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Tejas crash:  दुबई एयरशो में भारत को मिला बड़ा झटका, एक्सपर्ट्स क्या कर रहे हैं और क्या हो सकती है असली वजह?

Tejas crash: जांच रिपोर्ट का परिणाम आने के बाद ही यह समझा जा सकेगा कि यह घटना एक आकस्मिक त्रुटि थी या किसी गहरी तकनीकी समस्या का संकेत।

Tejas crash: तेजस का क्रैश तकनीकी, रणनीतिक और भावनात्मक तीनों स्तरों पर भारत के लिए बड़ा झटका है।

Tejas crash: दुबई एयरशो 2025 के दौरान भारत द्वारा विकसित स्वदेशी फाइटर जेट HAL Tejas एक एरोबैटिक प्रदर्शन के बीच दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे ने ना केवल एयरशो में मौजूद भीड़ को झकझोर दिया, बल्कि भारतीय वायुसेना और भारत के डिफेंस सेक्टर को भी गहरा सदमा दिया है। घटना के बाद से ही इस हादसे के कारणों और इसके प्रभावों पर लगातार सवाल उठ रहे हैं।

क्या हुआ था दुबई एयरशो में?

रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रदर्शन उड़ान के दौरान तेजस फाइटर जेट अचानक नियंत्रण खो बैठा और जमीन पर गिरते ही आग का गोला बन गया। इस दुर्घटना में पायलट विंग कमांडर नमांश स्याल की दर्दनाक मौत हो गई। एयरशो में मौजूद हजारों लोगों के सामने यह हादसा हुआ, जिससे पूरी दुनिया का ध्यान इस घटना की ओर खिंच गया। भारतीय वायुसेना ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी गठित कर दी है, जो यह पता लगाएगी कि क्रैश की असली वजह क्या थी।

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क्या यह बना दुर्घटना का कारण?

रिपोर्ट्स और विशेषज्ञ विश्लेषण के अनुसार, तेजस ने दुर्घटना से ठीक पहले एक “Negative G-Turn” मनोवर किया था।  यह वह स्थिति होती है, जब विमान पर गुरुत्वाकर्षण की विपरीत दिशा में जोरदार फोर्स लगता है और विमान नियंत्रण खो सकता है।
जानकारी के मुताबिक:

  • विमान तेजी से नीचे की ओर गया और ऊँचाई वापस पाने में असफल रहा।
  • एरोबैटिक शो उड़ानों में कंट्रोल सिस्टम फेलियर, इंजन पावर लॉस, या अत्यधिक टर्बुलेंस जैसी स्थितियां खतरा पैदा कर सकती हैं।

एक विशेषज्ञ का कहना है कि इतनी कम ऊँचाई पर इस प्रकार का मनोवर बेहद जोखिमपूर्ण रहता है, और किसी भी सेकंड का अंतर दुर्घटना में बदल सकता है।

क्या प्रभाव पड़ेगा इस घटना का?

घटना ने न केवल विमान की सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं, बल्कि तेजस की वैश्विक निर्यात क्षमता और छवि पर भी असर डाल सकती है।  भारत तेजस को कई देशों को निर्यात करने की दिशा में बड़े कदम उठा रहा था, लेकिन अब यह हादसा उसकी विश्वसनीयता पर दबाव बना सकता है। 

विशेषज्ञों का कहना है—

यह सिर्फ एक दुर्घटना नहीं, बल्कि भारतीय डिफेंस एविएशन सेक्टर के लिए एक रणनीतिक झटका है, क्योंकि अब हर तकनीकी पहलू और सुरक्षा रिकॉर्ड की गहराई से जांच होगी।

क्या कहा जा सकता है अभी?

  • अधिकृत रिपोर्ट आने तक किसी निष्कर्ष पर पहुँचना जल्दबाज़ी होगी।
  • संभावित कारणों में नेगेटिव-G असंतुलन, नियंत्रण प्रणाली में खराबी, इंजन पावर लॉस या उड़ान ऊँचाई की कमी शामिल हो सकती हैं।
  • जांच समिति का निष्कर्ष आने के बाद ही असली वजह स्पष्ट होगी।

विंग कमांडर नमांश स्याल को भावपूर्ण श्रद्धांजलि

भारतीय वायुसेना के अनुभवी फाइटर पायलट नमांश स्याल की शहादत को पूरे देश में सलाम किया जा रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने अंतिम क्षण तक विमान को आबादी वाली जगह से दूर मोड़ने की कोशिश की।

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