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International Epilepsy Day 2026: अंतरराष्ट्रीय मिर्गी दिवस 2026, तारीख, महत्व और उद्देश्य

International Epilepsy Day 2026, हर साल दुनिया भर में International Epilepsy Day (अंतरराष्ट्रीय मिर्गी दिवस) मनाया जाता है,

International Epilepsy Day 2026 : मिर्गी दिवस 2026, बीमारी नहीं, समझ और सहयोग की जरूरत

International Epilepsy Day 2026, हर साल दुनिया भर में International Epilepsy Day (अंतरराष्ट्रीय मिर्गी दिवस) मनाया जाता है, ताकि मिर्गी (Epilepsy) जैसी न्यूरोलॉजिकल बीमारी के बारे में लोगों को जागरूक किया जा सके और इससे जुड़े मिथकों व भेदभाव को खत्म किया जा सके। International Epilepsy Day 2026 इस बार 9 फरवरी 2026 (सोमवार) को मनाया जाएगा। यह दिन विशेष रूप से मिर्गी से पीड़ित लोगों के अधिकारों, उपचार और सामाजिक स्वीकार्यता पर ध्यान केंद्रित करता है।

International Epilepsy Day 2026 कब मनाया जाएगा?

  • तारीख: 9 फरवरी 2026
  • दिन: सोमवार
  • विशेषता: फरवरी माह के दूसरे सोमवार को मनाया जाता है

यह दिवस इंटरनेशनल ब्यूरो फॉर एपिलेप्सी (IBE) और इंटरनेशनल लीग अगेंस्ट एपिलेप्सी (ILAE) के संयुक्त प्रयास से मनाया जाता है।

मिर्गी (Epilepsy) क्या है?

मिर्गी एक न्यूरोलॉजिकल बीमारी है, जिसमें व्यक्ति को बार-बार दौरे (Seizures) पड़ते हैं। यह समस्या मस्तिष्क की असामान्य विद्युत गतिविधि के कारण होती है। मिर्गी किसी भी उम्र में हो सकती है बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक। यह न तो छुआछूत की बीमारी है और न ही मानसिक कमजोरी का संकेत।

मिर्गी से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य

  • दुनियाभर में लगभग 5 करोड़ लोग मिर्गी से प्रभावित हैं।
  • भारत में करीब 1 करोड़ से अधिक लोग इस बीमारी से जूझ रहे हैं।
  • सही इलाज और दवाओं से 70% तक मरीज सामान्य जीवन जी सकते हैं।
  • जागरूकता की कमी के कारण आज भी कई लोग इलाज नहीं करा पाते।

International Epilepsy Day का उद्देश्य

इस दिवस को मनाने के मुख्य उद्देश्य हैं:

  • मिर्गी के बारे में सही जानकारी फैलाना
  • समाज में फैले भ्रम और डर को दूर करना
  • मिर्गी से पीड़ित लोगों को समान अधिकार दिलाना
  • बेहतर इलाज और स्वास्थ्य सेवाओं पर ध्यान देना
  • मरीजों और उनके परिवारों को मानसिक सहयोग देना

मिर्गी से जुड़े आम मिथक और सच्चाई

मिथक: मिर्गी छूने से फैलती है

सच्चाई: मिर्गी छुआछूत की बीमारी नहीं है।

मिथक: मिर्गी का कोई इलाज नहीं

सच्चाई: सही दवाओं और इलाज से दौरे नियंत्रित किए जा सकते हैं।

मिथक: मिर्गी वाले लोग सामान्य जीवन नहीं जी सकते

सच्चाई: अधिकतर मरीज पढ़ाई, नौकरी और शादी सहित सामान्य जीवन जीते हैं।

दौरा पड़ने पर क्या करें? (First Aid for Seizure)

अगर किसी व्यक्ति को मिर्गी का दौरा पड़े, तो घबराने के बजाय ये कदम उठाएं:

✔ व्यक्ति को सुरक्षित जगह पर लिटाएं
✔ उसके सिर के नीचे कुछ नरम रखें
✔ टाइट कपड़े ढीले करें
✔ दौरे के दौरान मुंह में कुछ न डालें
✔ दौरा खत्म होने तक पास रहें
✔ जरूरत पड़ने पर डॉक्टर को दिखाएं

व्यक्ति को जोर से पकड़ने या पानी पिलाने की कोशिश न करें।

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मिर्गी का इलाज और प्रबंधन

आज मिर्गी का इलाज पूरी तरह संभव है। इसके लिए:

  • नियमित एंटी-एपिलेप्टिक दवाएं
  • डॉक्टर की सलाह से जीवनशैली में बदलाव
  • पर्याप्त नींद और तनाव से दूरी
  • कुछ मामलों में सर्जरी या थेरेपी

समय पर इलाज शुरू करने से मरीज का जीवन काफी हद तक सामान्य हो सकता है।

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समाज की भूमिका क्यों जरूरी है?

मिर्गी से पीड़ित लोग अक्सर सामाजिक भेदभाव का सामना करते हैं—स्कूल, नौकरी और शादी तक में। ऐसे में समाज की जिम्मेदारी बनती है कि:

  • मरीजों को समान अवसर दिए जाएं
  • स्कूलों और कार्यस्थलों पर जागरूकता कार्यक्रम हों
  • मिर्गी को बीमारी के रूप में देखा जाए, कमजोरी नहीं

International Epilepsy Day 2026 कैसे मनाएं?

  • सोशल मीडिया पर जागरूकता पोस्ट शेयर करें
  • मिर्गी से जुड़े सही तथ्यों को फैलाएं
  • पीड़ितों के प्रति संवेदनशील रवैया अपनाएं
  • हेल्थ कैंप और सेमिनार आयोजित करें
  • पर्पल कलर पहनकर समर्थन दिखाएं (मिर्गी का प्रतीक रंग)

International Epilepsy Day 2026 हमें यह याद दिलाता है कि मिर्गी कोई अभिशाप नहीं, बल्कि एक चिकित्सकीय स्थिति है, जिसका इलाज और प्रबंधन संभव है। सही जानकारी, समय पर इलाज और समाज के सहयोग से मिर्गी से पीड़ित लोग भी सम्मान और आत्मविश्वास के साथ जीवन जी सकते हैं।

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