Independence Day 2025: जानिए कैसी थी स्वतंत्र भारत की पहली सुबह, आप भी जानें आजादी के अनसुने किस्सें
भारत में हर वर्ष 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस बड़े गर्व और उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह दिन हमें हमारे देश की आज़ादी की याद दिलाता है, जब भारत ने 200 वर्षों की ब्रिटिश गुलामी से मुक्ति पाई थी। यह केवल एक राष्ट्रीय अवकाश नहीं है, बल्कि यह हमारे संघर्ष, बलिदान और देशभक्ति की भावना का प्रतीक है।
Independence Day 2025: आजादी के इस कार्यक्रम में क्यों शामिल नहीं हुए थे महात्मा गांधी?
Independence Day 2025: बहुत समय पहले की बात है। भारत एक समृद्ध और सुंदर देश था जिसे “सोने की चिड़िया” कहा जाता था। यहाँ के लोग खुशहाल थे और अपने राजा के अधीन स्वतंत्र जीवन जीते थे। लेकिन फिर एक समय आया जब अंग्रेज़ भारत में व्यापार करने आए और धीरे-धीरे पूरे देश पर राज करने लगे। शुरू में लोगों को यह समझ ही नहीं आया कि वे गुलाम बन चुके हैं। लेकिन जैसे-जैसे अंग्रेजों का अत्याचार बढ़ता गया, लोगों का क्रोध और असंतोष भी बढ़ने लगा। भारत पर लगभग दो शताब्दियों तक अंग्रेजों का शासन रहा। इस दौरान भारतीयों को कई प्रकार के अन्याय, शोषण और अत्याचार सहने पड़े। महात्मा गांधी, भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस, रानी लक्ष्मीबाई, चंद्रशेखर आजाद, बाल गंगाधर तिलक जैसे अनेक स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने प्राणों की आहुति दी। लंबे संघर्ष के बाद आखिरकार 15 अगस्त 1947 को भारत को स्वतंत्रता प्राप्त हुई।

स्वतंत्र भारत की पहली सुबह
यह संघर्ष छोटा नहीं था – 200 साल तक भारत ने गुलामी सही, हजारों लोगों ने अपनी जानें दे दीं। 15 अगस्त 1947 की रात, भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने ‘Tryst with Destiny’ नामक ऐतिहासिक भाषण दिया और भारत ने एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में अपनी नई यात्रा शुरू की। लाल किले से पहली बार तिरंगा फहराया गया और लोगों ने खुशी के आँसू के साथ आज़ादी का स्वागत किया।

इस कार्यक्रम में क्यों शामिल नहीं हुए थे महात्मा गांधी?
आजादी के समय जवाहर लाल नेहरू और सरदार वल्लभ भाई पटेल ने महात्मा गांधी को पत्र भेजकर स्वाधीनता दिवस पर आशीर्वाद देने के लिए बुलाया था, लेकिन महात्मा गांधी इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए थे। उन्होंने पत्र के जवाब में जवाहर लाल नेहरू और सरदार वल्लभ भाई पटेल को कहा था कि, “मैं 15 अगस्त पर खुश नहीं हो सकता। मैं आपको धोखा नहीं देना चाहता, मगर इसके साथ ही मैं ये नहीं कहूंगा कि आप भी खुशी ना मनाएं। उन्होंने कहा था कि दुर्भाग्य से आज हमें जिस तरह आजादी मिली है, उसमें भारत-पाकिस्तान के बीच भविष्य के संघर्ष के बीज भी हैं। मेरे लिए आजादी की घोषणा की तुलना में हिंदू-मुस्लिमों के बीच शांति अधिक महत्वपूर्ण है।”

स्वतंत्रता दिवस का महत्त्व
स्वतंत्रता दिवस हमें यह स्मरण कराता है कि हमारी आज़ादी की कीमत कितनी बड़ी थी। यह दिन राष्ट्रभक्ति और एकता की भावना को मजबूत करता है। आज भी, हर वर्ष 15 अगस्त को प्रधानमंत्री द्वारा लाल किले से तिरंगा फहराया जाता है, राष्ट्रीय गान गाया जाता है और देशभर में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है।

विद्यार्थियों और नागरिकों की भूमिका
आज़ादी केवल एक बार मिलने वाली घटना नहीं है, बल्कि इसे हर पीढ़ी को बचाकर रखना होता है। भ्रष्टाचार, असमानता, और सामाजिक बुराइयों से लड़ना ही सच्चे मायनों में स्वतंत्र भारत की सेवा करना है। हमें अपने कर्तव्यों को समझते हुए एक स्वच्छ, शिक्षित और मजबूत भारत का निर्माण करना होगा।
Read More: Hindi News Today: झारखंड के पूर्व सीएम शिबू सोरेन का हुआ निधन, दिल्ली-NCR में आज जमकर बरसेंगे बादल
स्वतंत्रता दिवस का संदेश
इस दिन को हर साल हम देशभक्ति, गर्व और कृतज्ञता के साथ मनाते हैं। यह केवल एक पर्व नहीं, बल्कि उन लाखों बलिदानियों को श्रद्धांजलि है जिनकी वजह से आज हम स्वतंत्र हवा में साँस ले पा रहे हैं।
We’re now on WhatsApp. Click to join.
अगर आपके पास भी हैं कुछ नई स्टोरीज या विचार, तो आप हमें इस ई-मेल पर भेज सकते हैं info@oneworldnews.com







