Labour Day: श्रमिकों के बिना अधूरा है समाज, लेबर डे 2025
Labour Day: मजदूर दिवस, जिसे अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस या लेबर डे के नाम से जाना जाता है, प्रत्येक वर्ष 1 मई को पूरे विश्व में मनाया जाता है।
Labour Day: मजदूरों का सम्मान, हमारी ज़िम्मेदारी
Labour Day: मजदूर दिवस, जिसे अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस या लेबर डे के नाम से जाना जाता है, प्रत्येक वर्ष 1 मई को पूरे विश्व में मनाया जाता है। यह दिन उन मेहनतकश मजदूरों और श्रमिकों के सम्मान में मनाया जाता है, जिन्होंने अपने कठिन परिश्रम और संघर्षों के माध्यम से समाज और देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
लेबर डे की शुरुआत
इस दिवस की शुरुआत 19वीं शताब्दी के अंत में अमेरिका के शिकागो शहर से हुई थी। उस समय मजदूरों से अत्यधिक श्रम करवाया जाता था, और उन्हें उचित वेतन तथा कार्य के घंटे की कोई गारंटी नहीं थी। 1 मई 1886 को शिकागो के मजदूरों ने 8 घंटे काम, 8 घंटे आराम और 8 घंटे मनोरंजन की मांग को लेकर एक विशाल हड़ताल की थी। इस आंदोलन के दौरान कई मजदूरों की जान भी गई थी, लेकिन अंततः उनकी यह मांग मान ली गई। इसी संघर्ष और बलिदान की याद में हर साल 1 मई को मजदूर दिवस मनाया जाता है।
Read More : Rajat Patidar: पाटीदार का धमाका! सचिन तेंदुलकर का 15 साल पुराना रिकॉर्ड हुआ चकनाचूर
भारत में मजदूर दिवस की शुरुआत
भारत में मजदूर दिवस की शुरुआत 1 मई 1923 को चेन्नई (तत्कालीन मद्रास) से हुई थी। इसका श्रेय मजदूर नेता सिंगारवेलू चेटियार को जाता है, जिन्होंने इस दिन को “मजदूरों के अधिकारों की रक्षा” के प्रतीक रूप में मनाने का प्रस्ताव रखा।
Read More : Travis Scott’s: जन्मदिन मुबारक हो ट्रैविस स्कॉट, एक म्यूजिक आइकन की कहानी
मजदूर दिवस का मुख्य उद्देश्य
मजदूर दिवस का मुख्य उद्देश्य श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा करना, उन्हें सम्मान देना और उनके सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है। इस दिन विभिन्न संस्थाओं, संगठनों और सरकारी विभागों द्वारा कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिनमें श्रमिकों की समस्याओं पर चर्चा की जाती है और उनके समाधान हेतु योजनाएँ बनाई जाती हैं।
We’re now on WhatsApp. Click to join.
अगर आपके पास भी हैं कुछ नई स्टोरीज या विचार, तो आप हमें इस ई-मेल पर भेज सकते हैं info@oneworldnews.com