Hindi News Today: यूपी की इस सीट से चुनाव लड़ेंगी प्रियंका गांधी, West Bengal में बोले पीएम मोदी- टीएमसी कानून और संविधान को कुचलने वाली पार्टी
Hindi News Today: सोनिया गांधी के बाद रायबरेली में कौन? इस बड़े सवाल का हल कांग्रेस आलाकमान ने करीब ढूंढ़ लिया है। इंतजार है तो पहले चरण के चुनाव के पूरे होने का। इसके बाद रायबरेली के रण में प्रियंका के उतरने के संकेत शनिवार को जिला कार्यकारिणी को मिले हैं।
Hindi News Today: उद्धव ठाकरे पर बरसे एकनाथ शिंदे, बोले- हमें नौकर समझ रखा था
सोनिया गांधी के बाद रायबरेली में कौन? इस बड़े सवाल का हल कांग्रेस आलाकमान ने करीब ढूंढ़ लिया है। इंतजार है तो पहले चरण के चुनाव के पूरे होने का। इसके बाद रायबरेली के रण में प्रियंका के उतरने के संकेत शनिवार को जिला कार्यकारिणी को मिले हैं। इसके बाद से शांत बैठे कार्यकर्ता रविवार को उत्साहित नजर आए। प्रियंका को यहां से चुनाव लड़ाने के लिए जिला कमेटी के पदाधिकारी फरवरी में दस जनपथ पहुंच कर गुहार लगा चुके हैं। रायबरेली सीट कांग्रेस के लिए इस चुनाव में बहुत महत्वपूर्ण है। सपा के साथ गठबंधन के कारण कांग्रेस के हिस्से में 17 सीटें आईं हैं। रायबरेली से प्रियंका गांधी के चुनाव मैदान में उतरने से कांग्रेस मनोवैज्ञानिक बढ़त लेने की कोशिश भी करेगी।
कांग्रेस के थिंक टैंक का मानना है कि प्रियंका गांधी यदि रायबरेली से अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत करती हैं तो इसका एक बड़ा संदेश प्रदेश की हर लोकसभा सीट पर जाएगा, जिसका फायदा इंडिया गठबंधन को मिलेगा। रायबरेली में प्रियंका गांधी की लोकप्रियता उसी तरह है जिस तरह उनकी दादी इंदिरा गांधी और मां सोनिया गांधी की। प्रियंका ने पहली बार रायबरेली में 1999 के लोकसभा चुनाव के दौरान कदम रखा। उस समय कांग्रेस प्रत्याशी कैप्टन सतीश शर्मा के चुनाव की पूरी बागडोर प्रियंका ने संभाली। इसका नतीजा यह रहा कि कैप्टन सतीश शर्मा ने चुनाव जीता। प्रियंका ने इस दौरान जिले में घूम-घूमकर प्रचार किया था। सन 2004 के लोकसभा चुनाव में जब सोनिया गांधी मैदान में उतरीं तो प्रियंका ने उनके चुनाव का प्रबंधन खुद संभाला। रायबरेली की सियासी समझ प्रियंका को बखूबी है।
लोकसभा चुनाव से पहले हरियाणा में जजपा को झटका, प्रदेश अध्यक्ष का पार्टी छोड़ने का एलान
लोकसभा चुनाव से पहले जननायक जनता पार्टी को बड़ा झटका लगने वाला है। प्रदेश अध्यक्ष निशान सिंह पार्टी का साथ छोड़ेंगे। उनके भाजपा या कांग्रेस में जाने की अटकलें जोरों पर है। खुद निशान सिंह ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि वह अब जजपा के साथ नहीं रहेंगे। संवाद न्यूज एजेंसी से बातचीत में निशान सिंह ने दावा किया है कि वह आज या कल में जजपा से इस्तीफा दे देंगे। इसके बाद प्रेस वार्ता करके भविष्य के फैसले की जानकारी देंगे। सरदार निशान सिंह साल 2000 में इनेलो की टिकट पर जीतकर टोहाना से विधायक चुने गए थे। हालांकि, बाद में भी उन्होंने इनेलो की टिकट पर लगातार 3 चुनाव लड़े। मगर कोई भी चुनाव नहीं जीत पाए। हर बार दूसरे स्थान पर रहे। साल 2019 के चुनाव में टोहाना विधानसभा क्षेत्र से सरदार निशान सिंह जजपा की टिकट के प्रमुख दावेदार थे। मगर ऐन वक्त पर कांग्रेस की टिकट नहीं मिलने पर देवेंद्र सिंह बबली ने जजपा का दामन थामा। बबली के मजबूत दावेदार होने के चलते पार्टी नेताओं के आग्रह पर निशान सिंह ने टोहाना सीट बबली के लिए छोड़ दी। बाद में बबली टोहाना से जीते और साल 2021 में प्रदेश की गठबंधन सरकार में पंचायत मंत्री भी बने।
राजनीति में आने के बाद कंगना ने खुद को गिफ्ट की मर्सिडीज मेबैक कार
बॉलीवुड क्वीन कंगना रणौत राजनीति में आने के बाद से लगातार सुर्खियों में छाई हुई हैं। इसी बीच कंगना ने खुद को एक नई कार गिफ्ट की है। रविवार को कंगना मुंबई में अपनी नई मर्सिडीज मेबैक में घूमती दिखाई दीं। अभिनेत्री को एक सैलून से बाहर निकलते समय अपनी कार में बैठकर जाते हुए देखा गया। इस दौरान सफेद रंग के आउटफिट में कंगना बेहद खूबसूरत लग रही थीं। पैपराजी ने कंगना रणौत के नए कार में बैठते हुए उनकी कई तस्वीरें क्लीक कीं। कंगना के पास इस कार से पहले भी कई कार हैं। अभिनेत्री के पास पहले से ही मर्सिडीज मेबैक एस680 है। हाल ही में उन्होंने अपनी दूसरी मेबैक मर्सिडीज-मेबैक जीएलएस खरीदी है। इसकी कीमत 2 करोड़ 43 लाख रुपये है। कंगना ने मेबैक एस680 तीन करोड़ छह लाख में खरीदा था।
उद्धव ठाकरे पर बरसे एकनाथ शिंदे, बोले- हमें नौकर समझा
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दावा किया है कि उन्होंने शिवसेना से इसीलिए बगावत की क्योंकि उद्धव ठाकरे ने बाल ठाकरे की विचारधारा को त्याग दिया था। उन्होंने ये भी कहा कि उद्धव ठाकरे हमें घरेलू सहायक समझने लगे थे। नागपुर के रामटेक में शिवसेना कार्यकर्ताओं की एक बैठक को संबोधित करते हुए सीएम शिंदे ने कहा कि वो मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहते थे लेकिन बाल ठाकरे की विचारधारा से समझौता होते देख उन्हें विद्रोह करना पड़ा। बैठक में मुख्यमंत्री शिंदे ने शिवसेना से हुई बगावत पर खुलकर बात की। शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि बालासाहेब ठाकरे हमें यानी पार्टी के लोगों को दोस्त की तरह मानते थे लेकिन उद्धव ऐसे नहीं थे वो हमें घर का नौकर समझने लगे थे।
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शिंदे ने उद्धव पर बालासाहेब जो शिवसेना के संस्थापक थे उनकी विचारधारा से भटकने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बाल ठाकरे की विचारधारा से समझौता होता देख उन्होंने पार्टी से विद्रोह किया। सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि वो महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री हैं बावजूद इसके वो एक एक कार्यकर्ता के रूप में काम करते हैं। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी में कोई नौकर या कोई मालिक नहीं है। बल्कि सभी लोग एक-दूसरे के सहयोग से काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी में राजा का बेटा ही राजा बनेगा ऐसा नहीं है बल्कि जो काम करेगा वहीं राजा बनेगा।
वेस्ट बंगाल में बोले PM मोदी- TMC कानून और संविधान को कुचलने वाली पार्टी
पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में प्रधानमंत्री मोदी ने चुनावी जनसभा को संबोधित किया। पीएम मोदी ने जनसभा में टीएमसी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि 4 जून के बाद भ्रष्टाचार पर एक्शन और तेज होगा। पश्चिम बंगाल में महिलाओं पर अत्याचार हुआ। संदेशखाली में जो हुआ वो पूरे देश ने देखा है। टीएमसी जांच एजेंसियों पर हमले कराती है। इस चुनाव में टीएमसी को सबक सिखाना बहुत जरूरी है। पीएम मोदी ने कहा कि हर पोलिंग बूथ में टीएमसी की जमानत जब्त होनी चाहिए। टीएमसी कानून और संविधान का कुचलने वाली पार्टी है।
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