दिल्ली में चिकनगुनिया का खतरा बढ़ा
राजधानी दिल्ली में इस साल चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ी है। सरकारी अस्पतालों और प्राइवेट अस्पतालों में चिकनगुनिया के मरीजों की लंबी कतार लगी हुई है, मगर हैरान कर देने वाली बात यह है कि राजधानी दिल्ली के तीनों नगर निगमों ने 21 अगस्त 2016 तक चिकनगुनिया के सिर्फ 20 मामलों की जानकारी दी है।
वहीं दिल्ली के सबसे बड़े अस्पताल AIIMS का दावा यह है कि सिर्फ जुलाई में चिकनगुनिया के 70 मरीज़ों का वहां इलाज हुआ है। इस मामले में डॉक्टरों का यह कहना है कि जांच के लिए ज़रूरी सुविधाओं के अभाव और महंगे उपचार की वजह से चिकनगुनिया के मामलों को दबाया जा रहा है।
चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या बढ़ी
आइए जानते है, क्या है चिकनगुनिया?
चिकनगुनिया वायरल इंफ़ेक्शन और संक्रमित एडिस मच्छर के काटने से ये होता है। मच्छर पहले तो संक्रमित व्यक्ति को काटता है और फिर किसी कभी स्वस्थ्य व्यक्ति को काटता है। इस तरह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैल जाता है।
चिकनगुनिया के लक्षण है कि रोगी को तेज़ बुख़ार के साथ दर्द होगा साथ ही हाथ और पैरों के जोड़ों में भी दर्द होगा। बच्चों को उल्टी या मांसपेशियों में दर्द होना। जोड़ों का दर्द एक से दो हफ़्ते तक रहना और कुछ मामलों में दर्द महीने भर तक हो तो चिकनगुनिया हो सकता है।
चिकनगुनिया से बचाने के लिए घर में कहीं भी पानी जमा ना होने दें क्योंकि एडिस मच्छर ठहरे पानी में पैदा होता है। हर हफ़्ते कूलर को साफ़ करें साथ ही हाथ और पैरों को पूरी तरह ढकें। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग जरूरी करें।