सेहत

Yoga For Back Ache: कमरदर्द के इलाज में कारगर हैं ये योग

Yoga For Back Ache: योग का नियमित अभ्यास, गंभीर बीमारियां न आए पास! 

Highlights : –

  • योग से कई बीमारियों का होता है इलाज
  • कमर और पीठ दर्द के लिए योग है सटीक उपाय
  • हमेशा किसी योग विशेषज्ञ की सलाह से शुरू करें योग

जब इंसान बीमारियों की चंगुल में फंस जाता है तो वह महंगी दवाओं और आर्थिक बोझ तले दब जाता है। कभी-कभी ये दवाएं इतनी हार्ड होती हैं कि इनके साइड इफेक्ट से अन्य बीमारी भी घर करने लगती हैं। हमारे एंसिएंट हिस्ट्री में बीमारियों के इलाज के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति के साथ योग को भी शामिल किया गया था। हमारे ऋषि-मुनियों द्वारा इन दोनों पद्धतियों के ऊपर पुस्तकें भी लिखी गई थी। हमारे ट्रेडिशन में योग को गंभीर से गंभीर बीमारियों को जड़ से उखाड़ने वाला कारगर उपाय माना गया है। हम अक्सर अपने बॉडी में छोटे-मोटे प्रॉब्लम को अनदेखा कर देते हैं, जिसके परिणामस्वरूप यही लापरवाही बाद में गंभीर बीमारियों का कारण बन जाती है। यदि हम अपने डेली की दिनचर्या में योग को शामिल कर लें, तो यकीन करिए आप भविष्य में कई गंभीर बीमारियों से बचने के लिए खुद के भीतर सेफ्टीगार्ड तैयार कर रहे हैं। योग करने के लिए आपका रोज कम से कम 30 मिनट का समय भी बहुत है,बशर्ते आप इसको ईमानदारी के साथ रोज करें।

पेन किलर हमारे बीमारी को दबाकर सिर्फ उसके ऊपर के दर्द से कुछ समय के लिए राहत देता है, पर योग सीधे बीमारी को खत्म करने का प्रयास करता है। आजकल आम इंसान रोजी-रोटी की तलाश में भागमदौड़ करता रहता है। इस दौरान किसी को घंटों खड़े होकर काम करना पड़ता है तो किसी को एक ही जगह पर घंटों बैठकर जॉब करना होता। शुरू – शुरू में किसी को कोई तकलीफ नहीं होती या यों कहें कि कभी-कभी हल्की-फुल्की दर्द को आदमी काम के दबाव में जानबूझकर इग्नोर कर देता है। बाद में यही लापरवाही शरीर में पीठ-कमर-कंधे और पांव के दर्द का कारण बन सकती है। इस सिचुएशन में योग के नियमित अभ्यास से हम न सिर्फ अपने शरीर को दर्द से आजादी दिलाते हैं, बल्कि कई क्रिटिकल बीमारियों से बच भी जाते हैं।

नीचे हम कमर दर्द से आराम दिलाने वाले तीन महत्वपूर्ण आसनों के बारे में बता रहे हैं। हमने इसके लिए योग गुरु बाबा रामदेव के विडियो को आधार बनाया है। योग करने से पहले किसी योग विशेषज्ञ की सलाह अत्यंत आवश्यक होती है। किसी योग विशेषज्ञ की निगरानी में योग शुरू करने से सही पोज और स्टेज का पता चलता है। इससे आसन की गलतियों से बचा जा सकता है।

भुजंगासन या कोबरा पोज: यह बहुत लोगों की ओपिनियन है कि यदि सही तरीके से भुजंगासन का अभ्यास किया जाए तो इससे कमर दर्द में राहत मिलने लगता है। फेमस योग गुरु बाबा रामदेव सीधे शब्दों में भुजंगासन के लिए कुछ सलाह देते हैं। यहां सलाह दी जाती है कि किसी भी आसन को करने से पहले किसी अनुभवी योग विशेषज्ञ से सलाह जरूर लेनी चाहिए। इससे शरीर योग के रियल पोस्चर और तरीके का पता चलता है। बाबा रामदेव कहते हैं कि शुरु-शुरु में कमरदर्द के रोगी को किसी विशेष पोज में 5 सेकंड से अधिक कोई भी आसन नहीं करना चाहिए। वे भुजंगासन को चार तरह का बताते हैं।

इस आसन में शरीर की मुद्रा देखकर ऐसा लगता है जैसे कोई सांप यह आसन कर रहा हो। इसीलिए इसे कोबरा पोज भी कहते हैं। इस आसन की मुद्रा में जमीन पर कोई मैट के ऊपर पेट के बल सीधे लेटना होता है। फिर अगले स्टेप में दोनों पैरों को आपस में मिलाना है, फिर दोनों हथेलियों को कंधे के पास लाकर उसकी साइड या सीध में रखना होता है। इसमें दोनों पैर पीछे मिले हुए होते हैं तथा शोल्डर छाती की तरफ उठे हुए होते हैं। पंजे पीछे तने हुए होनी चाहिए। उसके बाद कोशिश करें कि अपने सिर को जमीन पर टिकाकर शरीर को रिलैक्स पोस्चर में रखें। फिर आराम से गहरी सांस लेते हुए बॉडी के अपर हिस्से को धीरे-धीरे ऊपर की तरफ उठाएं। देखने में ऐसा लगे कि मानों कोई नाग अपने फन को ऊपर कर लेटा है। करीब 5 सेकंड तक इसी मुद्रा में रहने के बाद आराम से पहले के स्टेज (अवस्था) में लौटें।

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शलभासन: शलभासन करने से पहले किसी योग विशेषज्ञ से सलाह ले लेनी चाहिए। शलभासन योग में हमें जमीन पर मैट के ऊपर पेट के बल सीधा लेटना होता है। इसमे सीना और सिर का भाग जमीन की तरफ होता है। फिर दोनों हाथों को आराम से अपनी जांघों के नीचे रखना है। उसके पेट के नाभी वाले हिस्से को थोड़ा सा ऊपर रखना है। अगले स्टेप में बारी-बारी से दोनों पैरों को ऊपर हवा में उठाना है। याद रखें कि एक पैर उठाकर फिर कुछ सेकंड बाद उसको पुनः जमीन पर रख दें। उसके बाद दूसरे पैर को भी कुछ सेकंड तक उठाकर फिर आराम से जमीन पर रख दें। सिर को थोड़ा ऊपर रहे तो बेहतर होगा। इस आसन को बड़े ही रिलैक्स होकर 10 सेकंड तक करना है। सांसों को आराम से लेकर धीरे-धीरे छोड़ते रहें। इससे कमर दर्द में राहत मिलती है और शरीर के अन्य अंगों में मजबूती भी आती है।

उष्ट्रासन: उष्ट्रासन को हम ‘कैमल’ या ‘ऊंट’ की तरह दिखने वाला पोज भी कह सकते हैं। इस आसन को भी जमीन पर मैट बिछाकर ही करना होता है। हालांकि इस उष्ट्रासन का अभ्यास कठिन होता है। इसीलिए बेहतर होता है कि किसी भी आसन को करने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लेनी चाहिए। इस योग में सबसे पहले घुटनों के बल सीधे होकर, दोनों पैरों को पीछे की तरफ मोड़ कर बैठा जाता है। इसके लिए किसी योग विशेषज्ञ की सलाह अत्यंत आवश्यक होता है। इस आसन में कमरदर्द, पीठ दर्द के अलावा और भी फायदे होते हैं।

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