भारत
सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी, परंपरा के नाम पर जलीकट्टू को इजाजत नहीं
जलीकट्टू मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई करते हुए एक सख्त टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि क्या परंपरा के नाम पर बाल विवाह जैसी कुप्रथाओं को इजाजत दे देनी चाहिए?
कोर्ट ने यह कहा है कि 18वीं शताब्दी में 12 साल से भी कम उम्र की बच्चियों के बाल विवाह होते थे और जो अब नहीं होते है, तो क्या उसे भी इजाजत दी जाए।
कोर्ट ने यह भी कहा है कि, क्या जलीकट्टू को इजाजत दे देनी चाहिए भले ही वो 5000 साल पुरानी परंपरा है और कानून के दायरे से बाहर है। लेकिन अगर तमिलनाडू सरकार हमें संतुष्ट कर दे कि हमारा रोक लगाने का फैसला सही नहीं है तो हम इस मामले को संवैधानिक बेंच को भेज देंगे।
जलीकट्टू मामले की अगली सुनवाई 23 अगस्त को होगी।
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