ट्रिपल तलाक के कारण महिला की 12 साल जिदंगी बर्बाद
12 साल में तीन बार हुई तलाक
ट्रिपल तलाक, आजकल यह मुद्दा एक धर्म और जाति का ही नहीं ब्लकि पूरा देश के मुद्दा बन गया है। मुस्लिम समुदाय के महिलाओं को तीन तलाक के कारण कई तरह की परेशानियों को देखना पड़ता है। मात्र भर तीन बार तलाक, तलाक, तलाक बोलने से ही शादी जैसा पवित्र बंधन टूट जाता है।
केंद्र में बीजेपी की सरकार बनने के बाद से ही ट्रिपल तलाक का मामला महिलाओं में जोरों शोरों से उठाया है। यह मुद्दा उठने के बाद से ही घर के अंदर आवाज को दबाकर बैठी कई महिलाओं ने पीएम को इस कुरीति को खत्म करने की अपील की है। कई महिलाओं ने आगे आकर मीडिया को अपनी आपबीती भी बताई है।
सिर्फ बच्चे न होने पर मिला पहला तलाक
इस अंग्रेजी बेवसाइट की खबर के अनुसार एक मुस्लिम महिला को 12 साल में ट्रिपल तलाक के नाम पर तीन तलाक मिला है।
तीन तलाक के नाम पर यूपी की 35 वर्षीय तारा खान को तीन बार तलाक मिल चुका है। उसकी जिदंगी की परेशानी यही ही नहीं रुकी उसका चौथा पति भी उसे छोड़कर चला गया है।
तारा खान का कहना है “बीते 12 साल मेरे लिए बहुत ही भयावह रहे हैं, अब मैं इसी जगह जाना चाहती हूं जहां यह सब न हो।“
तारा ने अपनी आपबीती बताती हुई कहा कि उसकी पहली शादी बरेली के ही जाहिद खान से हुई। सात साल की शादी में तारा का बच्चा नहीं हुआ, तो उसके पति ने एक छोटी महिला से शादी कर ली और मुझे तलाक दे दिया।
ट्रिपल तलाक
रिश्तेदारों ने करवाई दूसरी शादी
पहली शादी टूट जाने के बाद वह अपने किसी रिश्तेदार के घर रहने लगी। इसी दौरान उसके रिश्तेदारों ने उसकी दूसरी शादी पप्पू खान करवा दी। पप्पू उसे बुरी तरीके से तंग किया करता था। जब तारा ने उसका विरोध किया तो उसने उसे छोड़ दिया।
दूसरे तलाक के बाद तारा अपने मामा के घर रहने लगी। यहां भी उसके मामा और भाई ने इतने लंबी जिदंगी अकेले कैसे काटेगी कहकर फिर से शादी करने को कहा। उन्हीं के कहने पर तारा की तीसरी शादी सोनू से हो गई। लेकिन इस बार भी तारा की किस्मस साथ नहीं दी और सोनू और भी निकम्मा निकला। सोनू उसे मारता पीटता था। अचानक एकदिन वह तारा को उसके घर के बाहर छोड़कर चला गया। वहां छोड़कर जाने से पहले सोनू उसे तलाक दे चुका था।
तारा के पांच भाई है
पिछले साल जुलाई में तारा की एक बार फिर शमशाद से शादी हुई। लेकिन शमशाद ने भी उसे छोड़ दिया।
तारा की जिदंगी बद से बत्तर हो गई है। तारा के पांच भाई है लेकिन कोई भी उस अपने साथ नहीं रखना चाहता है। उन्हें लगता है कि तारा उनके घर की बेइज्जती करती है इसलिए वह उसे अपने साथ नहीं रखते हैं।
तारा इन सब से परेशान हो चुकी है। वह कहती है कि मुस्लिम महिलाएं कहां जाएं क्या करें? अब मैं इन सब के साथ और नहीं लड़ सकती हूं।
अब तारा और शमशाद एक कॉउसलिंग के लिए जा रहे हैं ताकि अपने पारिवारिक जीवन को बचा सकें।