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Joe Biden: जो बाइडेन की प्रेरणादायक कहानी, हकलाने वाले बच्चे से व्हाइट हाउस तक का सफर

Joe Biden, 20 नवंबर 1942 को जन्मे जोसेफ रॉबिनेट बाइडेन जूनियर (Joseph Robinette Biden Jr.), जिन्हें पूरी दुनिया जो बाइडेन (Joe Biden) के नाम से जानती है,

Joe Biden : जो बाइडेन का जीवन परिचय, परिवार, राजनीति और समर्पण की मिसाल

Joe Biden, 20 नवंबर 1942 को जन्मे जोसेफ रॉबिनेट बाइडेन जूनियर (Joseph Robinette Biden Jr.), जिन्हें पूरी दुनिया जो बाइडेन (Joe Biden) के नाम से जानती है, अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति हैं। अपने जीवन के 80 से अधिक वर्ष उन्होंने राजनीति, जनसेवा और संघर्ष को समर्पित किए हैं। उनका जीवन केवल एक राजनीतिक यात्रा नहीं बल्कि एक प्रेरणादायक कहानी है, जिसमें दृढ़ निश्चय, परिवार के प्रति प्रेम और जनता के लिए समर्पण का अनोखा मेल देखने को मिलता है।

बचपन और शिक्षा

जो बाइडेन का जन्म अमेरिका के पेंसिलवेनिया राज्य के स्क्रैंटन शहर में हुआ था। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी, लेकिन उनके माता-पिता ने हमेशा मेहनत और ईमानदारी को सर्वोपरि रखा। बचपन से ही जो बाइडेन बोलने में कठिनाई (हकलाने) की समस्या से जूझते थे, लेकिन उन्होंने कभी इसे अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया। उन्होंने डेलावेयर विश्वविद्यालय (University of Delaware) से इतिहास और राजनीति विज्ञान में स्नातक किया और बाद में सिरैक्यूज़ विश्वविद्यालय (Syracuse University) से विधि (Law) की डिग्री प्राप्त की। उनकी शिक्षा ने उन्हें सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों के प्रति जागरूक बनाया।

राजनीतिक करियर की शुरुआत

जो बाइडेन ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1970 में डेलावेयर काउंटी काउंसिल के सदस्य के रूप में की। केवल 29 वर्ष की आयु में, वे 1972 में अमेरिकी सीनेट (U.S. Senate) के लिए चुने गए उस समय वे अमेरिकी इतिहास के सबसे युवा सीनेटरों में से एक बन गए। लेकिन ठीक इसके बाद उनके जीवन में एक दर्दनाक हादसा हुआ एक सड़क दुर्घटना में उनकी पत्नी नीलिया और बेटी नाओमी की मृत्यु हो गई, जबकि उनके दोनों बेटे घायल हो गए। उस कठिन समय में भी उन्होंने राजनीति नहीं छोड़ी और अपने बेटों की देखभाल करते हुए जनता की सेवा जारी रखी।

परिवार और व्यक्तिगत जीवन

1977 में जो बाइडेन ने जिल ट्रेसी जैकब्स (Jill Tracy Jacobs) से विवाह किया, जो आज अमेरिका की फर्स्ट लेडी हैं। उनकी एक बेटी एशले बाइडेन हैं। जो बाइडेन के बड़े बेटे ब्यू बाइडेन (Beau Biden) डेलावेयर के अटॉर्नी जनरल रहे, लेकिन 2015 में ब्रेन कैंसर से उनका निधन हो गया। यह घटना जो बाइडेन के जीवन की सबसे दर्दनाक घटनाओं में से एक थी। उन्होंने अपने बेटे की स्मृति में किताब “Promise Me, Dad” लिखी, जो उनके भावनात्मक सफर को दर्शाती है।

उप राष्ट्रपति के रूप में कार्यकाल

जो बाइडेन ने 2009 से 2017 तक अमेरिका के उपराष्ट्रपति के रूप में बराक ओबामा के साथ कार्य किया। इस दौरान उन्होंने अमेरिकी अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने, स्वास्थ्य सुधार (Affordable Care Act) को लागू करने और विदेश नीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ओबामा ने 2017 में उन्हें “Presidential Medal of Freedom” से सम्मानित किया, जो अमेरिका का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है।

राष्ट्रपति बनने का सफर

2020 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जो बाइडेन ने तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को हराकर एक ऐतिहासिक जीत दर्ज की। वे अमेरिका के सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति बने। उनका चुनाव अभियान “Build Back Better” के नारे पर केंद्रित था, जिसमें उन्होंने एकजुटता, जलवायु परिवर्तन पर कार्रवाई और सामाजिक समानता पर ज़ोर दिया।

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राष्ट्रपति के रूप में प्रमुख कार्य

राष्ट्रपति बनने के बाद जो बाइडेन ने कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए बड़े पैमाने पर टीकाकरण कार्यक्रम शुरू किया। उन्होंने जलवायु परिवर्तन को प्राथमिकता देते हुए अमेरिका को फिर से पेरिस जलवायु समझौते (Paris Climate Agreement) में शामिल किया। उनकी सरकार ने महिलाओं के अधिकार, स्वास्थ्य सेवाओं, और मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए कई योजनाएं शुरू कीं। विदेश नीति के तहत उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध, चीन के साथ संबंधों और मध्य पूर्व में स्थिरता पर ध्यान केंद्रित किया।

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प्रेरणा और विरासत

जो बाइडेन का जीवन हमें यह सिखाता है कि संघर्ष और संवेदना एक नेता की सबसे बड़ी ताकत होती है।
उन्होंने अपने निजी दुखों को कभी अपनी सेवा भावना पर हावी नहीं होने दिया। आज भी वे युवाओं को यह संदेश देते हैं कि राजनीति केवल सत्ता का खेल नहीं, बल्कि लोगों की सेवा का माध्यम है। जो बाइडेन का जन्मदिन केवल एक राजनीतिक व्यक्ति का उत्सव नहीं है, बल्कि संवेदना, संघर्ष और समर्पण के प्रतीक एक इंसान का सम्मान है। उनका जीवन यह दर्शाता है कि चाहे कितनी भी मुश्किलें आएं, अगर इरादा मजबूत हो तो हर चुनौती पार की जा सकती है। 20 नवंबर को जब दुनिया जो बाइडेन का जन्मदिन मनाती है, तो यह केवल एक नेता का नहीं बल्कि आशा और मानवता के प्रतीक का उत्सव होता है।

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