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Ordnance Factories Day: आयुध निर्माणी दिवस 2025, भारत की रक्षा उत्पादन क्षमता का प्रतीक

Ordnance Factories Day: आयुध निर्माणी दिवस (Ordnance Factory Day) भारत में हर वर्ष 18 मार्च को मनाया जाता है। यह दिन देश की रक्षा उत्पादन क्षमताओं और आत्मनिर्भरता को प्रदर्शित करने के लिए समर्पित है।

Ordnance Factories Day: स्वदेशी रक्षा उत्पादन का जश्न, आयुध निर्माणी दिवस

Ordnance Factories Day: आयुध निर्माणी दिवस (Ordnance Factory Day) भारत में हर वर्ष 18 मार्च को मनाया जाता है। यह दिन देश की रक्षा उत्पादन क्षमताओं और आत्मनिर्भरता को प्रदर्शित करने के लिए समर्पित है। भारतीय आयुध निर्माणियों (Ordnance Factories) की स्थापना का इतिहास 18वीं शताब्दी से जुड़ा है और यह देश की रक्षा प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।

आयुध निर्माणियों का इतिहास

भारतीय आयुध निर्माणियों का इतिहास 1775 से शुरू होता है, जब ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने कोलकाता में पहला आयुध भंडारण केंद्र (Ordnance Depot) स्थापित किया। इसके बाद, 1801 में कोसीपुर, कोलकाता में पहली औपचारिक आयुध निर्माणी की स्थापना हुई, जिसे भारत की सबसे पुरानी आयुध निर्माणी माना जाता है। समय के साथ, कई अन्य निर्माणियां भी स्थापित की गईं, जिससे भारत की रक्षा उत्पादन क्षमताएं मजबूत हुईं।

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आयुध निर्माणी बोर्ड (OFB) और उसकी भूमिका

आयुध निर्माणियों का संचालन पहले आयुध निर्माणी बोर्ड (Ordnance Factory Board – OFB) द्वारा किया जाता था, जिसकी स्थापना 1979 में हुई थी। OFB के अंतर्गत 41 आयुध निर्माणियां थीं, जो गोला-बारूद, हथियार, वाहन, कपड़ा, और बख्तरबंद उपकरण का निर्माण करती थीं। हालांकि, 1 अक्टूबर 2021 को भारत सरकार ने इन 41 निर्माणियों को सात अलग-अलग रक्षा कंपनियों में पुनर्गठित कर दिया, जिससे उनकी कार्यक्षमता और दक्षता में वृद्धि हो सके।

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आयुध निर्माणी दिवस का महत्व

यह दिन भारत की रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता को दर्शाता है। इन निर्माणियों से बने हथियार और उपकरण भारतीय सशस्त्र बलों को मजबूती प्रदान करते हैं। यह दिन रक्षा अनुसंधान और नवाचार को भी प्रोत्साहित करता है। रक्षा कर्मचारियों का सम्मान: इस दिन आयुध निर्माणियों में काम करने वाले वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और कर्मचारियों के योगदान को सराहा जाता है। आयुध निर्माणी दिवस भारत के रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और प्रगति का प्रतीक है। यह दिन हमें हमारी रक्षा उत्पादन क्षमता को समझने और उसमें सुधार करने की प्रेरणा देता है। आयुध निर्माणियों की यह यात्रा भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

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