हवा प्रदूषण से लोगों को हो रही है लाखों बीमारियां
आईएमए और एचसीएफआई ने परामर्श जारी किए
हवा प्रदूषण से बीमारी
दीवाली के त्योहार पर पटाखों के जलाने से राजधानी दिल्ली की हवा मे हुई प्रदूषण की बहुत अधिक बढ़ोतरी ने लोगों को दुविधा में डाल दिया है। ये हवा प्रदूषण लाखों बीमारियों का कारण बन रहा है। हवा प्रदूषण छोटे बच्चों से लेकर बड़ों को धीरे- धीरे अपनी चपेट में ले रहा है।
हवा प्रदूषण गंभीर स्तर पर
दीवाली के बाद से ये गंभीर स्तर तक पहुंच चुका है। साथ ही मौसम भी तेजी से बदल रहा है। अगर हम दिल्ली सरकार के द्वारा जारी किए गए आकंडो की बात करें तो जिस PM 10 का स्तर एक क्यूबिक मीटर में 100 माइक्रो ग्राम से ज़्यादा नहीं होना चाहिए, वो इस दीवाली पर 448 से 939 तक पहूंच गया है। अब ठंड का मौसम भी शुरू हो रहा है, जिसकी वजह से जहरीली धुंध और धुएं का गुबार बन रहा है।
इस सब को देखते हुए आईएमए (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन)और एचसीएफआई ने परामर्श जारी किए गए हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष ‘डॉ. के.के. अग्रवाल’ कहते हैं, कि बारीक धूलकण बहुत खतरनाक होते हैं जो हमारे फेफड़ों के तंतुओं को क्षति पहुंचाते हैं। इन्हें नंगी आंख से देखा भी नहीं जा सकता है। साथ ही उन्होनें कहा, कि राजधानी दिल्ली में इसका स्तर 1000 से ज्यादा हो सकता है जो हमारी सेहत के लिए बेहद खतरनाक है। सभी लोगों को ज्यादा घर से बाहर न निकलने की और खुले में कसरत न करने की सलाह दी गई है।
बारीक धूलकण से होने वाली बीमारी
बारीक धूलकण से आंखों में, नाक में, गले में जलन, खांसी, बलगम, सीने में जकड़न और सांस टूटने जैसी आदि बीमारी हो सकती है। साथ ही आस्थमा और पीओपीडी से पीड़ितों में प्रदुषण की वजह से लक्षण और भी गंभीर हो सकते हैं।
आइए जाने किन बातों का खास ध्यान रखेः-
- फिल्टर हुई हवा वाले कमरे और इमारत में ही रहें।
- कोशशि करें ज्यादा समय घर में ही रहे।
- गैस चूल्हे, मोमबत्ती, अगरबत्ती और धूपबत्ती के पास न बैठैं।
- घर साफ रखें। साथ ही वैक्यूम क्लीन तभी करें जब आपके वैक्यूम में हेपा फिल्टर हो। वैक्यूम क्लीनर की जगह गीला पोछा भी ठीक रहेगा।
- धूम्रपान न करें।