भारत

बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट को भेजा जबाव कहा लॉ में किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया जा सकता

सुप्रीम कोर्ट द्वारा बोर्ड द्वारा मांगे गए जवाब को बोर्ड ने आज सुप्रीम कोर्ट में पेश किया।

बोर्ड के अऩुसार संविधान के अनुसार मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड में किसी तरह के भी बदलाव नहीं किए जा सकते है।

बोर्ड ने जवाब में कहा है ‘समाज सुधार के नाम पर मुस्लिम पर्सनल लॉ में किसी तरह का बदलाव नहीं किया जा सकता है। यह इस्लाम और संविधान के विरोध में है’।

supreme court

सुप्रीम कोर्ट

गौरतलब है कि ट्रिपल तलाक की पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सरकार और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से इस बारे में जबाव मांगा था।

पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया था अगर इस्लाम के मुताबिक कोई चार शादी कर सकता है तो दूसरी शादी के लिए ट्रिपल तलाक लेने की क्या जरुरत है।

आपको बता दें पश्चिम बंगाल की इशरत जहां ने ट्रिपल तलाक के विरोध में कोर्ट में याचिका लगाई थी। उसका कहना था कि यह कानून संविधान के खिलाफ है।

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