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Hindi News Today: दिल्ली धमाका से लेकर K-5 मिसाइल तक: भारत की सुरक्षा, राजनीति और प्रदूषण पर बड़ा अपडेट

देश में सुरक्षा मोर्चे पर बड़ी हलचल देखी गई जहां लाल किले के पास धमाके के बाद सरकार ने आतंक पर ज़ीरो टॉलरेंस का सख्त संदेश दिया, वहीं DRDO ने K-5 मिसाइल की दिशा में अहम कदम बढ़ाते हुए स्टेज-2 रॉकेट मोटर का सफल परीक्षण किया। इसके साथ ही दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने गहरी चिंता जताई और वर्चुअल सुनवाई की सलाह दी। अल-फलाह यूनिवर्सिटी पर जांच भी तेज़ हो गई है, जिससे मामला और गंभीर होता दिख रहा है।

Hindi News Today: भारत की सुरक्षा नीति का कड़ा संदेश

Hindi News Today: केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने दिल्ली बम धमाके पर कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि लाल किले के पास हुए कार विस्फोट के दोषियों को मिली सजा दुनिया के लिए एक स्पष्ट संदेश है। उन्होंने कहा कि इस कार्रवाई से साफ होता है कि भारत ऐसी घटनाओं को किसी भी हालत में दोबारा होने नहीं देगा। शाह ने ज़ोर देकर कहा कि इसमें शामिल हर व्यक्ति को कठोरतम सजा दिलाई जाएगी, जो सरकार के शीर्ष नेतृत्व की मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ की गई कार्रवाई यह दिखाएगी कि भारत किसी भी रूप में आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करता। जो भी देश को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेगा, उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। उन्होंने आश्वासन दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संकल्प दोषियों को सख्त सज़ा दिलाने का पूरी तरह निभाया जाएगा।

प्रोजेक्ट K-5

भारत रक्षा क्षेत्र में एक और अहम कदम बढ़ा रहा है। प्रोजेक्ट K-5 स्टेज-2 रॉकेट मोटर का सफल स्टैटिक टेस्ट होने के बाद अब K-5 बैलिस्टिक मिसाइल के परीक्षण की तैयारी शुरू हो गई है। लगभग 5000 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली यह मिसाइल पनडुब्बी से दागी जा सकेगी, और दुश्मन को पता भी नहीं चलेगा। इसका निर्माण DRDO द्वारा किया जा रहा है।

यह परीक्षण 12 सितंबर 2025 को नासिक के एडवांस्ड सेंटर फॉर एनर्जेटिक मैटेरियल्स में किया गया, जिससे समुद्र की गहराई में उपयोग होने वाली प्रणोदन प्रणाली की क्षमता की पुष्टि हुई। इस मोटर की लंबाई 2,680 मिमी और व्यास 2,490 मिमी है, और इसमें HD 1.3 कंपोज़िट प्रणोदक का इस्तेमाल किया जाता है, जो अत्यंत शक्तिशाली माना जाता है।

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पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम

कैबिनेट की बुधवार को हुई बैठक में पहली बार लालकिले के पास हुआ विस्फोट एक आतंकी हमला घोषित किया गया। प्रस्ताव में इसे राष्ट्र-विरोधी ताकतों की कायराना हरकत बताते हुए आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस की नीति को दोहराया गया। पहलगाम हमले के बाद भारत पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि आतंक पर सख्ती अब नया सामान्य है, और इसी नीति के तहत पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम भी उठाए गए थे।

पहलगाम हमले

पहलगाम हमले में पाकिस्तान की भूमिका को दुनिया के सामने रखने के बाद अब सरकार दिल्ली हमले के मामले में भी बेहद सतर्क नीति अपना रही है। पूर्व राजनयिक अनिल त्रिगुणायत का कहना है कि जब तक भारत के पास किसी देश की भूमिका साबित करने वाले पुख़्ता सबूत नहीं होंगे, तब तक कोई जल्दबाज़ी नहीं की जाएगी।

अमेरिकी लॉबिंग फर्म

आरएसएस ने कांग्रेस के उस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया है, जिसमें कहा गया था कि संघ ने अमेरिका में अपने हितों को साधने के लिए पाकिस्तान की एक आधिकारिक लॉबिंग इकाई की मदद ली। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर दावा किया कि आरएसएस ने अमेरिकी विधि कंपनी ‘स्क्वॉयर पैटन बोग्स’ की सेवाएं लीं, और एक स्क्रीनशॉट भी साझा किया। आरएसएस ने इसे झूठ बताते हुए कहा कि संघ केवल भारत में काम करता है और उसने किसी भी अमेरिकी लॉबिंग फर्म को नियुक्त नहीं किया।

प्रदूषण बढ़ गया

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में लगातार बिगड़ती वायु गुणवत्ता पर गंभीर चिंता जताई। अदालत ने वकीलों को सलाह दी कि वे वर्चुअल माध्यम से पेश हों, क्योंकि प्रदूषण इतना बढ़ गया है कि मास्क भी पर्याप्त सुरक्षा नहीं दे पा रहे। न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा ने कहा कि स्थिति बेहद गंभीर है और इससे स्थायी नुकसान हो सकता है।

दिल्ली का AQI कई इलाकों में 400 से ऊपर बना रहा—बवाना (460), चांदनी चौक (455), आनंद विहार (431), ITO (438), नॉर्थ कैंपस (414), रोहिणी (447), द्वारका सेक्टर-8 (400)। तीन दिन से लगातार राजधानी ‘गंभीर’ श्रेणी में है, जिससे आम नागरिकों में भी स्वास्थ्य जोखिम बढ़ गया है।

आतंकी हमले

लालकिले के सामने हुए आतंकी हमले में हरियाणा की यूनिवर्सिटी का नाम सामने आने के बाद फरीदाबाद पुलिस ने अल-फलाह यूनिवर्सिटी और इससे जुड़े अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट की जांच तेज़ कर दी है। पुलिस ने गुरुवार को विश्वविद्यालय और ट्रस्ट से संबंधित कई दस्तावेजों की जांच की है। यह वही संस्थान है जो पहले भी ‘सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल’ मामले में संदिग्धों के संपर्कों के चलते जांच के दायरे में आया था।

अल-फलाह यूनिवर्सिटी की शुरुआत 1997 में एक इंजीनियरिंग कॉलेज के रूप में हुई थी और बाद में इसे NAAC से ‘A’ ग्रेड मान्यता भी मिली। ट्रस्ट और यूनिवर्सिटी के प्रमुख जवाद अहमद सिद्दीकी से संबंधित संपत्तियों और भूमि दस्तावेज भी पुलिस द्वारा मांगे गए हैं।

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