Dire Wolf: विलुप्त नहीं, वापस लौटती प्रजातियाँ, डायर वुल्फ की कहानी
Dire Wolf, विज्ञान और जैव प्रौद्योगिकी की दुनिया में एक नई क्रांति आ चुकी है – De-extinction Technology, यानी विलुप्त हो चुकी प्रजातियों को फिर से जीवित करने की तकनीक।
Dire Wolf : विज्ञान की चमत्कारी छलांग, डायर वुल्फ का पुनर्जन्म
Dire Wolf, विज्ञान और जैव प्रौद्योगिकी की दुनिया में एक नई क्रांति आ चुकी है – De-extinction Technology, यानी विलुप्त हो चुकी प्रजातियों को फिर से जीवित करने की तकनीक। हाल ही में Dire Wolf जैसी प्राचीन और रहस्यमय प्रजातियों की वापसी को लेकर वैज्ञानिकों की कोशिशें तेज़ हो गई हैं।
Dire Wolf, एक रहस्यमय शिकारी
Dire Wolf, जिसे Canis dirus कहा जाता है, लगभग 13,000 साल पहले विलुप्त हो गई थी। यह भेड़िए की प्रजाति का एक विशाल और खतरनाक शिकारी था, जो उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका में पाया जाता था। इसका आकार आधुनिक भेड़िए से बड़ा और ताकतवर होता था। यह Ice Age (हिम युग) के दौरान अन्य विशाल जानवरों जैसे मैमथ, सैबर-टूथ टाइगर के साथ रहता था। Dire Wolf की हड्डियां अमेरिका में कई जगहों पर, खासकर लॉस एंजेलेस के La Brea Tar Pits में मिली हैं। इन अवशेषों से वैज्ञानिकों को इसके डीएनए (DNA) को पुनः निर्मित करने में मदद मिली है।

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क्या होता है De-extinction Technology?
De-extinction Technology के जरिए वैज्ञानिक उन प्रजातियों को फिर से जीवन में लाने की कोशिश कर रहे हैं जो प्राकृतिक या मानवीय कारणों से विलुप्त हो चुकी हैं। इसके लिए वे DNA editing techniques जैसे CRISPR और cloning का इस्तेमाल करते हैं। इस प्रक्रिया में संबंधित प्रजातियों के DNA को उनके सबसे करीबी जीवित रिश्तेदारों के DNA के साथ मिलाया जाता है ताकि एक जीवित भ्रूण बनाया जा सके। Dire Wolf के केस में, वैज्ञानिकों ने DNA को Grey Wolf (आधुनिक भेड़िया) और अन्य प्राचीन अवशेषों के आधार पर संयोजित किया है। हालांकि, यह प्रक्रिया बेहद जटिल और संवेदनशील है क्योंकि पुराना DNA अक्सर नष्ट हो चुका होता है।
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भविष्य की तकनीक से अतीत की वापसी
De-extinction को लेकर वैज्ञानिक समुदाय में मतभेद भी हैं। कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि विलुप्त प्रजातियों की वापसी पारिस्थितिक तंत्र को फिर से संतुलित करने में मदद कर सकती है। वहीं, कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि यह प्रकृति के साथ छेड़छाड़ है और इससे नए खतरे पैदा हो सकते हैं, जैसे जैव विविधता में असंतुलन या अनजाने रोग।
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