लम्बे समय से किसानों और सरकार के बीच नए कृषि कानूनों को लेकर मतभेद चल रहा है. आज किसानों और सरकार के बीच इस मदभेद का 85वां दिन है और आज एक बार फिर नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने सरकार को ललकारते हुए किसानों की तरफ से अभी रेल रोको आंदोलन का आह्वान किया गया है. एक तरफ तो आंदोलनकारी किसान लगातार भारत सरकार से बातचीत का आह्वान कर रहे हैं वही दूसरी तरफ आंदोलन को धार देने में भी जुटे हैं. इसी कड़ी में आज संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से पूरे देश में रेल रोको आंदोलन किया जा रहा है.
आज किसान दोपहर 12 बजे से 4 बजे तक रोकेगें रेल सेवाएं
85वां दिन से चल रही आंदोलनकारी किसान और सरकार के बीच के मतभेद के बाद से अब किसान अपने नजदीकी रेलवे स्टेशन पर जाकर रेल रोकेंगे. इसके लिए किसान कोई मारपीट नहीं करने वाले हैं बल्कि इस दौरान आंदोलनकारी किसान सबसे पहले रेल का फूल मालाओं से स्वागत करेंगे और उसके बाद रेल यात्रियों से संवाद करेंगे. इतना ही नहीं इस रेल रोको आंदोलन के दौरान किसान रेल यात्रियों को पानी, दूध और चाय भी पिलांएगे. किसानों द्वारा दूध की खास व्यवस्था बच्चों के लिए की जाएगी.
यूनियन के सभी कार्यकर्ताओं को रेल रोकने के दौरान शांति बनाए रखने का आग्रह
कल यानि की बुधवार को भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने यूनियन के सभी कार्यकर्ताओं ने दूध, चाय और पानी की व्यवस्था के साथ सभी आंदोलनकारी किसानों को अपने नजदीकी रेलवे स्टेशन पर पहुंचने का आह्वान किया है. इतना ही नहीं यूनियन के सभी कार्यकर्ताओं को कहा गया है कि वह रेल रोकने के दौरान शांति बनाए रखें और साथ ही साथ उन्होंने रेल यात्रियों से भी आव्हान किया है कि वह किसान की बात सुनने के लिए वे भी अपना थोड़ा सा समय दें और आंदोलन में किसानों को सहयोग करें.
यूनियन के कार्यकर्ताओं के अनुसार सभी आंदोलनकारी किसान रेलवे स्टेशनों पर जाकर रेल यात्रियों से संवाद स्थापित करेंगे और उन्हें बताएंगे कि देश का अन्नदाता जिसे अभी अपने खेत में होना चाहिए था, वह करीब पिछले 3 महीनों से दिल्ली की सीमाओं पर बैठा है. भारत सरकार अभी भी उनकी बातों पर गंभीरता से विचार नहीं ही कर रही है. आंदोलनकारी किसान रेल यात्रियों से समर्थन की अपील करेंगे ताकि भारत सरकार उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार करें.
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