भारत

Pahalgam Attack: पहलगाम आतंकी हमले में हुई 28 पर्यटकों की मौत, इस आतंकी संगठन ने ली अटैक की जिम्मेदारी?

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले में 28 पर्यटकों की मौत हो गई। आतंकियों ने टूरिस्ट्स को निशाना बनाया और गोलीबारी की। गृहमंत्री अमित शाह श्रीनगर पहुंच चुके हैं।

Pahalgam Attack: पहलगाम अटैक के बाद कश्मीर छोड़कर जाने लगे टूरिस्ट, जानिए कहां ओर कैसे हुआ ये आतंकी हमला?

Pahalgam Attack: जम्मू-कश्मीर के मशहूर पर्यटन स्थल पहलगाम में मंगलवार को आतंकियों ने टूरिस्टों को निशाना बनाया। पुलिस सूत्रों ने बताया कि इस हमले में 28 मौतें हुई हैं, जिनमें ज्यादातर टूरिस्ट हैं। मृतकों में दो विदेशी और दो स्थानीय लोग भी बताए जा रहे हैं। यह 2019 के पुलवामा हमले के बाद घाटी में सबसे घातक आतंकी हमला है। स्थानीय प्रशासन ने श्रीनगर में इमरजेंसी कंट्रोल रूम बनाया है और लोगों की मदद के लिए फोन नंबर भी जारी किए हैं। ये हैं 0194-2457543, 0194-2483651 और मोबाइल नंबर 7006058623 भी दिया गया है।

जानिए कहां हुआ ये आतंकी हमला?

श्रीनगर से 90 किलोमीटर की दूरी पर है पहलगाम। यहां से छह किलोमीटर दूर है बायसरन घाटी, जहां पहुंचने में 30 मिनट का वक्त लगता है। इस जगह को ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ भी कहा जाता है। यहां घास के मैदान हैं। एक तरफ देवदार के घने जंगल हैं। यहां पर्यटक तुलियन झील तक ट्रैकिंग करने के लिए भी आते हैं। यहां पैदल रास्ते या खच्चरों पर बैठकर ही आसानी से पहुंचा जा सकता है। यहीं पर हमला हुआ।

जानिए हमले के वक्त क्या कर रहे थे पर्यटक?

यहां अलग-अलग राज्यों के पर्यटक और विदेशी सैलानी मौजूद थे। घटनास्थल पर खानपान के कुछ ठिकाने बने हुए हैं। कुछ पर्यटक वहां भेलपुरी खा रहे थे। कुछ पर्यटक खच्चरों के जरिए आवाजाही कर रहे थे। कुछ मैदान में बैठकर पिकनिक कर रहे थे।

कहां से आए थे आतंकी?

घटनास्थल पर आतंकी देवदार के घने जंगलों के रास्ते आए थे। जानकारी के मुताबिक, यह माना जा रहा है कि आतंकी किश्तवाड़ के रास्ते आए और फिर कोकरनाग के जरिए दक्षिण कश्मीर के बायसरन पहुंचे। कुछ लोगों ने आतंकियों की संख्या पांच बताई है।

Read More : Hindi News Today: ईरानी उप विदेश मंत्री से मिले एस जयशंकर, केजरीवाल और राकेश टिकैत के बीच हुई अहम बैठक

इस आतंकी संगठन ने ली हमले की जिम्मेदारी?

आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट ने हमले की जिम्मेदारी ली है। टीआरएफ, आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का सहयोगी संगठन है। पाकिस्तान में बैठा शेख सज्जाद गुल टीआरएफ का प्रमुख है। टीआरएफ की कहानी 14 फरवरी 2019 को पुलवामा हमले के साथ ही शुरू होती है। कहा जाता है कि इस हमले से पहले ही इस आतंकी संगठन ने घाटी के अंदर अपने पैर पसारने शुरू कर दिए थे। जम्मू कश्मीर में हाल ही में 85 हजार से अधिक डोमिसाइल जारी किए गए हैं। टीआरएफ यह कहकर लोगों को भड़का रहा है कि ये डोमिसाइल स्थानीय लोगों को नहीं, बल्कि बाहरी लोगों को प्रदान किए गए हैं।

लोगों ने कैंडल मार्च निकाला विरोध प्रदर्शन किया

जम्मू-कश्मीर के बारामूला में स्थानीय लोगों ने पहलगाम आतंकी हमले के खिलाफ कैंडल मार्च निकालकर विरोध जताया। वहीं श्रीनगर में स्थानीय लोगों ने मोमबत्ती जलाकर विरोध जताया। कश्मीर के लाल चौक पर जहां चहल पहल द‍िखती थी, वहां खाली नजर आया।

We’re now on WhatsApp. Click to join.

अगर आपके पास भी हैं कुछ नई स्टोरीज या विचार, तो आप हमें इस ई-मेल पर भेज सकते हैं info@oneworldnews.com

Back to top button