Smriti Irani: पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने खाली किया सरकारी बंगला, 18वीं लोकसभा चुनाव में अमेठी सीट से मिली थी करारी शिकस्त
Smriti Irani: उत्तर प्रदेश के अमेठी की पूर्व सांसद स्मृति इरानी क्या अब यहां पर रहने वाली हैं? यह सवाल लगातार किया जा रहा है। दरअसल, भारतीय जनता पार्टी की दिग्गज नेता ने दिल्ली का सरकारी बंगला खाली कर दिया है। लोकसभा चुनाव में अमेठी सीट से हार के बाद स्मृति को वह तवज्जो नहीं मिल पाई।
Smriti Irani: लोकसभा चुनाव में मोदी मंत्रिमंडल के 17 केंद्रीय मंत्रियों को मिली हार, तीसरी बार चुनावी मैदान में उतरीं थीं स्मृति ईरानी
उत्तर प्रदेश के अमेठी की पूर्व सांसद स्मृति इरानी क्या अब यहां पर रहने वाली हैं? यह सवाल लगातार किया जा रहा है। दरअसल, भारतीय जनता पार्टी की दिग्गज नेता ने दिल्ली का सरकारी बंगला खाली कर दिया है। लोकसभा चुनाव में अमेठी सीट से हार के बाद स्मृति को वह तवज्जो नहीं मिल पाई। उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली। वहीं, अब वह किसी भी सदन की सदस्य नहीं हैं। Smriti Irani ऐसे में उन्हें बंगला खाली करने का नोटिस जारी किया गया था। शहरी विकास मंत्रालय के डायरेक्टर ऑफ एस्टेट ने उन्हें बंगला खाली करने का नोटिस दिया था। 11 जुलाई तक उन्हें बंगला खाली करना था। हालांकि, उन्होंने पहले ही लुटियंस के बंगले को खाली कर दिया है। अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
हाल ही में लोकसभा चुनाव में उन्हें उत्तर प्रदेश की अमेठी सीट पर हार का सामना करना पड़ा था। उन्हें कांग्रेस के नेता किशोरी लाल शर्मा ने डेढ़ लाख से ज्यादा मतों से हराया था। ईरानी ने इस हफ्ते की शुरुआत में बंगला खाली कर दिया था। यह बंगला पिछले दस साल से उनका आशियाना था। Smriti Irani एक अधिकारी ने कहा कि स्मृति ईरानी ने इस हफ्ते की शुरुआत में अपना आधिकारिक आवास खाली कर दिया। उन्होंने कहा कि नई सरकार के गठन के बाद पूर्व मंत्रियों और सांसदों को एक महीने के भीतर अपने सरकारी आवास खाली करने होंगे।
मोदी मंत्रिमंडल के 17 केंद्रीय मंत्रियों को मिली हार Smriti Irani
इस लोकसभा चुनाव में मोदी मंत्रिमंडल के 17 केंद्रीय मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा था। इसमें से अब तक आरके सिंह, अर्जुन मुंडा, महेंद्र नाथ पांडेय, स्मृति ईरानी, संजीव बालियान, राजीव चंद्र शेखर, कैलाश चौधरी, अजय मिश्रा टेनी, वी मुरलीधरन, निशित प्रामाणिक, सुभाष सरकार, साध्वी निरंजन ज्योति, राव साहेब दानवे, कौशल किशोर, भानु प्रताप वर्मा, कपिल पाटिल, भगवंत खुबा, भारती पवार को बंगला खाली करने का नोटिस मिल चुका है। गत 5 जून को ही राष्ट्रपति ने पुरानी लोकसभा भंग कर दी थी। इसके बाद नई लोकसभा का गठन हुआ।
एक लाख से भी ज्यादा मतों से हारी स्मृति ईरानी Smriti Irani
बता दें कि इस बार स्मृति इरानी अमेठी सीट से कांग्रेस प्रत्याशी के हाथों एक लाख से भी ज्यादा मतों से हार गई थीं। INDIA गठबंधन की तरफ से किशोरी लाल को चुनावी मैदान में उतारा गया था। वहीं किशोरी लाल ने उन्हें 1,67,196 मतों के अंतर से हराया था। 17वीं लोकसभा में अमेठी संसदीय सीट से कांग्रेस की तरफ से राहुल गांधी ने भाजपा प्रत्याशी स्मृति ईरानी के खिलाफ चुनाव लड़ा था। नतीजों में राहुल गांधी को स्मृति ईरानी के हाथों हार का सामना करना पड़ा था।
तीसरी बार चुनावी मैदान में उतरीं थीं स्मृति Smriti Irani
आपको बता दें कि अमेठी से स्मृति इरानी तीसरी बार चुनावी मैदान में उतरीं थीं। 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हें कांग्रेस के निवर्तमान सांसद राहुल गांधी के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि, उन्होंने इस चुनाव में राहुल गांधी को कड़ी से कड़ी टक्कर दी थी। इस चुनाव में भाजपा को पूर्ण बहुमत मिला। इसके बाद बनी पहली नरेंद्र मोदी सरकार में स्मृति इरानी को केंद्रीय मंत्री बनाया गया।
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लगातार पांच सालों तक अमेठी में डटी रहीं Smriti Irani
2014 में अमेठी में हार को स्मृति ने चुनौती के रूप में लिया। वह अमेठी में डट गईं। लगातार पांच सालों तक लोगों के बीच रहीं। इसका परिणाम 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें मिला। स्मृति इरानी ने चुनाव में कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष राहुल गांधी को अमेठी से हराकर इतिहास रच दिया। राहुल गांधी इस चुनाव में केरल के वायनाड सीट से भी चुनाव लड़ा था। वहां से जीत कर वे संसद तक पहुंचे। वहीं, स्मृति ने अमेठी में कमल खिलाकर मोदी कैबिनेट में फिर जगह बनाई।
…तो इस वजह से खाली करना पड़ा बंगला Smriti Irani
लोकसभा चुनाव 2019 के बाद से अमेठी आना-जाना स्मृति का लगा रहा। लेकिन, वह लोगों के बीच अलोकप्रिय होने लगीं। ऐसे में लोगों के बीच राजीव गांधी काल से ही काम कर रहे केएल शर्मा को कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया। गांधी परिवार के करीबी केएल शर्मा ने अमेठी में स्मृति को घेर लिया। उन्हें हार का सामना करना पड़ा। मोदी कैबिनेट में तीसरी बार जगह बनाने में वह कामयाब नहीं रहीं। ऐसे में अब उन्हें दिल्ली का बंगला खाली करना पड़ा है।
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