सेहत

जानें जिम के दौरान लोग क्यों होते हैं हार्ट अटैक का शिकार, भूल के भी न करें ये गलतियां: Heart attack symptoms

शरीर का विकास और मजबूती पाने के लिए व्यायाम और एक्सरसाइज बहुत जरूरी हैं। लेकिन एक्सपर्ट का कहना है कि 15-17 साल की उम्र यानी किशोरावस्था में बहुत भारी-भरकम वर्कआउट नहीं करना चाहिए।

Heart attack symptoms: जिम में जाकर कभी न करें 5 गलतियां, कम उम्र के बच्चें खेल-कूद पर दें ज्यादा ध्यान


Heart attack symptoms:आज के जमाने में जिम जाने का फैशन आ गया है। हर उम्र के लोग सुबह-शाम जिम में जाकर फिटनेस बेहतर करने की कोशिश कर रहे हैं। बड़ी तादाद में युवा आकर्षक बॉडी बनाने के लिए जिम का रुख करते हैं। जिम में जाकर अधिकतर लोग कई गलतियां करते हैं, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। यह सुनकर हैरान हो रहे होंगे, लेकिन यह बात बिल्कुल सही है। जिम में गलतियां करने से हार्ट अटैक की नौबत आ सकती है। अब तक कई सेलिब्रिटी और आम लोग एक्सरसाइज के दौरान हार्ट अटैक का शिकार हो चुके हैं।

जिम में जाकर कभी न करें 5 गलतियां

1. जिम में जाकर अपनी मर्जी से इंटेंस एक्सरसाइज न करें। इससे पहले अपने ट्रेनर से बातचीत करें और उसके निर्देशों का पालन करें।

2. बॉडी बनाने के लिए सप्लीमेंट्स न लें। इन सप्लीमेंट्स में पाए जाने वाले तत्व हार्ट अटैक की वजह बन सकते हैं. यह गलती करने से       बचें।

3. जिम में जाकर जरूरत से ज्यादा एक्सरसाइज न करें और इंटेंस एक्सरसाइज करने से पहले अपने जिम ट्रेनर से बातचीत जरूर कर       लें।

4. एक्सरसाइज करते वक्त सीने में दर्द हो, तो इसे नजरअंदाज न करें। किसी भी तरह की परेशानी होने पर तुरंत एक्सरसाइज बंद कर       दें।

5. हार्ट डिजीज, डायबिटीज या अन्य गंभीर बीमारियों के मरीज खुद से जिम जॉइन न करें। इससे पहले अपने डॉक्टर से जरूर कंसल्ट       करें।

जानें कम उम्र जिम क्यों नहीं करनी चाहिए

शरीर का विकास और मजबूती पाने के लिए व्यायाम और एक्सरसाइज बहुत जरूरी हैं। लेकिन एक्सपर्ट का कहना है कि 15-17 साल की उम्र यानी किशोरावस्था में बहुत भारी-भरकम वर्कआउट नहीं करना चाहिए। इस उम्र में शरीर और मांसपेशियों का विकास अभी पूरा नहीं हुआ होता है। इसलिए भारी वजनों से वर्कआउट कराने पर मांसपेशियों और हड्डियों को नुकसान पहुंच सकता है। 18-20 साल की उम्र के बाद ही तेज वर्कआउट करने की सलाह दी जाती है।

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बच्चों को जिम से ज्यादा खेल-कूद पर देना चाहिए ध्यान

बचपन में शरीर का विकास होता है और हड्डियां मजबूत होती हैं। इस समय बच्चों को प्राकृतिक रूप से खेलना-कूदना चाहिए। घर के बाहर दोस्तों के साथ क्रिकेट, फुटबॉल जैसे खेल खेलें। पार्क में दौड़ें, कूदें, चढ़ाई करें। ये सब शारीरिक गतिविधियां युवाओं के लिए बेहद लाभदायक होती हैं। लेकिन 14-15 साल की उम्र मे बच्चों को जिम भेजना सही नहीं है। जिम की भारी एक्सरसाइज से बच्चों की मांसपेशियों में चोट लग सकती है। जोकि विकास के लिए सही नहीं है। कम उम्र में लड़का हो या लड़की सभी के लिए सबसे अच्छा व्यायाम है – योग और साइकिल चलाना. योग से शरीर की लचीलापन बढ़ती है और मानसिक तनाव कम होता है। साइकिलिंग से मांसपेशियां मजबूत होंगी और कार्डियोवैस्कुलर फिटनेस बढ़ेगी। तैराकी भी एक बहुत ही अच्छा विकल्प है।

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