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Japan tsunami: धरती हिली तो समुद्र भी बिफरा, Russia और Japan में सुनामी का कहर

Japan tsunami, रूस और जापान एक बार फिर प्रकृति के दोहरे प्रकोप का शिकार हुए हैं। शक्तिशाली भूकंप के झटकों के बाद इन दोनों देशों के तटीय इलाकों में सुनामी की भयावह लहरें देखी गईं।

Japan tsunami : समुद्र से निकला कहर, भूकंप के बाद Russia और Japan में आई भीषण सुनामी

Japan tsunami, रूस और जापान एक बार फिर प्रकृति के दोहरे प्रकोप का शिकार हुए हैं। शक्तिशाली भूकंप के झटकों के बाद इन दोनों देशों के तटीय इलाकों में सुनामी की भयावह लहरें देखी गईं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुछ क्षेत्रों में समुद्र की लहरें 3 मीटर यानी लगभग 10 फीट तक ऊंची उठीं, जिससे तटीय इलाकों में हड़कंप मच गया।

कहर बरपाने वाला भूकंप

रूस के कमचटका प्रायद्वीप और जापान के होक्काइडो द्वीप के पास रिक्टर स्केल पर 7.5 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप दर्ज किया गया। कंपन की तीव्रता इतनी अधिक थी कि कई सेकंड तक ज़मीन कांपती रही और लोग डर के मारे अपने घरों से बाहर निकल आए। इन क्षेत्रों में भूकंप के तुरंत बाद Tsunami अलर्ट जारी कर दिया गया, जिसके बाद राहत और बचाव टीमें सक्रिय हो गईं।

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3 मीटर तक उठीं समुद्री लहरें

भूकंप के कुछ ही मिनटों बाद समुद्र में हलचल शुरू हो गई और Tsunami की तेज़ लहरें तटों की ओर बढ़ने लगीं। जापान के होक्काइडो और रूस के पेट्रोपावलोव्स्क-कमचात्स्की इलाके में 2.5 से 3 मीटर ऊंची लहरों ने कई तटीय क्षेत्रों में पानी भर दिया। हालांकि अब तक किसी बड़ी जनहानि की खबर नहीं है, लेकिन संपत्ति को नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है।

रिंग ऑफ फायर की भूमिका

यह घटना एक बार फिर ‘रिंग ऑफ फायर’ क्षेत्र की सक्रियता की ओर इशारा करती है। रिंग ऑफ फायर प्रशांत महासागर के चारों ओर फैला एक ज्वालामुखीय और भूकंपीय क्षेत्र है, जहां धरती की विवर्तनिक प्लेट्स लगातार गति में रहती हैं। दुनिया के लगभग 90% भूकंप और 75% सक्रिय ज्वालामुखी इसी क्षेत्र में पाए जाते हैं। रूस और जापान दोनों ही इस बेल्ट के महत्वपूर्ण हिस्से हैं, जिस कारण यहां इस प्रकार की घटनाएं बार-बार देखने को मिलती हैं।

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अलर्ट और सावधानियां

जापान और रूस दोनों देशों ने तटीय इलाकों में अस्थायी रूप से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया है। मछली पकड़ने वाली नौकाएं वापस बुला ली गई हैं और नौपरिवहन को रोक दिया गया है। साथ ही, स्कूलों और ऑफिसों को भी अस्थायी रूप से बंद रखने के निर्देश दिए गए हैं। आपदा प्रबंधन एजेंसियां स्थिति पर नज़र बनाए हुए हैं। रूस और जापान में आया यह शक्तिशाली भूकंप और उससे उत्पन्न Tsunami एक बार फिर साबित करता है कि प्रकृति के सामने इंसान आज भी असहाय है। हालांकि आधुनिक तकनीक के चलते समय पर चेतावनी और रेस्क्यू ऑपरेशन्स संभव हो पाए हैं, लेकिन ऐसे क्षेत्रों में सतर्कता और तैयार रहना ही सबसे बड़ा हथियार है। भविष्य में इस क्षेत्र में और भी भूगर्भीय हलचलों की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

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