Dhirubhai Ambani Birthday: कभी 300 रुपये के महीने पर किया काम, एक आइडिय ने बदल दी इनकी तस्वीर
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन Mukesh Ambani के पिता धीरूभाई अंबानी का आज जन्मदिन है। सिर्फ भारत नहीं बल्कि दुनियाभर में अंबानी परिवार का नाम अमीर लोगों की लिस्ट में आता है।
Dhirubhai Ambani Birthday: निधन के समय इतनी थी धीरूभाई अंबानी की संपत्ति, जानिए उनके जीवन से जुड़े कुछ बातें
Dhirubhai Ambani Birthday: रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) आज देश की सबसे वैल्यूएबल कंपनी है और इसका कारोबार ऑयल एंड गैस से लेकर ग्रीन एनर्जी (Green Energy), टेलीकॉम से रिटेल मार्केट तक कई सेक्टर्स में फैला हुआ है। मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) और अनिल अंबानी (Anil Ambani) के पिता धीरूभाई अंबानी (Dhirubhai Ambani) ने इस कंपनी की स्थापना की थी। 28 दिसंबर 2024 यानी आज उनकी जयंती है। रिलायंस की नींव रखने वाले दिवंगत धीरूभाई अंबानी (Dhirubhai Ambani) के पेट्रोल पम्प पर नौकरी से लेकर कारोबार में उतरने और एक बड़ा बिजनेस एम्पायर खड़ा करने की जर्नी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है।
जूनागढ में हुआ था जन्म
देश की दिग्गज बिजनेस हस्तियों में शुमार रहे दिवंगत धीरूभाई अंबानी (Dhirubhai Ambani) का जन्म 28 दिसंबर 1932 को सौराष्ट्र के जूनागढ़ जिले में हुआ था। उनके पिता एक टीचर थे, जिनके घर की आर्थिक हालत ठीक नहीं थी। ऐसे में घर को फाइनेंशियली हेल्प करने के लिए उन्होंने 10वीं की पढ़ाई के बाद ही छोटे-मोटे काम करके पैसे कमाना शुरू कर दिया था, लेकिन उनकी शुरुआती कमाई नाकाफी थी।
300 रुपये महीने पर किया काम
धीरूभाई अंबानी का मन जब पढ़ाई में नहीं लगा, तो महज 17 साल की उम्र में वह पैसे कमाने के लिए साल 1949 में वे देश के बाहर चले गए। धीरूभाई अपने भाई रमणिकलाल के पास यमन चले गए थे, जहां उन्होंने एक पेट्रोल पंप पर नौकरी शुरू कर दी, उस समय उन्हें इस नौकरी के लिए महज 300 रुपये महीने सैलरी मिलती थी। लेकिन उन्होंने अपना काम पूरी ईमानदारी और मेहनत से किया, जिससे खुश होकर कंपनी ने इन्हें पेट्रोल पम्प का मैनेजर तक बना दिया था।
ऐसी पड़ी रिलायंस की नींव
8 मई 1973 को धीरूभाई अंबानी ने रिलायंस कॉमर्स कॉरपोरेशन के नाम से अपने बिजनेस की शुरुआत की। इसके जरिए भारत के मसाले विदेशों में भेजे जाते थे, जबकि विदेश का पोलिएस्टर भारत में लाकर बेचा जाने लगा। कारोबार आगे बढ़ा तो तो धीरूभाई अंबानी ने फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। जब इस कंपनी की शुरुआत हुई तो 350 वर्ग फुट के ऑफिस (कमरे) में एक मेज, तीन कुर्सी, दो सहयोगी और एक टेलिफोन ही था और दिन में वे लोग 10 घंटे तक ही काम करते थे। बिजनेस इतना तेजी से बढ़ा कि धीरूभाई अंबानी देश के सबसे रईसों में शुमार हो गए।
एक आइडिया और बदल गई तस्वीर
मुंबई पहुंचकर Dhirubhai Ambani ने एकदम से कुछ काम शुरू नहीं किया, बल्कि पहले उन्होंने कई मार्केट का दौरा किया और उनकी बारीकी को समझा। अबतक उन्हें समझ आ गया था कि भारत में पेट्रोलियम की डिमांड है और विदेश में भारतीय मसालों की जबर्दस्त मांग है। फिर क्या था उन्होंने इसी बिजनेस आइडिया (Business Idea) पर आगे बढ़ने का मन बना लिया। इसके बाद उन्होंने इसी सेक्टर में अपने काम की शुरुआत कर दी।
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निधन के समय थी इतनी संपत्ति
धीरूभाई अंबानी का निधन 6 जुलाई 2002 को हुआ। उस समय उनकी कुल संपत्ति 2.9 अरब डॉलर थी, और वह फोर्ब्स की लिस्ट में दुनिया के 138वें सबसे अमीर व्यक्ति थे। उनकी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज का उस समय वैल्यूएशन 60,000 करोड़ रुपये था, जो आज बढ़कर 16.60 लाख करोड़ रुपये हो चुका है।
धीरूभाई ने न केवल एक कंपनी खड़ी की, बल्कि अपने जीवन में वह दृष्टिकोण दिया जो आज उनके बेटों मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी के जरिए आगे बढ़ रहा है। पेट्रोकेमिकल, रिफाइनिंग, टेलीकॉम और रिटेल जैसे क्षेत्रों में रिलायंस का वर्चस्व उनकी दूरदृष्टि और मेहनत का परिणाम है।
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