भारत

90 फीसदी लोग लेते है जहरीली हवा में साँस – डब्लू एच ओ

90 फीसदी लोग लेते है जहरीली हवा में साँस – डब्लू एच ओ


90 फीसदी लोग लेते है जहरीली हवा में साँस – डब्लू एच ओ  :- विश्व स्वास्थ्य संग़ठन की हाल ही में आई एक ताज़ा रिपोर्ट में कई चौकाने वाले तथ्य सामने आये है। रिपोर्ट के अनुसार दुनिया के 90 फीसदी लोग जहरीली हवा में साँस ले रहे है।

भारत के सबसे ज्‍यादा राज्‍य प्रदूषित

विश्व स्वास्थ्य संग़ठन की ये रिपोर्ट भारत के सन्दर्भ में बहुत चिंताजनक है, क्योंकि WHO की रिपोर्ट में जिन 11 शहरो का जिक्र किया गया है। उस रिपोर्ट में भारत के तीन राज्य के नाम शामिल है। इस के मुताबक भारत देश में प्रदूषित राज्यों की संख्या सबसे ज्यादा है। ये राज्य है, राजधानी दिल्ली, मुम्बई और कोलकाता।

90 फीसदी लोग लेते है जहरीली हवा में साँस – डब्लू एच ओ
विश्व स्वास्थ्य संग़ठन

यहाँ पढ़ें : कावेरी जल विवाद- सभी पार्टियों की कैबिनेट बैठक बुलाई गई

दिल्‍ली में बीजिंग से दुगुना प्रदूषण

वहीं अगर हम राजधानी दिल्‍ली की बात करें तो दिल्‍ली का प्रदूषण चीन की राजधानी बीजिंग का दुगुना है। राजधानी दिल्ली की हवा में पीएम10 एकाग्रता मिलीमीटर प्रति वर्ग 225 माइक्रोग्राम में होना पाया गया है। गौरतलब है, कि भारत इस साल अक्टूबर से पैरिस समझौता को लागू करने में एक अहम कदम उठाने जा रहा है।

जिस के दौरन भारत देश दुनिया के बाकि देशों के साथ मिलकर जलवायु परिवर्तन को कम करने में कदम उठाएगा। भारत साल 2050 तक पृथ्वी के तापमान को दो फीसदी तक कम करने के लक्ष्य पर काम करेगा।

90 फीसदी लोग लेते है जहरीली हवा में साँस – डब्लू एच ओ
दिल्‍ली में बीजिंग से दुगुना प्रदूषण

75 प्रतिशत मौते भारत में

विश्व स्वास्थ्य संग़ठन की रिपोर्ट के अनुसार दक्षिण-पूर्वी एशियाई क्षेत्र में वायु प्रदूषण से हर साल करीबन आठ लाख लोगों की मौत हो रही है और जिसमें से 75 प्रतिशत से अधिक मौतें हृदय रोगों और फेफड़े के कैंसर के चलते अकेले भारत में होती हैं।

जलवायु परिवर्तन समझौते में 60 देशों ने किए हस्ताक्षर

आप को बता दें, पिछले साल 2015 के दिसम्बर में सभी देशों के मध्य जलवायु परिवर्तन को लेकर एक सहमति बनी थी और जिसमें भारत ने अहम भूमिका निभाई थी। जिस के तहत ग्लोबल वार्मिग और कार्बन उत्सर्जन के नियंत्रण पर जोर दिया जायेगा। पेरिस में हुए समझौते के दौरान इस में कुल 196 देश शामिल हुए थे, मगर इसमें कुल 60 देशों ने हस्ताक्षर किए है।

Have a news story, an interesting write-up or simply a suggestion? Write to us at
info@oneworldnews.in

Back to top button