ऐतिहासिक फैसला! खत्म हुआ रेल बजट
ऐतिहासिक फैसला! खत्म हुआ रेल बजट
ऐतिहासिक फैसला! खत्म हुआ रेल बजट:- एक देश एक बजट का नारा आज आखिरकार सफल हो गया। अब से संसद में पेश होना रेल बजट हमेशा से लिए लुप्त हो गया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में आज यह फैसला लिया है। इस फैसले के बाद से अब रेल बजट आम बजट के साथ ही पेश किया जाएगा।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी है
केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने इस बात की जानकारी प्रेस कांफ्रेंस करके दी है। इसके अलावा मंत्रिमंडल ने दाल खाद्य तेल एवं तिलहन के लिए भंडारण सीमा की अवधि एक साल की लिए बढा दी है। अब यह अवधि 30 सितंबर 2017 तक कर दी गई है।
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प्रधानमंत्री कार्यालय में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। प्रस्ताव मंजूरी मिलने के बाद अब रेल बजट आम बजट के साथ ही पारित होगा। आम बजट के साथ पेश होने के बावजूद रेलवे अपना कामकाज अपने तौर पर करेगा। वह अपना काम काज स्वतंत्र रुप से करेगा।
एक देश एक बजट
भाड़े का अधिकार रेलवे अपना पास रखना चाहता है
सूत्रों की मानें तो रेलवे मंत्रालय चाहता है कि माल भाड़ा तय करने का अधिकार उनके पास हो। इसके साथ ही बाजार से पैसा लेने का काम भी वह अपने हाथों में रखें न कि वित्तमंत्री को देना पड़े।
आम बजट में रेलवे बजट के विलय से भारतीय रेलवे को वित्तीय तौर पर आजादी मिल पाएगी। माना जा रहा है कि भारतीय रेलवे को डिविडेंड देने से मुक्ति मिल जाएगी।
माना यह भी जा रहा है कि सातवें आयोग के वजह से रेलवे पर जो अतिरिक्त भार पड़ा है उसमें वित्त मंत्रालय उसकी मदद कर सकता है।
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नीति आयोग रखा था प्रस्ताव
आपको बता दें साल 1924 में पहली बार रेलवे बजट संसद में पेश हुआ था। लगभग 91 साल तक चला यह बजट अब संसद से लुप्त हो चुका है। अब अगले साल 2017 में रेल बजट आम बजट के साथ ही पेश होगा।
इससे पहले नीति आयोग ने रेल बजट को आम बजट के साथ मिलने का सैद्धातिंक प्रस्ताव रखा था जिसे आज मंजूरी मिल गई।