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Bihar Election 2025: सीट बंटवारे में जेडीयू का दबदबा, BJP को संभालनी होगी लोजपा की मांगें

Bihar Election 2025, बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) बार-बार एकजुटता का दावा करता रहा है।

Bihar Election 2025 : NDA में सीट शेयरिंग पर जेडीयू और BJP के बीच संतुलन

Bihar Election 2025, बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) बार-बार एकजुटता का दावा करता रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और गृह मंत्री अमित शाह की मुलाकातों में गठबंधन की मजबूती का संदेश दिया गया। हालांकि, सीट बंटवारे का मसला इस “एकजुटता” के narrative को चुनौती देता दिख रहा है।

सीटों की संख्या पर टकराव

जदयू ने साफ संकेत दिए हैं कि वह इस बार भी “बड़े भाई” की भूमिका चाहती है। उसकी मांग है कि उसे 122 सीटें दी जाएं, जबकि भाजपा अपने हिस्से की 121 सीटों में से सहयोगियों को बांट ले। जदयू ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सीटों की संख्या में वह किसी समझौते के मूड में नहीं है।

चिराग पासवान पर जदयू की नाराज़गी

लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान को लेकर जदयू का रुख बेहद सख्त है। 2020 के चुनाव में जब चिराग ने एनडीए के खिलाफ उम्मीदवार उतारे थे, तब जदयू तीसरे नंबर की पार्टी बनकर उभरी थी। उस “दर्द” को नीतीश कुमार अब तक नहीं भूले हैं। यही वजह है कि वे चिराग को “गठबंधन के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक” मानते हैं और भाजपा से अपेक्षा करते हैं कि वह उनकी बयानबाज़ी पर रोक लगाए।

अमित शाह-नीतीश बैठक में उठा मुद्दा

हाल ही में हुई बैठक में गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सीट बंटवारे पर चर्चा की। सूत्रों के मुताबिक, बातचीत में चिराग पासवान की अधिक सीटों की मांग का मुद्दा भी उठा। नीतीश कुमार ने संकेत दिया कि यह विषय भाजपा के जिम्मे है।

जदयू का साफ रुख

जदयू का कहना है कि भाजपा चाहे तो अपने कोटे से चिराग को सीटें दे, लेकिन जदयू अपने हिस्से में कोई कटौती नहीं करेगा। पिछली बार भी यही हुआ था, जब भाजपा ने विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) को 11 सीटें अपने हिस्से से दी थीं। जदयू ने तब केवल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) को सात सीटें दी थीं।

सीट शेयरिंग में नया फार्मूला

इस बार भी संभावना है कि भाजपा सहयोगियों को न केवल सीटें बल्कि कुछ “तैयार उम्मीदवार” भी दे। 2020 में भाजपा ने वीआईपी को 11 सीटों के साथ पाँच उम्मीदवार भी दिए थे, जिनमें से चार ने जीत दर्ज की। बाद में वे सभी भाजपा में शामिल हो गए। अगर लोजपा (रा) को अधिक सीटें मिलती हैं, तो उसे भी यही फार्मूला मानना होगा।

जदयू का संभावित उदार रुख

जदयू भले ही सीटों की संख्या पर अडिग है, लेकिन सहयोगियों को लेकर इस बार थोड़ा उदार रवैया अपना सकता है। हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के अलावा वह राष्ट्रीय लोक मोर्चा को भी अपने हिस्से से सीटें देने पर विचार कर सकता है। अगर ऐसा होता है, तो यह गठबंधन के छोटे दलों को साधने की दिशा में बड़ा कदम होगा।

उम्मीदवारों की अदला-बदली

एनडीए के भीतर सीटों के साथ उम्मीदवारों की अदला-बदली का फॉर्मूला फिर दोहराया जा सकता है। इससे छोटे दलों को चुनाव में मजबूती मिलेगी, लेकिन जीतने के बाद उम्मीदवार बड़े दलों के पाले में जा सकते हैं। यह रणनीति पिछली बार भाजपा के लिए सफल रही थी और अब दोहराए जाने की संभावना है।

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भाजपा-चिराग की नज़दीकियाँ

हालांकि चिराग पासवान और भाजपा के रिश्तों में पहले उतार-चढ़ाव रहे हैं, लेकिन फिलहाल दोनों के बीच ज्यादा मतभेद नहीं दिख रहे। 2020 में जब लोजपा (रा) ने स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ा था, तब भी उसके उम्मीदवारों में भाजपा नेताओं का बड़ा योगदान था। बाद में वे सभी नेता भाजपा में लौट आए। यही वजह है कि भाजपा, चिराग के लिए सीटें छोड़ने को तैयार दिख रही है।

नीतीश कुमार की चिंता

नीतीश कुमार की सबसे बड़ी चिंता यही है कि चिराग पासवान की “बगावती छवि” कहीं एक बार फिर जदयू को नुकसान न पहुंचा दे। यही कारण है कि उन्होंने भाजपा को यह साफ संदेश दिया है कि चिराग के मामले में जिम्मेदारी पूरी तरह उसी की होगी।

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समय आने पर समाधान?

जदयू नेता विजय कुमार चौधरी का कहना है कि “एनडीए में सीटों को लेकर कोई विवाद नहीं है, समय आने पर सब ठीक हो जाएगा।” हालांकि राजनीतिक हलकों में यह दावा संदेह के घेरे में है, क्योंकि जदयू और भाजपा दोनों ही अपने-अपने दबदबे को लेकर पीछे हटने को तैयार नहीं दिखते। बिहार एनडीए में सीट बंटवारे का मसला फिलहाल सुलझा नहीं है। जदयू अपने “बड़े भाई” वाले रोल से पीछे नहीं हटना चाहता, जबकि भाजपा सहयोगियों को साधने के लिए लचीला रुख अपना रही है। चिराग पासवान का मुद्दा इसमें सबसे बड़ी चुनौती बन गया है। अब देखना होगा कि चुनाव नजदीक आते-आते भाजपा और जदयू किस फार्मूले पर सहमत होते हैं और एनडीए कितनी मजबूती से मैदान में उतरता है।

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