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पंडित दीन दयाल उपायध्याय और बाबा साहब अंबेडकर के विचारों को आगे बढ़ाना है- भन्ते संघप्रिय राहुल

अटल बिहारी की जयंती के मौके पर महिलाओं को सम्मानित किया गया


 

आज महिलाएं हर क्षेत्र मे अपना परचम लहरा रही हैं. ऑफिस में करने से लेकर स्पेस जाने तक हर जगह फतह पा रही हैं. इसको के मद्देनजर देश की विभिन्न महिलाओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया गया. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर एक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. भारतीय बौद्ध संघ द्वारा महिला कल्याण एवं सशक्तिकरण एवं अटल स्मृति सम्मान समारोह 2020 का आयोजन किया गया. जिसमें देश के विभिन्न हिस्सों से आई महिलाओं को उनके सराहनीय कार्य के लिए सम्मानित किया गया. इसके साथ ही अलग-अलग क्षेत्र में समाज सेवा कर रहे पुरुषों को भी सम्मानित किया गया. यूपी के सुल्तानपुर के प्रवीण अन्जनेय को कला के क्षेत्र में नौजवानों को प्रोत्साहित करने के लिए अटल सम्मान से सम्मानित किया गया. इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय संगठन सचिव महंत राम सजीवन साहेब भी मौजूद थे.

 

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सरकार योजनाओं के कारण महिलाओं को कई तरह की सुविधा मिल रही है

कार्यक्रम के संयोजक भन्ते संघप्रिय राहुल ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि अब महिलाएं हर क्षेत्र में आगे आ रही है. इस तरह के कार्यक्रम के द्वारा पिछली जाति के लोगों को आगे लगाया जाए. ताकि वह भी समाज में आगे बढें. आने वाली 12 जनवरी को विवेकानंद की जयंती पर इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि हम पंडित दीन दयाल उपाध्यय और बाबा साहब अंबेडकर के विचारों को आगे बढ़ाना चाहते हैं. साथ ही पीएम मोदी का धन्यवाद व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार द्वारा लाई गई योजनाएं, उज्जवला योजना, प्रधानमंत्री जनधन योजना, पीएम आवास योजना का लाभ महिलाओं को ही मिला है.

 

हिंदु कोड बिल ने ही महिलाओं को उनका हक दिलाया है

बीजेपी  की प्रवक्ता और सांसद मीनाक्षी लेखी ने महिलाओं के हक की बात करते हुए कहा कि हमारी सरकार ने तीन तलाक खत्म कर दिया है. लेकिन ऐसा नहीं है कि यह सिर्फ किसी एक धर्म विशेष में था पहले हमारे यहां भी दो-दो, तीन-तीन पत्नियां रखने का प्रचलन था. लेकिन बाबा साहेब के हिंदु कोड बिल के कारण हमें यह आधिकार मिल पाया है कि हम स्वाभिमान से जी सकें. अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहती है कि महिलाओं को पिछली पंक्ति की भी सबसे पीछे खड़ा किया गया था. लेकिन अब ऐसा नहीं है. महिलाओं ने अपने अधिकार की लड़ाई लड़ी है. हर जात-धर्म की महिलाएं आगे रही है. जरुरी है महिलाओं को ऐसे सम्मान दिया जाए. ताकि वह और आगे बढ़े. जिन जगहों में तक महिलाओं की पहुंच नहीं है वहां भी पहुंचे. जिससे की महिलाएं और सशक्त बनें.

 

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