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गाजियाबाद के मोहित पांडे बनेंगे राम मंदिर के पुजारी, ट्रेनिंग के बाद होगी भर्ती: Ram Mandir
गाजियाबाद के छात्र मोहित पांडे को अयोध्या राम मंदिर के पुजारी के रूप में चुना गया।
जानिए राम मंदिर के पुजारी की कितनी होगी सैलरी, क्या है योग्यता: Ram Mandir
दूधेश्वर नाथ मंदिर के महंत नारायण गिरि ने बताया कि यह पूरे जिले के लिए गर्व की बात है। इससे पहले आचार्य तपोराज उपाध्याय और आचार्य नित्यानंद को प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के निमंत्रण पत्र आया है। गाजियाबाद में दूधेश्वरनाथ मंदिर बहुत प्रसिद्ध है। ये उत्तर भारत के प्रमुख मंदिर में से एक है। यहां देश-विदेश से लोग आते हैं।
Ram Mandir: राम लला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होनी है। इसको लेकर निमंत्रण पत्र बांटे जा रहे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी को निमंत्रण पत्र दे दिया गया है। वहीं, गाजियाबाद के छात्र मोहित पांडे को अयोध्या राम मंदिर के पुजारी के रूप में चुना गया। दूधेश्वर वेद विद्यापीठ में सात साल के अध्ययन के बाद मोहित पांडे आगे की पढ़ाई के लिए तिरुपति चले गए। उन्हें 3000 लोगों के साक्षात्कार के बाद इस पद के लिए चुने गए 50 लोगों में से चुना गया है। नियुक्ति से पहले उन्हें छह महीने के प्रशिक्षण से गुजरना होगा।
ट्रेनिंग के बाद राम मंदिर में होगी भर्ती
वहीं, राम मंदिर ट्रस्ट कार्यालय के प्रभारी प्रकाश गुप्ता ने बताया कि मोहित पांडे 24 ट्रेनिंग के लिए चयनित पुजारियों की योग्यता में श्रेष्ठ है, इसलिए उसे ट्रेनियों का हेड बना दिया गया है। छह माह की ट्रेनिंग पूरा करने के बाद प्रशिक्षित पुजारियों में राम मंदिर के लिए जितने पुजारियों की जरूरत होगी, उनका सेलेक्शन नियमानुसार किया जाएगा। अभी किसी का चयन राम मंदिर के पुजारी के लिए नहीं किया गया है।
गाजियाबाद में है दूधेश्वर वेद विद्यापीठ
दूधेश्वर नाथ मंदिर के महंत नारायण गिरि ने बताया कि यह पूरे जिले के लिए गर्व की बात है। इससे पहले आचार्य तपोराज उपाध्याय और आचार्य नित्यानंद को प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के निमंत्रण पत्र आया है। गाजियाबाद में दूधेश्वरनाथ मंदिर बहुत प्रसिद्ध है। ये उत्तर भारत के प्रमुख मंदिर में से एक है। यहां देश-विदेश से लोग आते हैं। इस मंदिर के परिसर में ही दूधेश्वर वेद विद्यापीठ भी संचालित होता है। यहां देशभर से विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करने के लिए पहुंचते हैं। वर्तमान में यहां 70 विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं। दूधेश्वर वेद विद्यापीठ से शिक्षा ग्रहण कर चुके विद्यार्थी देश-विदेश में पुजारी और आचार्य के रूप में सेवा कार्य कर रहे हैं।
क्या होनी चाहिए योग्यता?
राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य डॉ अनिल मिश्रा के मुताबिक आवेदकों की आयु 20-30 साल होनी जरूर है। इसके साथ ही आवेदक ने 6 माह की श्री रामनन्दनीय दीक्षा ली हो और गुरकुल शिक्षा पद्धति से पढ़ाई होनी अनिवार्य है। इसके साथ ही ट्रेनिंग के दौरान अर्चकों को रहने खाने की भी व्यस्था रहेगी।
कितना मिलती है सैलरी?
श्रीराम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने अभी हाल ही में पुजारियों के वेतन बढ़ाया था। ट्रस्ट ने मई में पहला इंक्रीमेंट देते हुए मुख्य पुजारी को 25 हजार रुपये और सहायक पुजारियों को 20000 रुपये देने का निर्णय लिया था। वहीं अक्टूबर महीने में दोबारा मुख्य पुजारी का वेतन 25 हजार रुपये से बढ़ाकर 32 हजार 900 रुपये और उनके सहायक पुजारियों का वेतन 31000 कर किया है। इससे पहले मुख्य पुजारी को महज 15520 रुपये और सहायक पुजारियों को 8940 रुपये का वेतन मिलता था।
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सात साल तक दूधेश्वर में की पढ़ाई
मोहित पांडे ने पहले सामवेद का अध्ययन किया, जिसके बाद वेंकटेश्वर वैदिक विश्वविद्यालय जाकर अध्ययन किया। मोहित पांडे आचार्य की डिग्री लेने के बाद पीएचडी की तैयारी कर रहे हैं। मोहित ने दूधेश्वर वेद विद्यापीठ से सात साल तक धर्म और कर्मकांड की शिक्षा ली है। यहां पिछले 23 सालों से विद्यार्थियों को वेद शिक्षा देने का सिलसिला जारी है।
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