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Purple Day of Epilepsy: मिर्गी एक बीमारी है, अंधविश्वास नहीं, पर्पल डे 2025 का उद्देश्य समझें

Purple Day of Epilepsy: पर्पल डे हर साल 26 मार्च को मनाया जाता है। यह दिन मिर्गी (Epilepsy) को लेकर जागरूकता बढ़ाने और इससे जुड़े मिथकों को दूर करने के लिए समर्पित है।

Purple Day of Epilepsy: मिर्गी से जुड़ी भ्रांतियों को तोड़ने का दिन, पर्पल डे 26 मार्च

Purple Day of Epilepsy: पर्पल डे हर साल 26 मार्च को मनाया जाता है। यह दिन मिर्गी (Epilepsy) को लेकर जागरूकता बढ़ाने और इससे जुड़े मिथकों को दूर करने के लिए समर्पित है। इस खास दिन पर दुनियाभर में लोग बैंगनी (Purple) रंग के कपड़े पहनकर मिर्गी से पीड़ित लोगों के प्रति अपना समर्थन और जागरूकता जाहिर करते हैं।

पर्पल डे की शुरुआत कैसे हुई?

पर्पल डे की शुरुआत 2008 में कनाडा की कैसिडी मेगन (Cassidy Megan) नाम की एक लड़की ने की थी। कैसिडी खुद मिर्गी से पीड़ित थी और उसने देखा कि समाज में इस बीमारी को लेकर बहुत सारी गलतफहमियां और डर हैं। उसने मिर्गी से ग्रसित लोगों को आत्मविश्वास देने और जागरूकता फैलाने के लिए इस दिन की शुरुआत की।

मिर्गी क्या है?

मिर्गी एक तंत्रिका तंत्र से जुड़ी विकार (Neurological Disorder) है, जिसमें मरीज को बार-बार दौरे (Seizures) पड़ सकते हैं। यह समस्या मस्तिष्क की असामान्य विद्युत गतिविधि के कारण होती है।

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मिर्गी के लक्षण

-अचानक झटके या बेहोशी

-बार-बार चेतना खोना

-अचानक गिर जाना

-मांसपेशियों में अकड़न

-शरीर का असामान्य रूप से हिलना

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मिर्गी के कारण

-सिर में चोट लगना

-जेनेटिक कारण

-ब्रेन ट्यूमर

-न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर

-संक्रमण या तेज बुखार

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पर्पल डे क्यों महत्वपूर्ण है?

1. जागरूकता बढ़ाना: इस दिन लोगों को मिर्गी के सही कारणों, लक्षणों और इलाज के बारे में जानकारी दी जाती है।

2. मिथकों को तोड़ना: समाज में मिर्गी को लेकर कई भ्रांतियां हैं, जैसे कि यह भूत-प्रेत का असर है या लाइलाज बीमारी है। पर्पल डे इन मिथकों को दूर करने में मदद करता है।

3. मरीजों को आत्मविश्वास देना: मिर्गी से पीड़ित लोग अक्सर खुद को अलग-थलग महसूस करते हैं। यह दिन उन्हें बताता है कि वे अकेले नहीं हैं।

4. इलाज और शोध को बढ़ावा देना: इस दिन विभिन्न संस्थाएं और डॉक्टर मिर्गी के इलाज और शोध पर जोर देते हैं।

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