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Uterine Cancer : गर्भाशय के कैंसर के लक्षण, महिलाओं में होने वाले गंभीर बदलावों को कैसे पहचाने?

महिलाओं में होने वाले गंभीर कैंसर के प्रकारों में एक है और इसके लक्षणों की पहचान समय पर करना बेहद आवश्यक है। शुरुआती लक्षण जैसे अनियमित ब्लीडिंग, योनि से पानी जैसा स्त्राव, और पेल्विक दर्द को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

Uterine Cancer : गर्भाशय कैंसर के लक्षण, महिलाओं में पहचानने महत्वपूर्ण बदलाव


Uterine Cancer (गर्भाशय का कैंसर) महिलाओं में होने वाले कैंसर के प्रकारों में एक गंभीर रूप है। यह कैंसर गर्भाशय की आंतरिक परत (endometrium) में शुरू होता है। यदि इसका समय पर उपचार न किया जाए, तो यह शरीर के अन्य हिस्सों में फैल सकता है। इसलिए इसके प्रारंभिक लक्षणों और शरीर में नजर आने वाले बदलावों को पहचानना महत्वपूर्ण है।

Uterine Cancer
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महत्वपूर्ण लक्षण और बदलाव

Uterine Cancer का सबसे आम लक्षण अनियमित योनि से ब्लीडिंग है। यह ब्लीडिंग आमतौर पर पोस्टमेनोपॉज़ल (menopause के बाद) महिलाओं में होता है। हालांकि, प्रजनन उम्र की महिलाओं में भी इसका अनुभव हो सकता है।ब्लीडिंग का पैटर्न बदल सकता है, जैसे कि अत्यधिक ब्लीडिंग या मिडल साइकल के दौरान ब्लीडिंग ।अगर ब्लीडिंग के अलावा योनि से पानी जैसा या सफेद स्त्राव होने लगे, तो यह भी Uterine Cancer का संकेत हो सकता है। यह स्त्राव अधिक मात्रा में हो सकता है और इसमें बदबू भी हो सकती है।गर्भाशय में ट्यूमर के बढ़ने से पेट या पेल्विक क्षेत्र में दर्द और असुविधा हो सकती है।

यह दर्द सामान्य मासिक धर्म दर्द से अधिक तीव्र और निरंतर हो सकता है।अचानक वजन कम होना बिना किसी स्पष्ट कारण के, Uterine Cancer का एक अन्य संभावित संकेत हो सकता है। यह शरीर की अंदरूनी समस्याओं का संकेत हो सकता है।अगर पेल्विक क्षेत्र में सूजन महसूस हो, तो यह भी एक महत्वपूर्ण लक्षण हो सकता है। सूजन या गांठें इस बात का संकेत हो सकती हैं कि कैंसर का फैलाव हो सकता है।अगर पेशाब करने में कठिनाई होती है या पेशाब के साथ रक्त आता है, तो यह Uterine Cancer के लक्षण हो सकते हैं। यह आमतौर पर कैंसर के एडवांस्ड स्टेज में होता है।

आशंका को समझना और सही समय पर जांच करवाना

इन लक्षणों का अनुभव होने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है। Uterine Cancer के शुरुआती में  उपचार की संभावना अधिक होती है। सामान्य जांच विधियों में निम्नलिखित शामिल हैं, चिकित्सक एक पैल्विक परीक्षा कर सकते हैं जिसमें वे गर्भाशय, अंडाशय और अन्य पेल्विक अंगों की जांच करते हैं। यह किसी भी असामान्यता या गांठ की पहचान करने में मदद करती है।यह एक टेस्ट है जिसमें गर्भाशय की आंतरिक परत के कुछ टिशू का नमूना लिया जाता है और इसका परीक्षण कैंसर की उपस्थिति के लिए किया जाता है।यह एक इमेजिंग टेस्ट है जिसमें एक विशेष प्रकार की अल्ट्रासाउंड सोनोग्राफी की जाती है, जिससे गर्भाशय की स्थिति और उसके भीतर के संभावित ट्यूमर की जानकारी मिलती है।यह एक प्रक्रिया है जिसमें एक पतली ट्यूब (हिस्टेरोस्कोप) को योनि के माध्यम से गर्भाशय में डाला जाता है ताकि डॉक्टर सीधे तौर पर गर्भाशय की आंतरिक परत देख सकें।

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रिस्क फैक्टर्स

जैसे-जैसे महिलाओं की उम्र बढ़ती है, रिस्क बढ़ जाता है। पारिवारिक इतिहास भी एक रिस्क फैक्टर हो सकता है। गर्भाशय की आंतरिक परत का असामान्य रूप से बढ़ना। हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज, ये भी रिस्क फैक्टर हो सकते हैं। संतुलित आहार और नियमित व्यायाम, स्वस्थ जीवनशैली अपनाने से जोखिम को कम किया जा सकता है। नियमित स्वास्थ्य चेकअप्स और स्क्रीनींग टेस्ट से बीमारी की पहचान समय पर की जा सकती है।

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Uterine Cancer

उपचार

Uterine Cancer का इलाज कैंसर के चरण और स्थिति पर निर्भर करता है। उपचार के सामान्य विकल्पों में शामिल हैं, गर्भाशय और आसपास के अंगों को हटाने के लिए सर्जरी की जाती है। यह सबसे आम उपचार विकल्प है। यह उपचार कैंसर की कोशिकाओं को मारने के लिए दवाइयों का उपयोग करता है। यह इलाज कैंसर की कोशिकाओं को लक्षित करने के लिए उच्च ऊर्जा वाली रेडियोधारा का उपयोग करता है। इसमें हार्मोनल दवाइयों का उपयोग करके कैंसर की कोशिकाओं की वृद्धि को रोका जाता है।

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