे मजदूरों से ही अंदर की तरफ से नौ मीटर मलबा हटवा दिया जाए। वहीँ दूसरी तरफ एक विचार यह भी चल रहा है कि क्यों ना ऑगर मशीन की जगह मैनुअली कचरा हटाना शुरू कर दिया जाए।
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