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Unblock a blocked vein: ब्लॉक्ड नस खोलने का देसी तरीका, इस मसाले का पानी पीने से साफ होगा प्लाक

Unblock a blocked vein, आज की तेज़-रफ्तार जिंदगी, गलत खानपान, तनाव, धूम्रपान, डायबिटीज़ और हाई कोलेस्ट्रॉल की वजह से नसों में प्लाक (Plaque) जमने की समस्या तेजी से बढ़ रही है।

Unblock a blocked vein : नसों में जमा प्लाक कैसे निकाले? आयुर्वेदिक डॉक्टर ने बताया आसान उपाय

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Unblock a blocked vein, आज की तेज़-रफ्तार जिंदगी, गलत खानपान, तनाव, धूम्रपान, डायबिटीज़ और हाई कोलेस्ट्रॉल की वजह से नसों में प्लाक (Plaque) जमने की समस्या तेजी से बढ़ रही है। जब नसों (विशेषकर धमनियों/Arteries) में कोलेस्ट्रॉल, फैट, कैल्शियम और अन्य पदार्थ जम जाते हैं, तो रक्त का प्रवाह बाधित हो जाता है। इसे मेडिकल भाषा में एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis) कहा जाता है। ब्लॉकेज बढ़ने पर हार्ट अटैक, स्ट्रोक, हाई ब्लड प्रेशर और अंगों को नुकसान जैसी स्थितियां बन सकती हैं। इसलिए समय रहते सही जानकारी, मेडिकल सलाह और जीवनशैली सुधार बेहद जरूरी है।

ब्लॉक्ड नस (Blocked Vein/Artery) के प्रमुख लक्षण

हर व्यक्ति में लक्षण अलग हो सकते हैं, लेकिन आमतौर पर ये संकेत दिख सकते हैं:

  • सीने में दर्द या भारीपन
  • सांस फूलना
  • हाथ-पैरों में झनझनाहट या सुन्नपन
  • जल्दी थकान
  • पैरों में दर्द (चलने पर बढ़ना)
  • चक्कर आना या सिर दर्द
  • गंभीर मामलों में हार्ट अटैक या स्ट्रोक

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आयुर्वेद की नजर से नसों में ब्लॉकेज

आयुर्वेद में नसों और रक्त प्रवाह को सिरा (Sira) और धमनी (Dhamani) कहा गया है। आयुर्वेद के अनुसार:

  • कफ दोष की अधिकता
  • मेद धातु (फैट टिश्यू) का असंतुलन
  • अग्नि मंदता (पाचन कमजोर होना)

इन कारणों से शरीर में आम (Ama – विषैले तत्व) जमा होते हैं, जो धीरे-धीरे नसों में रुकावट पैदा कर सकते हैं।

आयुर्वेदिक डॉक्टर किस मसाले के पानी की बात करते हैं?

कई आयुर्वेदिक विशेषज्ञ हल्दी (Turmeric), लहसुन (Garlic), दालचीनी (Cinnamon) और मेथी (Fenugreek) जैसे मसालों को हृदय और रक्त वाहिकाओं के लिए सहायक मानते हैं। इनमें से हल्दी और लहसुन का पानी सबसे अधिक चर्चा में रहता है।

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हल्दी का पानी – आयुर्वेदिक दृष्टिकोण

हल्दी क्यों मानी जाती है फायदेमंद?

हल्दी में मौजूद करक्यूमिन (Curcumin) को आयुर्वेद और आधुनिक शोध दोनों में:

  • सूजन कम करने वाला
  • एंटीऑक्सीडेंट
  • हृदय-सहायक

माना जाता है।

आयुर्वेदिक मान्यता के अनुसार लाभ

  • रक्त प्रवाह को सपोर्ट करना
  • सूजन कम करने में मदद
  • आम (टॉक्सिन) के निर्माण को घटाना
  • पाचन अग्नि को मजबूत करना

हल्दी पानी कैसे लिया जाता है? (सामान्य जानकारी)

आमतौर पर गुनगुने पानी में चुटकी भर हल्दी मिलाकर लेने की परंपरा है। लेकिन मात्रा, समय और अवधि व्यक्ति की उम्र, बीमारी और दवाओं पर निर्भर करती है, इसलिए डॉक्टर की सलाह जरूरी है।

लहसुन का पानी – क्यों किया जाता है जिक्र

लहसुन को आयुर्वेद में हृदय बल्य (Heart Tonic) माना गया है।

आयुर्वेदिक गुण

  • कफ को संतुलित करने वाला
  • रक्त संचार में सहायक
  • पाचन सुधारने वाला

कुछ अध्ययनों में लहसुन को कोलेस्ट्रॉल मैनेजमेंट में सहायक पाया गया है, लेकिन यह इलाज नहीं, बल्कि सपोर्ट है।

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दालचीनी और मेथी – सहायक मसाले

  • दालचीनी: ब्लड शुगर और मेटाबॉलिज़्म सपोर्ट
  • मेथी: पाचन सुधार और फैट मेटाबॉलिज़्म में सहायक

इनका उपयोग भी डॉक्टर की सलाह से ही करना चाहिए, खासकर अगर आप पहले से दवाएं ले रहे हों।

क्या सच में मसाले नसों का प्लाक “साफ” कर सकते हैं?

यह सवाल सबसे महत्वपूर्ण है।

वैज्ञानिक सच्चाई

  • नसों में जमा प्लाक पूरी तरह से घरेलू उपायों से हट जाना मेडिकल रूप से प्रमाणित नहीं है।
  • हां, सही खानपान, दवाएं, एक्सरसाइज और जीवनशैली सुधार से:
    • प्लाक की गति धीमी की जा सकती है
    • नए प्लाक बनने से बचाव किया जा सकता है
    • हार्ट हेल्थ को सपोर्ट मिल सकता है

इसलिए आयुर्वेदिक मसालों को चमत्कारी इलाज समझना गलत होगा।

ब्लॉक्ड नस से बचाव के लिए आयुर्वेदिक लाइफस्टाइल टिप्स

✔ आहार (Diet)

  • हल्का, सुपाच्य भोजन
  • तली-भुनी चीजों से परहेज
  • ज्यादा नमक और शक्कर से बचें
  • फल, सब्ज़ियां, साबुत अनाज

✔ दिनचर्या (Routine)

  • रोज़ाना वॉक या योग
  • प्राणायाम (अनुलोम-विलोम, भ्रामरी)
  • पर्याप्त नींद

✔ मानसिक स्वास्थ्य

  • तनाव कम करें
  • ध्यान (Meditation)

मेडिकल जांच क्यों जरूरी है?

अगर आपको लगता है कि नसों में ब्लॉकेज है, तो ये जांचें जरूरी हो सकती हैं:

  • लिपिड प्रोफाइल
  • ECG
  • एंजियोग्राफी
  • CT स्कैन / Doppler टेस्ट

किन लोगों को विशेष सावधानी रखनी चाहिए?

  • हार्ट पेशेंट
  • डायबिटीज़ के मरीज
  • हाई BP वाले
  • गर्भवती महिलाएं
  • जो ब्लड थिनर दवाएं लेते हैं

इन लोगों को किसी भी मसाले या आयुर्वेदिक उपाय से पहले डॉक्टर से सलाह लेना अनिवार्य है। हल्दी, लहसुन या अन्य मसालों का पानी सहायक हो सकता है, लेकिन इसे कभी भी इलाज का विकल्प न मानें। सही समय पर जांच, दवाएं और डॉक्टर की सलाह ही जान बचा सकती है।

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