गाजीपुर बॉर्डर पर किसान ने की आत्महत्या सुसाइड नोट में दिल्ली बॉर्डर पर अंतिम संस्कार की इच्छा जताई
4 जनवरी को बैठक में नतीजा निकलने की पूरी उम्मीद
साल 2020 की तरह साल 2021 की शुरुआत भी आंदोलन की बीच हुई है. पिछले साल लोग नागरिकता संशोधन कानून से नाराज थे और इस बार नए कृषि कानून से किसान नाराज हैं. जिसके कारण पिछले एक महीने से ज्यादा समय से किसान आंदोलन चल रहा है. इस बीच 38वां दिन दिल्ली-एनसीआर में हुई बारिश और कड़ाके की ठंड ने किसानों की परेशानी को और बढ़ा दिया है. आज गाजीपुर बॉर्डर पर 75 साल के एक किसान ने शौचालय के अंदर आत्महत्या कर ली. सुसाइड नोट पर किसान ने लिखा कि मेरी आखिरी इच्छा यही है कि मेरा अंतिम संस्कार दिल्ली बॉर्डर पर परिवारवालों से करवाया जाएं.
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चार जनवरी को बैठक होगी
लगातार चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच चार जनवरी को सरकार और किसान संगठनों के बीच एक बार फिर बैठक होने वाली है. ज्यादातर लोग यही उम्मीद कर रहे हैं कि चार तारीख को कोई नतीजा जरुरी निकलेगा. वहीं दूसरी बॉर्डर पर बैठे किसानों का कहना है कि अगर एमएसपी को लागू नहीं किया गया तो पेट्रोल पंप और मॉल बन कर दिए जाएंगे. वहीं दूसरी ओर स्वराज पार्टी के संस्थापक योगेंद्र यादव का कहना है कि अगर 26 जवनरी से पहले कोई समाधान नहीं निकाल तो 26 जनवरी वाले दिन किसान दिल्ली के अंदर घुसकर ‘किसान गणतंत्र परेड’ करने के लिए मजबूर होंगे. सरकार की तरफ से कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि जिस सकरात्मक सोच के साथ पिछली बैठक हुई थी. उससे उम्मीद की जा सकती है कि 4 जनवरी को इसका हल निकल जाएगा और आंदोलन खत्म हो जाएगा.
पी. चिदंबरम का ट्वीट- मैं किसानों को सलाम करता हूं
विपक्ष भी सरकार रवैया पर लगातार सवाल उठा रहा है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा है कि जैसे ही दिल्ली बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन ने 38वें दिन में प्रवेश किया, एक और किसान ने अपनी जान गंवा दी. मै किसानों के संकल्प को सलाम करता हूं. सरकार को कृषि कानूनों को लंबित रखते हुए पुनर्विचार के लिए सहमत होना चाहिए. किसी भी नए कानून में किसान समुदाय की जरुरतों और इच्छाओं का ध्यान रखा जाना चाहिए.
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