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Diabetes : क्यों होता है डायबिटीज के मरीजों के पैरों में दर्द? अनदेखा करने से बढ़ सकती है समस्या

डायबिटीज के मरीजों के लिए पैरों में दर्द और अन्य समस्याओं की अनदेखी एक गंभीर गलती हो सकती है। इस स्थिति से बचने के लिए उचित देखभाल और नियमित जांच की आवश्यकता होती है।

Diabetes : डायबिटीज और पैरों में दर्द, कैसे करे अपने पैरों की सही देखभाल


Diabetes एक ऐसी बीमारी है जो शरीर के कई अंगों को प्रभावित करती है। इसमें सबसे अधिक प्रभावित अंगों में से एक अंग होते हैं पैर। डायबिटीज की वजह से शरीर में ब्लड शुगर का स्तर अत्यधिक बढ़ जाता है, जिससे नसों और रक्त वाहिनियों पर प्रभाव पड़ता है। इस स्थिति को डाइबेटिक न्यूरोपैथी कहते हैं। जब इस स्थिति को नजरअंदाज किया जाता है, तो इससे गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे पैरों में लगातार दर्द को नजरअंदाज करने की गलती बढ़ा सकती है परेशानी और इससे बचने के उपाय क्या हैं।

 Diabetes
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डायबिटिक न्यूरोपैथी: क्या है?

डायबेटिक न्यूरोपैथी एक ऐसी स्थिति है जिसमें डायबिटीज के कारण नसों को नुकसान पहुंचता है। इसमें कई प्रकार की न्यूरोपैथी होती है, लेकिन पैरों में दर्द और सुन्नता सबसे आम लक्षण होते हैं। यह दर्द, झनझनाहट, और जलन के रूप में प्रकट हो सकता है। इसके अलावा, पैरों में खिंचाव और कमजोरी भी महसूस हो सकती है।

पैरों में दर्द और उसकी अनदेखी के परिणाम

1. गंभीर चोटों की संभावना

डायबिटिक न्यूरोपैथी के कारण पैरों की संवेदनशीलता कम हो जाती है। इससे व्यक्ति को चोट, घाव या कट लगने पर उसका पता नहीं चल पाता। अगर इन चोटों को समय पर ठीक न किया जाए, तो वे गंभीर संक्रमण का कारण बन सकते हैं। यह स्थिति पैरों में गहरे घाव और अल्सर का रूप ले सकती है।

2. इन्फेक्शन और अल्सर

डायबिटीज के मरीजों में इन्फेक्शन और अल्सर होने की संभावना अधिक होती है। छोटे घाव भी आसानी से इन्फेक्ट हो सकते हैं, जिससे पैरों पर गंभीर अल्सर हो सकते हैं। अगर इन अल्सर का इलाज समय पर न किया जाए, तो यह गैंग्रीन का रूप ले सकता है, जिसके लिए कभी-कभी सर्जरी की आवश्यकता होती है।

3. पैरों का विकृति

लगातार दर्द और सूजन के कारण पैर की हड्डियों और जोड़ों में विकृति आ सकती है। इसका असर चलने की क्षमता पर पड़ता है और व्यक्ति को चलने-फिरने में कठिनाई होती है।

4. गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं

अगर पैरों में दर्द और समस्याओं की अनदेखी की जाती है, तो यह शरीर के अन्य अंगों को भी प्रभावित कर सकता है। संक्रमण और अल्सर से शरीर की इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकती है, जो गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है।

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डायबिटीज के मरीजों के लिए पैरों की देखभाल

 

1. नियमित जांच

डायबिटीज के मरीजों को अपने पैरों की नियमित जांच करनी चाहिए। किसी भी छोटे-से-छोटे घाव, सूजन या दर्द को नजरअंदाज न करें और तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें।

2. सही पैरों की देखभाल

पैरों को रोजाना अच्छी तरह से धोएं और सुखाएं। पैरों की त्वचा को नमी बनाए रखने के लिए मॉइश्चराइजर का उपयोग करें। नाखूनों को सही ढंग से काटें और घावों को समय पर साफ करें।

3. सही जूते पहनें

आरामदायक और सही आकार के जूते पहनें। तंग या ऊँची एड़ी वाले जूते से बचें, जो पैरों पर दबाव डाल सकते हैं और दर्द बढ़ा सकते हैं।अपने ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित रखना बहुत महत्वपूर्ण है। इसके लिए नियमित रूप से शुगर की जांच करें और उचित आहार और दवा का पालन करें।

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व्यायाम

हल्के व्यायाम, जैसे कि चलना और स्ट्रेचिंग, से पैरों की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है और रक्त प्रवाह बेहतर होता है। लेकिन व्यायाम करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना न भूलें। डायबिटीज के मरीजों के लिए पैरों में दर्द और अन्य समस्याओं की अनदेखी एक गंभीर गलती हो सकती है। इस स्थिति से बचने के लिए उचित देखभाल और नियमित जांच की आवश्यकता होती है। अगर आप अपने पैरों में लगातार दर्द महसूस कर रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और उचित उपचार करवाएं। सही देखभाल और जागरूकता के साथ, आप डायबिटिक न्यूरोपैथी और उसके परिणामों से बच सकते हैं और एक स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।

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