India’s Biggest Bank Frauds : ABG Shipyard का क्या है पूरा मामला? निर्मला सीतारमण ने विपक्ष पर क्यों साधा निशाना?
India’s Biggest Bank Frauds : कब थमेंगे बैंको में होने वालें ऐसे फ्रॉड? आम नागरिकों के बारे में कौन सोचेगा?
Highlights:
India’s Biggest Bank Fraud: क्या है इस फ्रॉड का पूरा मामला?
22,842 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी का लगा है आरोप!
भगोड़े नीरव और मेहुल ने किया था 13,800 करोड़ का घपला!
India’s Biggest Bank Fraud: बीते दिन भारत के सबसे बड़े बैंक धोखाधड़ी मामले की पुष्टि हुई है, सीबीआई ने एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड और उसके पूर्व अध्यक्ष और प्रबंध निर्देशक ऋषि कमलेश अगरवाल के साथ अन्य लोगों को भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व वाले बैंकों के एक संघ को 22,842 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी करने के मामले में हिरासत में लिया है।
सीबीआई ने एक बयान में कहा, “शनिवार को सूरत, भरूच, मुंबई, पुणे आदि में निजी कंपनी, निर्देशकों सहित आरोपियों के परिसरों में 13 स्थानों पर तलाशी ली गई, जिसमें आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए।”
क्या है पूरा मामला?
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने सबसे पहले 8 नवंबर, 2019 को शिकायत दर्ज की थी, जिस पर सीबीआई ने 12 मार्च, 2020 को स्पष्टीकरण मांगा था। बैंक ने उस साल अगस्त में एक नई शिकायत दर्ज की थी। डेढ़ साल से अधिक समय तक “जांच” करने के बाद, सीबीआई ने 7 फरवरी, 2022 को प्राथमिकी दर्ज करने वाली शिकायत पर कार्रवाई की।
उन्होंने कहा कि कंपनी को एसबीआई के साथ 2468.51 करोड़ रुपये के एक्सपोजर के साथ कुल 28 बैंकों और वित्तीय संस्थानों से ऋण सुविधाएं मंजूर की गई थीं। उन्होंने कहा कि फॉरेंसिक ऑडिट से पता चला है कि 2012-17 के बीच, आरोपियों ने एक साथ मिलीभगत की और अवैध गतिविधियों को अंजाम दिया, जिसमें धन का दुरुपयोग, दुर्विनियोग और आपराधिक विश्वासघात शामिल है।
आरोपी व्यक्तियों द्वारा की गई धोखाधड़ी का पता तब चला जब अप्रैल 2012 से जुलाई 2017 की अवधि के लिए एक फोरेंसिक ऑडिट किया गया। कमर्शियल जहाजों की मांग थी क्योंकि उद्योग 2015 में मंदी के दौर से गुजर रहा था और उसी वर्ष नए रक्षा आदेश भी जारी किए गए थे कारणवश कंपनी को लक्ष्य हासिल करने में बहुत मुश्किल हो रही थी। इस प्रका, कंपनी नियत तारीख पर ब्याज और किश्तों की अदायगी करने में असमर्थ थी।
विपक्ष का हमला!
यह दावा करते हुए कि एबीजी शिपयार्ड की परिसमापन कार्यवाही 2017 में शुरू हुई थी, कांग्रेस ने पूछा कि सीबीआई को प्राथमिकी दर्ज करने में पांच साल क्यों लगे।
SBI to CBI!
CBI to SBI!
SBI to CBI!CBI, SBI & Modi Govt were writing ‘love letters’ to each other for years deliberately dragging it into bureaucratic wrangling as public money went down the drain and fraudsters gained.#BankScam #BJPProtectsFraudsters pic.twitter.com/9eHhgk8XJR
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) February 13, 2022
“एबीजी शिपयार्ड की परिसमापन कार्यवाही के बाद 22,842 करोड़ रुपये के 28 बैंकों को ठगने के लिए प्राथमिकी दर्ज करने में पांच साल क्यों लग गए? जून 2019 में एबीजी शिपयार्ड खातों को ‘धोखाधड़ी’ घोषित किए जाने के बावजूद सरकार ने प्राथमिकी दर्ज करके आपराधिक कार्रवाई क्यों नहीं की… एसबीआई द्वारा सीबीआई को की गई पहली शिकायत के बाद सरकार और सीबीआई ने एबीजी शिपयार्ड के खिलाफ प्राथमिकी क्यों दर्ज नहीं की?” सुरजेवाला ने कहा।
विपक्ष के हमलों का जवाब देते हुए निर्मला सीतारमण ने कहां, “जो लोग यह शोर मचा रहें है कि यह प्रधान मंत्री मोदी के समय में सबसे बड़ा घोटला है! उन्हें में बताना चाहती हू की ऐसा बिल्कुल नहीं है, यह ऋण 2013 से पहले दिया गया था और साल 2013 तक एनपीए (NPA) भी बन गया था। ऐसे में कांग्रेस हम पर निशाना साध कर खुद के पैरो में कुल्हाड़ी मारना जैसा काम कर रही है।”
"This is actually an account which became an NPA before January 2014, infact it was declared an NPA in November 2013…Those making noise about it have dug holes into which they themselves fall."
Smt @nsitharaman on ABG Shipyard case. pic.twitter.com/YgrcXNTFIo
— NSitharamanOffice (@nsitharamanoffc) February 14, 2022
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आगे कहा कि विपक्ष ने एबीजी शिपयार्ड द्वारा बैंकों पर किए गए 22,842 करोड़ रुपये के सबसे बड़े बैंकिंग धोखाधड़ी के बारे में शोर-शराबा करके अपना ही नुकसान किया है, उल्टा हम तो इस स्कैम को जल्द सामने लाने में सफल रहें है।
भारतीय बैंक और धोखाधड़ी
अगर आपको यह जानकर थोड़ा आश्चर्य हो रहा है की इतना बड़ा फ्रॉड रातों रात कैसे हो सकता है! तो सच में यह कुछ अविश्वसनीय सा ही है। हां यह अब तक का सबसे बड़ा धोखाधड़ी का मामला है लेकिन इससे पहले कई ऐसे मामले सामने आ चुके है, जिनसे शायद सिख लेना सरकार जरूरी नहीं समझती। मामला बड़ा हो या छोटा अगर इन सब के बीच कोई पिस्ता है तो वह है आम नागरिक, स्वयं के पैसे को अपने ही बैंक खातों से न निकाल पाने के कई उदाहरण हमने पहले भी देखें है। चलिए आगे इस लेख में हम कुछ चुनिंदा भारतीय घोटालों की बात करते है जिन्होंने अच्छे अच्छों को हैरत में डाल दिया!
रोटोमैक बैंक धोखाधड़ी: 18 फरवरी 2010 की केंद्रीय जांच ब्यूरो की पहली सूचना रिपोर्ट के अनुसार, रोटोमैक ने कथित तौर पर ₹3,695 करोड़ के ऋण पर चूक की थी। प्राथमिकी में कहा गया है कि रोटोमैक ने ऋण को एक फर्जी कंपनी को भेज दिया, जिसने पैसा रोटोमैक को वापस भेज दिया था। सीबीआई ने कानपुर स्थित रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड के निर्देशक विक्रम कोठारी, उनकी पत्नी साधना कोठारी और बेटे राहुल कोठारी और अज्ञात बैंक अधिकारियों के खिलाफ बैंक ऑफ बड़ौदा से शिकायत मिलने के बाद मामला दर्ज किया था।
विजय माल्या: माल्या पर 17 भारतीय बैंकों का अनुमानित 9,000 करोड़ रुपये बकाया है और उनपर देश में धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। अपनी असाधारण जीवनशैली के कारण कभी “किंग ऑफ गुड टाइम्स” कहे जाने वाले, माल्या और उनकी कंपनियां 2012 से वित्तीय घोटालों और विवादों में उलझी हुई है। माल्या ने 2 मार्च 2016 को यह कहकर भारत छोड़ दिया था कि वह अपने बच्चों के करीब रहने के लिए ब्रिटेन जाना चाहते है। आयकर विभाग और केंद्रीय जांच ब्यूरो सहित कई एजेंसियां वित्तीय धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग सहित आरोपों के लिए माल्या की जांच कर रही है।
पंजाब नेशनल बैंक: धोखाधड़ी का यह मामला पंजाब नेशनल बैंक द्वारा जारी किए गए ₹13,800 करोड़ के बैंक गारंटीस से संबंधित है। इस धोखाधड़ी को कथित तौर पर जौहरी और डिजाइनर नीरव मोदी ने आयोजित किया था। नीरव, उनकी पत्नी अमी मोदी, भाई निशाल मोदी और चाचा मेहुल चोकसी, फर्मों के सभी भागीदार और पीएनबी के अधिकारियों और कर्मचारियों को सीबीआई द्वारा चार्जशीट में नामित किया गया है। भारत में घोटाले की खबर आने से कुछ दिन पहले 2018 की शुरुआत में ही नीरव मोदी और उसका परिवार फरार हो गया था।
Conclusion: एबीजी शिपयार्ड धोखाधड़ी का बड़ा मामला है मगर अकेला नहीं। भारत में इससे पहले भी कई बार ऐसे मामले सामने आते रहें है। भगोड़े नीरव, मेहुल और विजय जैसे धोखेबाजों पर अभी भी कड़ी कार्यवाही का होना बाकी है। इस लेख के माध्यम से हमने आप तक हालही में हुए घोटाले की सारी मुख्य सूचनाएं सांझा की है, उम्मीद है आपको हमारा यह प्रयास पसंद आया होगा। बने रहिए Oneworldnews के संग ऐसे ही रोचक समाचारों के लिए।
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