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Babu Jagjivan Ram: दलितों की आवाज, देश का अभिमान, बाबू जगजीवन राम जयंती

Babu Jagjivan Ram: बाबू जगजीवन राम जयंती हर साल 5 अप्रैल को मनाई जाती है। यह दिन भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी, सामाजिक न्याय के समर्थक और पूर्व डिप्टी प्रीमेमिनिस्टर बाबू जगजीवन राम के सामान में मनाया जाता है।

Babu Jagjivan Ram: जानिए बाबू जगजीवन राम का संघर्षमय और प्रेरणादायक सफर

Babu Jagjivan Ram: बाबू जगजीवन राम जयंती हर साल 5 अप्रैल को मनाई जाती है। यह दिन भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी, सामाजिक न्याय के समर्थक और पूर्व डिप्टी प्रीमेमिनिस्टर बाबू जगजीवन राम के सामान में मनाया जाता है। वे न केवल एक अच्छे राजनेता थे, बल्कि एक समाज सेवक भी थे, जिन्होंने दलितों, शोषितों और वंचित वर्गों के अधिकारों की आवाज उठायी थी।

बाबू जगजीवन राम का जीवन

बाबू जगजीवन राम का जन्म 5 अप्रैल 1908 को बिहार के आरा जिले के चंदवा गांव में एक दलित परिवार में हुआ था। उनका बचपन बहुत सी परेशानियों और गरीबी से भरा था, लेकिन उन्होंने शिक्षा को अपना हथियार बनाया। उन्होंने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी और कोलकाता यूनिवर्सिटी से शिक्षा प्राप्त की। बचपन से ही उन्होंने समाज में फैले छुआछूत और जातिगत भेदभाव को नजदीक से देखा और इसके खिलाफ आवाज उठाई।

Babu Jagjivan Ram
Babu Jagjivan Ram

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कई बार जाना पड़ा था जेल

जगजीवन राम एक फ्रीडम फाइटर थे जो देश की सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहते थे, उन्होंने देश को सुधरने में अपने बहुत बड़े बड़े योगदान दिए है, उन्होंने महात्मा गाँधी के अंदर रहकर देश के लिए सेवा की और कई आंदोलन में भी भाग लिया और इस कारण उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा पर उन्होंने कभी हार नहीं मानी।उनका मानना था कि सामाजिक स्वतंत्रता के बिना राजनीतिक स्वतंत्रता अधूरी है।

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