भारत

Indira Gandhi: इंदिरा गांधी की जयंती पर जानें उनके जीवन, संघर्ष और उपलब्धियां

Indira Gandhi, भारत के इतिहास में कई ऐसे नेता हुए हैं जिन्होंने अपने साहस, निडरता और नेतृत्व क्षमता से देश को नई दिशा दी।

Indira Gandhi : इंदिरा गांधी जयंती 2025, लौह महिला के अदम्य साहस को नमन

Indira Gandhi, भारत के इतिहास में कई ऐसे नेता हुए हैं जिन्होंने अपने साहस, निडरता और नेतृत्व क्षमता से देश को नई दिशा दी। उन्हीं में से एक थीं इंदिरा प्रियदर्शिनी गांधी, जिन्हें भारत की “लौह महिला” (Iron Lady of India) कहा जाता है। 19 नवंबर 1917 को जन्मी इंदिरा गांधी ने भारतीय राजनीति में न केवल अपनी मजबूत पहचान बनाई, बल्कि भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रतिष्ठा दिलाई। उनकी जयंती पर आज पूरा देश उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता है।

इंदिरा गांधी का प्रारंभिक जीवन

इंदिरा गांधी का जन्म उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में हुआ था। वे पंडित जवाहरलाल नेहरू, भारत के पहले प्रधानमंत्री, और कमला नेहरू की पुत्री थीं। बचपन से ही उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम का वातावरण देखा और देशभक्ति की भावना उनके भीतर गहराई से बस गई थी। उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा पुणे और शांति निकेतन से प्राप्त की और आगे की पढ़ाई इंग्लैंड के ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से की। विदेश में रहते हुए भी वे भारत की स्वतंत्रता के प्रति समर्पित रहीं।

स्वतंत्रता संग्राम में भूमिका

इंदिरा गांधी ने बहुत कम उम्र से ही स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई। उन्होंने ‘वानर सेना’ नाम का एक समूह बनाया था, जिसमें बच्चे स्वतंत्रता सेनानियों की मदद करते थे संदेश पहुंचाने, झंडे लगाने और ब्रिटिश विरोधी आंदोलनों में भाग लेने का काम करते थे। उनकी यह देशभक्ति बाद में उनके राजनीतिक जीवन की नींव बनी।

राजनीति में प्रवेश और प्रधानमंत्री बनने तक का सफर

स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद इंदिरा गांधी ने कांग्रेस पार्टी के साथ अपना राजनीतिक सफर शुरू किया। वे 1959 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष बनीं। 1964 में नेहरू जी के निधन के बाद लाल बहादुर शास्त्री प्रधानमंत्री बने और इंदिरा गांधी सूचना और प्रसारण मंत्री के रूप में कैबिनेट में शामिल हुईं। 1966 में शास्त्री जी की मृत्यु के बाद इंदिरा गांधी भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं।

उनके नेतृत्व में भारत का स्वर्ण युग

इंदिरा गांधी के शासनकाल में भारत ने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल कीं —

  1. 1971 का भारत-पाक युद्ध: इस युद्ध में भारत की जीत के परिणामस्वरूप बांग्लादेश का निर्माण हुआ। इस सफलता ने इंदिरा गांधी की छवि को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत बनाया।
  2. हरित क्रांति (Green Revolution): उन्होंने कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भरता लाने के लिए हरित क्रांति को प्रोत्साहित किया, जिससे भारत खाद्यान्न उत्पादन में अग्रणी बना।
  3. बैंकों का राष्ट्रीयकरण: 1969 में उन्होंने 14 प्रमुख बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया ताकि आर्थिक असमानता कम हो सके।
  4. गरीबी हटाओ अभियान: उन्होंने “गरीबी हटाओ” का नारा दिया और गरीब वर्ग के उत्थान के लिए कई योजनाएं शुरू कीं।

विवाद और आपातकाल

हालांकि इंदिरा गांधी का शासन कई उपलब्धियों से भरा था, लेकिन 1975 का आपातकाल (Emergency) उनके राजनीतिक जीवन का सबसे विवादित दौर रहा। देश में 21 महीने तक आपातकाल लागू रहा, जिसके दौरान प्रेस की स्वतंत्रता सीमित की गई और कई विपक्षी नेताओं को जेल में डाला गया। इस निर्णय ने उनके राजनीतिक करियर पर गहरा प्रभाव छोड़ा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और 1980 में फिर से सत्ता में वापसी की।

Read More: Budget-Friendly Halloween: कम खर्च में शानदार हैलोवीन पार्टी कैसे करें, आसान और क्रिएटिव आइडियाज

अंतिम समय और दुखद अंत

31 अक्टूबर 1984 को इंदिरा गांधी की उनके ही सुरक्षा कर्मियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। उनकी हत्या ने पूरे देश को झकझोर दिया। उनकी मृत्यु के बाद देशभर में दंगे भड़क उठे, लेकिन उनके योगदान और नेतृत्व की यादें आज भी लोगों के दिलों में जीवित हैं।

Read More: Thamma Trailer X Reactions: ‘थामा’ ट्रेलर रिलीज़, क्या होगी ‘भेड़िया’ की वापसी? दर्शकों के रिएक्शन वायरल

इंदिरा गांधी की विरासत

इंदिरा गांधी का जीवन साहस, दृढ़ निश्चय और राष्ट्रभक्ति का प्रतीक है। उन्होंने दिखाया कि एक महिला भी पुरुषप्रधान राजनीति में नेतृत्व कर सकती है और देश को नई दिशा दे सकती है। उनकी नीतियां आज भी भारत की आर्थिक और सामाजिक संरचना में गहराई से जुड़ी हुई हैं। इंदिरा गांधी सिर्फ एक नेता नहीं थीं, बल्कि एक विचार थीं एक ऐसी सोच जो देश की एकता, आत्मनिर्भरता और सशक्तिकरण की बात करती है।

We’re now on WhatsApp. Click to join.

अगर आपके पास भी हैं कुछ नई स्टोरीज या विचार, तो आप हमें इस ई-मेल पर भेज सकते हैं info@oneworldnews.com

Back to top button