Punjab politics-जानें क्या कुछ हो रहा है पंजाब की राजनीति में और क्या है NAVJOOT SINGH SIDDHU के इस्तीफे का कारण और कैप्टन के अमित शाह से मिलने के मायने
Punjab politics- NAVJOOT SINGH SIDDHU ने किया ट्विट हक सच की लड़ाई लडूंगा
अगले साल होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले पंजाब की राजनीति में चल ही कलह थमने का नाम नहीं ले रही है। पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह का मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना उसके बाद नवजोत सिंह सिद्धू के मुख्यमंत्री पद के लिए नाम उजागर होना और अंत में चरणजीत सिंह चन्नी का मुख्यमंत्री बनाना पंजाब की राजनीति को एक अलग ही रुख दे रहा है। पिछले कुछ महीने में पंजाब की राजनीति में कैसे-कैसे बदलाव आएं है आइये आपको बताते हैं।
18 सितंबर को कैप्टन ने दिया मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा
लंबे समय से चल ही कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के खैमे के बीच की टकरार के बीच कैप्टन ने 18 सितंबर को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इस खबर के बाद पंजाब के अगले सीएम के लिए जोरो शोरों से खबरों की हवाएं चलने लगे। ज्यादातर लोगों को यह लग रहा था कि नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब के अगले मुख्यमंत्री होंगे। लेकिन कांग्रेस आलाकमान ने इस कलह को यही खत्म करने का सोचा और पंजाब की पहला दलित मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री पद और सुखजिंदर रंधावा व ओपी सोनी को उपमुख्यमंत्री की शपथ दिलाई। इससे पहले चन्नी भी कैप्टन के खिलाफ बगावती रुख अपना चुके थे। इसके बाद नए मंत्रियों की लिस्ट को लेकर एक बार फिर पंजाब की राजनीति गलियारों में घमासान शुरु हुआ। 26 सितंबर को कुलजीत नागरा का नाम काट दिया गया इससे पहले गुरजीत राणा के नाम पर भी विवाद शुरु हुआ था। राजनीति में बदलाव हुआ, तो प्रशासन में भी बदलाव जरुरी था। 25 सितंबर को मौजूदा DGP दिनकर गुप्ता एक महीने के छुट्टी पर गए और सहोता को कार्यभार संभालने की जिम्मेदारी दी गई और 27 सितंबर को एपीएस देयोल को पंजाब का नया AG बनाया गया। इतने दिनों तक पंजाब की राजनीति में ये सारी चीजें चलती रही। 28 सितंबर को एक बार इस्तीफे का सिलसिला शुरु हुआ और कांग्रेस इसे संभालने में जुट गई।
सिद्धू का इस्तीफा
28 सितंबर की शाम खबर आई की पंजाब के कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इस खबर के बाद से ही राजनीति अटकलें शुरु हो गई। वहीं दूसरी ओर कैप्टन ने अपने ट्विट से सबको चौंका दिया जहां उन्होंने सिद्धू का बिना नाम लिया कहा कि यह स्थिर नहीं हैं। पंजाब जैसे बॉर्डर वाले राज्य के लिए तो वह एकदम ठीक नहीं है।
I told you so…he is not a stable man and not fit for the border state of punjab.
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) September 28, 2021
उनके इस ट्विट के बाद यह कयास लगाए जाने लगे कि वह कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो जाएंगे। खबर तो यह भी आई कि वह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नडड् से मिलने जा रहे हैं। लेकिन कैप्टन ने सभी कयासों पर विराम लगाते हुए कहा कि वह दिल्ली सीएम हाउस से अपना समान लेने आएं हैं। लेकिन इसी बीच शाम को कैप्टन ने अमित शाह से मिलकर सबको चौंका दिया है। आपको बता दें कैप्टन की कांग्रेस के साथ नाराजगी तो जाहिर तौर है ही उन्होंने अपना इस्तीफा देते हुए कहा कि वह किसी नए मुख्यमंत्री को स्वीकार नहीं करेंगे। वहीं दूसरी ओर सिद्धू को मनाने की पूरी कोशिश की जा रही है। पंजाब प्रभारी हरीश रावत चंडीगंड गए। मंत्री परगट सिंह को सिद्दू से मिलने के लिए भेजा गया। फिलहाल सिद्दू का इस्तीफे को कांग्रेस हाई कमान ने नामंजूर कर दिया है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री चन्नी को सिद्दू को मनाने का जिम्मा दिया गया है।
सिद्दू का ट्वीट, हक सच की लड़ाई लडूंगा
इस्तीफा देने के बाद सिद्दू ने ट्विटर एक विडियो ट्वीट की है। जहां वह पंजाब और उसकी जनता की बात कर रहे हैं। वह कह रहे हैं कि उन्होंने अपने 17 साल की राजनीति में पंजाब के मुद्दों और वहां की लोगों के लिए काम किया है। यही मेरा धर्म और कर्म है। यह मेरी कोई निजी लड़ाई है। जिसे मैं पंजाब के लोगों के लिए लड़ा रहा हूं। मैं शुरु से ही हक ही लड़ाई लड़ता रहता हूं। मेरा पार्टी से कोई लेना देना नहीं है। मैं नैतिकता के साथ कोई समझौता नहीं करुंगा। लेकिन आज लोग नैतकिता से समझौता कर रहे हैं। जिन लोगों ने बादलों को किलनचिट दी आज वह एडवोकेट है। जो लोग समाधान की बात करते थे आज वह लोग कहां है। मैं पंजाब की जनता को गुमराह नही कर सकता हूं और न ही किसी को करने दूंगा। मैं अपने सिद्धांतों पर खड़ा हूं इसके लिए भले ही मुझे कुछ भी करना पड़ा पड़ें
हक़-सच की लड़ाई आखिरी दम तक लड़ता रहूंगा … pic.twitter.com/LWnBF8JQxu
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) September 29, 2021
कांग्रेस में हलचल
सिद्धू के इस्तीफे की बात के बाद से ही कांग्रेस की राजनीति में हलचल मची है। कोई भी पूरी बात नहीं कर रहा है। वरिष्ठ नेता वेणुगोपाल ने कहा कि पार्टी में सब ठीक है। लेकिन शाम होते-होते कपिल सिब्बल ने कहा कि हमारे नेता पार्टी छोड़-छोड़कर जा रहे हैं। उनकी पार्टी का कोई अध्यक्ष नहीं है। इसलिए उन्हें नहीं मालूम पार्टी के फैसले कौन ले रहे है। कपिल सिब्बल का इस तरह का जवाबव कांग्रेस पार्टी के कार्य पर ही सवाल उठा रहा है।
सिद्धू के साथ अन्य लोगों ने भी दिया इस्तीफा
सिद्धू के समर्थन में इस्तीफे
- रजिया सुल्तान- कैबिनेट मंत्री
- योगेंद्र ढीगरा- पंजाब कांग्रेस महासचिव
- गौतम सेठ- पंजाब कांग्रेस महासचिव
- गुलजार इंदर सिंह चहल- कोषाध्यक्ष पंजाब कांग्रेस
सिद्धू के इस्तीफे का कारण
दैनिक भास्कर की खबर के अनुसार सिद्धू कैप्टन के करीबी राणा सुरजीत को कैबिनेट में लाने के विरोध में थे लेकिन उनकी नहीं सुनी गई। सिद्धू चट्टोपाध्याय को DGP बनाना चाहते थे लेकिन इकबालप्रीत सहोता को बनाया गय। वह चाहते थे कि गृह विभाग सीएम के पास रहे लेकिन वह रंधावा को दे दिया गया। यही कुछ मुख्य कारण है सिद्धू के कांग्रेस से खफा होने के।