Nag Panchami 2020: क्यों मनाई जाती है नाग पंचमी और क्यों होती है नागो की पूजा?
क्यों मनाई जाती है नाग पंचमी
Happy Nag Panchami 2020: आज के दिन पूरे देश में नाग पंचमी का पर्व मनाया जा रहा है। इस दिन सभी शिव मंदिरों और नाग मंदिरों में नाग देवता की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। इस दिन 12 प्रकारों के नागों की पूजा होती है। हर साल नाग पंचमी श्रावण मास में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है इस दिन बहुत से लोग व्रत भी रखते है माना जाता है कि जो लोग भी इस व्रत को रखते है या इस दिन व्रत कथा पढ़ते है उन्हें शुभ फल की प्राप्ति होती है। वैसे तो हिंदू धर्म में नाग पंचमी को लेकर कई कथाएं प्रचलित है। नाग पंचमी क्यों मनाई जाती है इसका हिंदू धर्म में कई तरीकों से वर्णन किया गया है। तो चलिए आज हम आपको बताते है कथाओं के अनुसार नाग पंचमी क्यों मनाई जाती है।
भविष्यपुराण के अनुसार नाग पंचमी क्यों मनाई जाती है
सालों पहले जब सागर मंथन हुआ था उस समय नागों ने अपनी माता की आज्ञा नहीं मानी थी। जिसके चलते उनकी माता को क्रोध आ गया था। और उन्होंने सभी नागों को श्राप दे दिया था, उन्होंने नागों से कहा कि वो राजा जनमेजय के यज्ञ में जलकर भस्म हो जाएंगे। जिसके कारण सभी नाग बहुत ज्यादा घबरा गए थे। इस श्राप से बचने के लिए सभी नागों ने ब्रह्माजी की शरण ली। उन्होंने ब्रह्माजी को सारी बारे बताई और उनसे मदद मांगी। ब्रह्माजी ने नागों की मदद करते हुए कहा कि जब नागवंश में महात्मा जरत्कारू के पुत्र आस्तिक होंगे तो वो ही आपको इस श्राप से मुक्ती दिलाएंगे। और आप सबकी रक्षा करेंगे। यह उपाय ब्रह्माजी ने नागों को पंचमी तिथि को बताया था। कुछ सालों बाद जब महात्मा जरत्कारू के पुत्र आस्तिक हुए तो उन्होंने नागों को यज्ञ में जलने से बचाया था तब सावन की पंचमी तिथि थी। नागों के ऊपर दूध डालकर उन्हें बचाया था। इसके बाद आस्तिक ने कहा जो लोग भी श्रावण मास में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नागों की पूजा करेगा और उन्हें दूध पिलायेगा उन्हें नागदंश का भय कभी नहीं होगा।
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कैसे की जाती है नाग पंचमी पर नागों की पूजा
नाग पंचमी के दिन सुबह स्नान करने के बाद घर के दरवाजे पर या पूजा के स्थान पर गोबर, आटे या मिट्टी के नाग बनने चाहिए। जिसके बाद अगर आप व्रत रखना चाहते है तो अपने मन में व्रत का सकल्प लें । इसके बाद नाग देवता को बैठने के लिए आह्वान दे। फिर गोबर, आटे या मिट्टी से बने नाग देवता को रंगों से सजाएं। जिसके बाद आप अक्षत्, फूल, फूल, दीप, खीर तथा नारियल आदि नाग देवता को अर्पित करें और उनकी दिल से पूजा करें। पूजा के प्रसाद में आप भुने जौ तथा चने इस्तमाल कर सकते है।
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