‘मोस्ट फेवर्ड नेशन’ पर पुर्नविचार करेगा भारत
‘मोस्ट फेवर्ड नेशन’ पर पुर्नविचार करेगा भारत
‘मोस्ट फेवर्ड नेशन’ पर पुर्नविचार करेगा भारत :- सिंधु जल समझौते को रद्द करने की बातचीत के बीच भारत, पाकिस्तान को एक और झटका देने जा रहा है।
मोस्ट फेवर्ड नेशन के दर्जे पर पुर्नविचार
भारत पाकिस्तान को दिए ‘मोस्ट फेवर्ड नेशन’ के दर्जे पर पुर्नविचार करने जा रहा है। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 सितंबर को एक बैठक बुलाई है। इस बैठक में विदेश मंत्रालय और वित्त मंत्रालय के अधिकारी मौजूद होंगे।
उरी हमले के बाद भारत सरकार लगातार पाकिस्तान को कड़ा संदेश देता आ रहा है। इसी सूची में ‘मोस्ट फेवर्ड नेशन’ के दर्जे पर पुर्नविचार करने जा रही है।
यहाँ पढ़ें : सिंधु जल संधि के रद्द होने से पाकिस्तान पर क्या होगा असर…
डब्लूटीओ ने दिया था दर्जा
साल 1996 में डब्लूटीओ के व्यापार संघ के जनरल एंग्रीमेंट के तहत भारत पाकिस्तान को मोस्ट फैवर्ड नेशन का दर्जा दिया गया था। जिस पर भारत और पाकिस्तान ने साइन किया जिसके तहत वह दोनों एक दूसरे की व्यापारिक संगठनों में सहायता करेंगे साथ ही डब्लूटीओ के बाकी देशों के साथ भी पसंदीदा व्यापार संगठन के तौर पर व्यवहार करेंगे।
एसोचैम के अनुसार साल 2015-16 में 641 डॉलर बिलियन का व्यापार किया है। जबकि पाकिस्तान ने 2.67 डॉलर बिलियन का व्यापार किया है।
सोमवार को हुई थी बैठक
इससे पहले सोमवार को प्रधानमंत्री ने ‘सिंधु जल संधि’ योजना के लिए एक बैठक बुलाई थी। जिसमें सिंधु नदी के छह सहायक नदियों के जल के लेकर विचार किया गया था। जिसका पानी भारत से होकर पाकिस्तान के ओर जाता है।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौते के बाद तत्कालीन पीएम जवाहर लाल नेहरु ने संसद में कहा था ‘हमने कीमत देकर शांति खरीदी है। लेकिन भारत अब शांति के लिए आतंकवादियों के हमले सहने को तैयार नहीं।‘ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को उच्चस्तरीय बैठक में सिंधु जल समझौते की समीक्षा की। इसमें उन्होंने साफ कहा ‘रक्त के साथ पानी नहीं बह सकता।’