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Delhi News: कम हुआ डेंगू का खतरा, दिल्ली-गुरुग्राम में इस साल क्या रहा अलग?

Delhi News, दिल्ली और गुरुग्राम में इस बार डेंगू के मामले तेजी से कम हुए हैं। पिछले साल की तुलना में इस साल संक्रमण की दर काफी नीचे रही है।

Delhi News : डेंगू पर ब्रेक! दिल्ली और गुरुग्राम में केस घटने की 7 प्रमुख वजहें

Delhi News, दिल्ली और गुरुग्राम में इस बार डेंगू के मामले तेजी से कम हुए हैं। पिछले साल की तुलना में इस साल संक्रमण की दर काफी नीचे रही है। गुरुग्राम स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, पिछले वर्ष अक्टूबर तक जहां 151 डेंगू केस सामने आए थे, वहीं इस बार अभी तक केवल 64 मामले दर्ज हुए हैं। इसी तरह, दिल्ली एमसीडी की रिपोर्ट बताती है कि इस साल अब तक 1,136 मामले आए हैं, जबकि पिछले साल इसी अवधि में 3,581 केस रिपोर्ट हुए थे। आंकड़ों से साफ है कि इस बार संक्रमण का असर उल्लेखनीय रूप से कम रहा है। आखिर ऐसा कैसे हुआ? इसका जवाब विशेषज्ञों की राय और प्रशासनिक तैयारियों में छिपा है।

1. बड़े पैमाने पर एंटी-लार्वा ड्राइव का असर

दिल्ली एमसीडी के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, इस बार प्रशासन की ओर से डेंगू रोकथाम के लिए पहले से कहीं ज्यादा आक्रामक रणनीति अपनाई गई।

  • पार्कों, जेजे कॉलोनियों, घनी आबादी वाले क्षेत्रों में फोकस्ड कैंपेन चलाया गया।
  • घरों की छतों, बालकनी, टंकियों, कूलरों, और अन्य ऐसी जगहों की सघन जांच की गई जहां पानी जमा रहने की आशंका रहती है।
  • कई क्षेत्रों में डोर-टू-डोर सर्वे के दौरान हजारों घरों में एंटी-लार्वा दवा का छिड़काव किया गया।

अधिकारी बताते हैं कि इस बार साफ-सफाई को लेकर भी लोगों में जागरूकता बढ़ी है। लोग खुद अपने घरों में पानी जमा नहीं होने दे रहे, जो मच्छरों की ब्रीडिंग कम करने में एक बड़ा कारण है।

2. मौसम का बदला मिजाज भी रहा अहम कारण

विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार मौसम ने भी डेंगू के प्रसार की गति को काफी हद तक रोकने में मदद की है।
दिल्ली के वरिष्ठ चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. सुभाष गिरि बताते हैं:

  • इस साल गर्मी पिछले साल की तुलना में कम पड़ी।
  • तापमान में लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिला, जिससे एडीज मच्छरों की ब्रीडिंग साइकिल पूरी तरह सक्रिय नहीं हो पाई।
  • बारिश भले ही अधिक हुई, लेकिन पानी कम जमा हुआ। कई जगहों पर बारिश के बाद तुरंत पानी निकल गया, जिससे लार्वा बनने की स्थिति कम हुई।

वे बताते हैं कि डेंगू मच्छर स्थिर पड़े पानी में तेजी से पनपते हैं। इस बार ऐसे स्थान कम मिले, जिस वजह से मच्छरों की संख्या भी कम रही।

3. लोगों की सतर्कता और जागरूकता में बढ़ोतरी

पिछले कुछ वर्षों में डेंगू के बढ़ते मामलों के कारण दिल्ली और एनसीआर के लोग अधिक सतर्क हो गए हैं। कई घरों में लोग:

  • नियमित रूप से कूलर का पानी बदल रहे हैं
  • पानी की टंकियों को कवर कर रहे हैं
  • घरों में मच्छररोधी उपायों का उपयोग कर रहे हैं
  • गमलों और बाल्टियों में अतिरिक्त पानी जमा नहीं रहने दे रहे

जागरूकता बढ़ने से संक्रमण की चेन खुद ही कमजोर पड़ गई।

4. स्वास्थ्य विभाग की लगातार मॉनिटरिंग

एमसीडी और स्वास्थ्य विभाग ने इस बार डेंगू सीजन शुरू होने से पहले ही मॉनिटरिंग बढ़ा दी थी। सभी अस्पतालों और डिस्पेंसरीज़ को रियल टाइम डेटा देने का निर्देश दिया गया था। इससे:

  • संक्रमण के हॉटस्पॉट पहचानने में आसानी हुई
  • उन क्षेत्रों में तत्काल फॉगिंग और एंटी-लार्वा अभियान चलाया गया
  • संक्रमित व्यक्तियों के संपर्कों की ट्रैकिंग और हेल्थ मॉनिटरिंग भी लगातार होती रही

नतीजा यह हुआ कि संक्रमण बढ़ने से पहले ही कई जगह स्थिति नियंत्रित हो गई।

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5. क्या आगे भी डेंगू के मामले कम रहेंगे?

डॉ. सुभाष गिरि बताते हैं कि अभी भले ही मामलों की संख्या कम है, लेकिन मौसम में थोड़ा भी बदलाव आने पर केस बढ़ सकते हैं। इसलिए किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए।

वे कहते हैं:

  • डेंगू के लक्षण दिखते ही तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।
  • खासकर बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वाले व्यक्तियों का विशेष ध्यान रखें।
  • बुखार को हल्के में न लें और समय पर टेस्ट कराएं।

6. डेंगू के प्रमुख लक्षण — समय पर पहचान बेहद जरूरी

डेंगू एक वायरल बीमारी है और शुरुआती लक्षण सामान्य बुखार जैसे ही होते हैं, इसलिए अक्सर यह नजरअंदाज हो जाता है। इसके प्रमुख लक्षण हैं:

• तेज बुखार

अचानक तेज बुखार आना इसका पहला संकेत है।

• मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द

डेंगू को ‘ब्रेक बोन फीवर’ भी कहा जाता है क्योंकि इसमें मांसपेशियों में तेज दर्द होता है।

• उल्टी या दस्त

कई मरीजों को बार-बार उल्टी या डायरिया की समस्या होती है।

• मसूड़ों या नाक से खून आना

यह डेंगू की गंभीर अवस्था का संकेत होता है।

लक्षण दिखाई देने पर समय पर जांच और उपचार बेहद महत्वपूर्ण है।

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7. खुद को कैसे बचाएं? — डेंगू प्रिवेंशन टिप्स

  • घर में साफ-सफाई रखें
  • पानी जमा न होने दें
  • बच्चों को फुल-स्लीव कपड़े पहनाएं
  • मच्छररोधी क्रीम और स्प्रे का इस्तेमाल करें
  • खिड़कियों पर जालियां लगाएं
  • छत और बालकनी की सफाई नियमित करें

डॉ. गिरि का कहना है कि डेंगू को रोकने का सबसे प्रभावी तरीका है—“मच्छर को पनपने ही न दें।”

दिल्ली और गुरुग्राम में इस बार डेंगू के मामलों में आई कमी प्रशासनिक सतर्कता, मौसम के बदलाव, और लोगों की बढ़ी जागरूकता का संयुक्त परिणाम है। हालांकि विशेषज्ञों की चेतावनी है कि यह राहत स्थायी नहीं हो सकती। इसलिए सावधानी और सतर्कता बनाए रखना ही सबसे सुरक्षित उपाय है।

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