Gallstones in Children: पित्त की पथरी अब बच्चों में भी आम, जानें कैसे रखें डाइट और लाइफस्टाइल सही?
Gallstones in Children, पित्त की पथरी (Gallstones) पित्ताशय (Gallbladder) में बनने वाले छोटे-छोटे ठोस कण होते हैं।
Gallstones in Children : डॉक्टरों की चेतावनी, बच्चों में पित्त की पथरी के बढ़ते केस, समय पर पहचान है जरूरी
Gallstones in Children, पित्त की पथरी (Gallstones) पित्ताशय (Gallbladder) में बनने वाले छोटे-छोटे ठोस कण होते हैं। यह मुख्य रूप से कोलेस्ट्रॉल, पित्त के रसायन और अपशिष्ट पदार्थों से मिलकर बनते हैं। सामान्यतः पित्त की पथरी का खतरा 40 साल से ऊपर के लोगों में ज्यादा देखा जाता था, लेकिन हाल के वर्षों में बच्चों में, खासकर 6 साल तक की उम्र के बच्चों में भी इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
बच्चों में क्यों बढ़ रहे हैं पित्त की पथरी के केस?
डॉक्टरों के अनुसार, बच्चों में पित्त की पथरी बनने की कई वजहें हो सकती हैं—
अनियमित खानपान – जंक फूड, पैक्ड स्नैक्स, तैलीय और मसालेदार चीजें बच्चों की डाइट में ज्यादा शामिल हो गई हैं।
मोटापा और शारीरिक निष्क्रियता – मोबाइल, टीवी और वीडियो गेम्स की वजह से बच्चों में शारीरिक गतिविधियां कम हो गई हैं, जिससे मोटापा बढ़ रहा है।
आनुवंशिक कारण – अगर परिवार में किसी को पित्त की पथरी रही है, तो बच्चों में भी इसका खतरा बढ़ जाता है।
कुछ मेडिकल कंडीशंस – जैसे हेमोलिटिक एनीमिया, लिवर डिजीज या मेटाबॉलिक डिसऑर्डर भी बच्चों में पथरी बनने की संभावना बढ़ा सकते हैं।
6 साल तक के बच्चों में समस्या क्यों गंभीर?
छोटे बच्चों में लक्षणों की पहचान करना आसान नहीं होता। कई बार पेट दर्द या उल्टी को सामान्य पाचन समस्या मान लिया जाता है और सही समय पर इलाज नहीं मिल पाता। यह पथरी आगे चलकर पित्त नली को ब्लॉक कर सकती है और लिवर या पैनक्रियाज तक समस्या पहुंचा सकती है।
बच्चों में पित्त की पथरी के लक्षण
डॉक्टर बताते हैं कि बच्चों में यह लक्षण नजर आने पर तुरंत जांच करानी चाहिए:
पेट के ऊपरी हिस्से में बार-बार दर्द होना
अचानक उल्टी आना या मितली महसूस होना
पाचन में समस्या, खासकर तैलीय खाना खाने के बाद
तेज बुखार के साथ पेट दर्द
त्वचा और आंखों का पीला होना (जॉन्डिस के लक्षण)
समय पर पहचान क्यों जरूरी?
बच्चों में अगर शुरुआती अवस्था में पित्त की पथरी की पहचान हो जाए, तो दवाइयों और लाइफस्टाइल सुधार के जरिए इसे नियंत्रित किया जा सकता है। लेकिन देर होने पर कई बार सर्जरी की नौबत आ जाती है। छोटे बच्चों में सर्जरी का रिस्क अधिक होता है, इसलिए डॉक्टर लगातार इस बात पर जोर दे रहे हैं कि माता-पिता बच्चों की छोटी-छोटी हेल्थ प्रॉब्लम को नजरअंदाज न करें।
बच्चों की लाइफस्टाइल और डाइट में सुधार कैसे करें?
विशेषज्ञों के अनुसार, पित्त की पथरी जैसी समस्याओं से बचाव के लिए बच्चों की जीवनशैली और खानपान में कुछ बदलाव करना जरूरी है—
संतुलित आहार दें – बच्चों को ताजे फल, सब्जियां, दाल, दूध और साबुत अनाज अधिक खिलाएं।
जंक फूड और पैक्ड स्नैक्स सीमित करें – बर्गर, पिज्जा, फ्रेंच फ्राइज जैसी चीजें केवल कभी-कभी ही दें।
हाइड्रेशन का ध्यान रखें – बच्चों को पर्याप्त पानी पिलाएं, ताकि शरीर से टॉक्सिन बाहर निकलते रहें।
फिजिकल एक्टिविटी बढ़ाएं – बच्चों को आउटडोर गेम्स, साइक्लिंग और स्पोर्ट्स के लिए प्रोत्साहित करें।
नियमित मेडिकल चेकअप – अगर बच्चा बार-बार पेट दर्द की शिकायत करता है, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
डॉक्टरों की चेतावनी
बाल रोग विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों में बढ़ते गॉलब्लैडर स्टोन के केस एक गंभीर चेतावनी हैं। यह सिर्फ खानपान की लापरवाही का नतीजा नहीं है, बल्कि बदलती लाइफस्टाइल और शारीरिक निष्क्रियता की भी देन है। यदि समय पर सुधार नहीं किया गया तो आने वाले समय में यह समस्या महामारी का रूप ले सकती है।
Read More : हॉलीवुड के साहlसी स्टार्स Tom Cruise और डे अरमस की शादी के अनोlखे प्लान ने मचाई हलचल।
माता-पिता को क्या करना चाहिए?
बच्चों के खाने पर कड़ी नजर रखें।
स्क्रीन टाइम कम करें और खेल-कूद के लिए प्रेरित करें।
किसी भी तरह की स्वास्थ्य समस्या को हल्के में न लें।
फैमिली हिस्ट्री में पित्त की पथरी हो तो और भी ज्यादा सावधानी बरतें।
6 साल तक के बच्चों में पित्त की पथरी का बढ़ना चिंताजनक स्थिति है। यह साफ संकेत है कि बच्चों की डाइट और लाइफस्टाइल पर तुरंत ध्यान देने की जरूरत है। डॉक्टरों की चेतावनी को नजरअंदाज करना आने वाले वर्षों में गंभीर स्वास्थ्य संकट को जन्म दे सकता है। इसलिए समय पर पहचान, सही इलाज और जीवनशैली में सुधार ही इस समस्या से बचाव का सबसे प्रभावी उपाय है।
We’re now on WhatsApp. Click to join.
अगर आपके पास भी हैं कुछ नई स्टोरीज या विचार, तो आप हमें इस ई-मेल पर भेज सकते हैं info@oneworldnews.com







