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Rajasthan day: राजस्थान दिवस 2025, जानिए इस ऐतिहासिक दिन का महत्व

Rajasthan day: राजस्थान दिवस हर साल 30 मार्च को मनाया जाता है। यह दिन राजस्थान के गठन की वर्षगांठ को चिह्नित करता है, जब 1949 में देशी रियासतों को एकीकृत कर राजस्थान राज्य की स्थापना की गई थी।

Rajasthan day: राजस्थान दिवस 2025, ऐतिहासिक झांकियों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का संगम

Rajasthan day: राजस्थान दिवस हर साल 30 मार्च को मनाया जाता है। यह दिन राजस्थान के गठन की वर्षगांठ को चिह्नित करता है, जब 1949 में देशी रियासतों को एकीकृत कर राजस्थान राज्य की स्थापना की गई थी। राजस्थान दिवस 2025 विशेष उत्साह और जोश के साथ मनाया जाएगा, जिसमें सांस्कृतिक कार्यक्रमों, ऐतिहासिक झांकियों और परंपरागत लोक कलाओं का प्रदर्शन किया जाएगा।

राजस्थान का इतिहास और गठन

आज का राजस्थान भारत का सबसे बड़ा राज्य है, लेकिन 1947 में स्वतंत्रता के समय यह 22 से अधिक रियासतों में बंटा हुआ था। तत्कालीन गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल के प्रयासों से 30 मार्च 1949 को जयपुर, जोधपुर, बीकानेर और जैसलमेर जैसी प्रमुख रियासतों का एकीकरण हुआ, और राजस्थान को एक पूर्ण राज्य का दर्जा मिला। इसलिए, 30 मार्च को राजस्थान दिवस के रूप में मनाया जाता है, जो राज्य के एकीकरण और गौरवशाली इतिहास का प्रतीक है।

राजस्थान दिवस का महत्व

राजस्थान दिवस केवल राज्य के गठन का उत्सव नहीं है, बल्कि यह राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, वीरता, लोक कला और परंपराओं का भी सम्मान करता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य लोगों में गर्व की भावना पैदा करना और राजस्थान के गौरवशाली इतिहास से प्रेरणा लेना है।

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राजस्थान दिवस 2025 के प्रमुख आयोजन

हर साल की तरह राजस्थान दिवस 2025 भी पूरे राज्य में धूमधाम से मनाया जाएगा। जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, बीकानेर और जैसलमेर सहित विभिन्न शहरों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

1. सांस्कृतिक कार्यक्रम

-जयपुर के अल्बर्ट हॉल और अंबर महल में विशेष लोक संगीत और नृत्य कार्यक्रम होंगे।

-कालबेलिया, घूमर, चकरी, भवई और कठपुतली नृत्य जैसे पारंपरिक प्रस्तुतियां होंगी।

-राजस्थान के लोक कलाकार अपनी प्रस्तुतियों से पर्यटकों और दर्शकों को मंत्रमुग्ध करेंगे।

2. ऐतिहासिक झांकियां और प्रदर्शनी

-राजस्थान की वीरता की गाथाओं को दर्शाने के लिए झांकियां निकाली जाएंगी।

-हाथी, ऊंट और घुड़सवारी के कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।

-राजस्थानी हथकरघा और कला प्रदर्शनियों में पारंपरिक वस्त्र, गहने और हस्तशिल्प का प्रदर्शन किया जाएगा।

3. मेले और पर्यटन उत्सव

-जयपुर, जैसलमेर और जोधपुर में विशेष राजस्थानी व्यंजनों के स्टॉल लगाए जाएंगे।

-ऊंट सवारी और रेगिस्तान सफारी का आयोजन होगा।

राजस्थान पर्यटन विभाग द्वारा विशेष छूट और प्रचार कार्यक्रम चलाए जाएंगे।

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राजस्थान की विशेषताएं

राजस्थान न केवल अपनी ऐतिहासिक विरासत के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यह थार मरुस्थल, मेहरानगढ़ किला, हवामहल, चित्तौड़गढ़ किला और रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान जैसे दर्शनीय स्थलों के लिए भी जाना जाता है। यहां के प्रमुख त्योहारों में मरु महोत्सव, पुष्कर मेला, तीज और गणगौर शामिल हैं।

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