Hijab Row: Karnataka High Court के फैसले पर ट्विटर पर लोगों ने दी अपनी प्रतिक्रिया, आपकी क्या राय है?
Hijab Row: हिजाब मामले में twitter पर लोगों ने दिये अपने reactions
Highlights:
- कर्नाटक हाई – कोर्ट ने हिजाब मामले को लेकर बड़ा फैसला लिया है।
- हाई – कोर्ट ने कहा कि स्कूल – कॉलेजों में हिजाब पहनने की मंजूरी नहीं होगी।
- उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती से लेकर आम लोगों ने दी प्रतिक्रिया।
Karnataka Hijab Row: कर्नाटक हाई – कोर्ट ने हिजाब मामले को लेकर बड़ा फैसला सुना दिया है। हाई – कोर्ट ने कहा कि स्कूल – कॉलेजों में हिजाब पहनने की मंजूरी नहीं होगी। कर्नाटक हाई कोर्ट ने मंगलवार को यह फैसला दिया है। पिछले 74 दिनों से इस मामले में घमासान को लेकर कर्नाटक हाई कोर्ट ने दिए फैसले में दो अहम बातें कहीं। पहली ये कि हिजाब इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं है। दूसरी स्टूडेंट्स स्कूल या कॉलेज की दी गई यूनिफॉर्म को पहनने से मना नहीं कर सकते।
इस मामले को लेकर देश के कई दिग्गजों ने अपने – अपने बयान दिए साथ ही आम जनों ने भी इस पर प्रतिक्रिया जताई।
जम्मू कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने हाई कोर्ट के इस फैसले पर ट्वीट कर कहा “कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले से बेहद निराश हूँ । चाहे आप हिजाब क बारे में कुछ भी सोचें, यह मात्र एक कपड़े के टुकड़े के बारे में नहीं है, यह एक महिला के अधिकार के बारे में है कि वह कैसे कपड़े पहनना चाहती है। यह की अदालत ने मूल अधिकार को बरकरार नहीं रखा, यह एक उपहास है।”
Very disappointed by the verdict of the Karnataka High Court. Regardless of what you may think about the hijab it’s not about an item of clothing, it’s about the right of a woman to choose how she wants to dress. That the court didn’t uphold this basic right is a travesty.
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) March 15, 2022
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने ये ट्वीट किया कि हिजाब प्रतिबंध को बरकरार रखने का कर्नाटक एचसी का फैसला बेहद निराशाजनक है। एक तरफ हम महिलाओं के सशक्तिकरण की बात करते हैं फिर भी हम उन्हें एक साधारण विकल्प के अधिकार से वंचित कर रहे हैं। यह सिर्फ धर्म के बारे में नहीं है बल्कि चुनने की स्वतंत्रता है।
Karnataka HC’s decision to uphold the Hijab ban is deeply disappointing. On one hand we talk about empowering women yet we are denying them the right to a simple choice. Its isn’t just about religion but the freedom to choose.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) March 15, 2022
महबूबा मुफ्ती के ट्वीट पर कुछ यूज़र्स ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कुछ ऐसे ट्वीट्स किये।
Only kitab no hijab,use it on ur own house only,not in education institute
— KRISH SIDDH (@krishnendu61) March 15, 2022
the decision is against the holy quran.
— muhammad raashid (@muhammadraashi2) March 15, 2022
NDTV की नामचीन पत्रकार निधि राज़दान ने ट्वीट के ज़रिये अपना मत रखा। उन्होंने कहा “जिस तरह से मुस्लिम महिलाओं को धमकाया गया और उनके हिजाब उतारने के लिए उकसाया गया, उस पर क्या अदालत को कुछ कहना है? किस तरह छोटी बच्चियों को स्कूल जाने से तब तक रोका गया जब तक वे गेट पर अपना स्कार्फ नहीं उतारतीं ?”
Did the court have anything to say on the way Muslim women were bullied and heckled into taking off their hijabs? The way little girls were stopped from going to school until they took off their head scarves at the gate?
— Nidhi Razdan (@Nidhi) March 15, 2022
इस पर आम लोगों ने कुछ ऐसे कमेंट्स किये-
अभिजीत नाम के एक यूजर लिखते हैं “मैं अपने प्रारंभिक शिक्षा के दिनों की घटना को साझा करता हूँ। एक दिन मेरे शिक्षक ने मेरी कलाई पर कलावा (आध्यात्मिक और पवित्र बैंड) का विरोध किया। उन्होंने मुझे इसे हटाने के लिए सख्ती से कहा। मैंने वैसा ही किया और उसके बाद मैं अपने अधिकारों के लिए चिल्लाना नहीं या एचसी नहीं गया। मैंने अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित किया। अब भी वही कर रहा हूं इसे रोको।
I share on incident, in my early education days…. One day My teacher objected the spiritual n holy band on my wrist .. asked me strictly to remove it… I did.. so after that.. I didn’t bark for my rights or went to HC …I focus on my studies…still doing the same🙏🙏.. stop this
— Abhijeet Sharma (@abhijeet_0801) March 15, 2022
एक यूजर ने अपने ट्वीट के माध्यम से अपने विचार कुछ ऐसे रखें।
What is wrong if girls students wear Duppata or scarf to cover their head
on school uniforms? Burqa can not be allowed one can understand but scarf is just Modesty.
I think whoever represented students had not argued well and instead insisted on Hijab is part of Islam.— SatyamevJayate (@SatyaSodh) March 15, 2022
कुछ इस तरह से नेटिज़न्स ने हिजाब मामले में अपने मत रखें। कुछ हाई कोर्ट के फैसले को सही ठहराते दिखे तो कुछ ने हाई कोर्ट पर महिलाओं की आजादी छीनने का आरोप लगाया। हालांकि हाई कोर्ट के इस फैसले पर आप क्या राय रखते हैं हमें कॉमेंट सेक्शन में ज़रूर बतायें।
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