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Cervical Cancer: क्या आप हैं सर्वाइकल कैंसर के जोखिम में? जानें कारण और बचाव के उपाय

Cervical Cancer, सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) महिलाओं में होने वाले सबसे गंभीर और घातक कैंसरों में से एक है।

Cervical Cancer : महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर का बढ़ता खतरा, समय रहते बरतें ये सावधानियां

Cervical Cancer, सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) महिलाओं में होने वाले सबसे गंभीर और घातक कैंसरों में से एक है। यह कैंसर गर्भाशय ग्रीवा (Cervix) में होता है और आमतौर पर ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) के संक्रमण के कारण विकसित होता है। उम्र बढ़ने के साथ महिलाओं में इस कैंसर का खतरा बढ़ जाता है, खासतौर पर 30-50 वर्ष की उम्र के बाद। आइए समझते हैं कि आखिर किन कारणों से यह खतरा बढ़ता है और इससे बचाव के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं।

सर्वाइकल कैंसर के बढ़ते खतरे के कारण

1. एचपीवी संक्रमण (HPV Infection)

ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) मुख्य रूप से सर्वाइकल कैंसर का कारण बनता है। यह एक यौन संचारित संक्रमण (STI) है, जो बिना किसी लक्षण के भी लंबे समय तक शरीर में रह सकता है। अगर समय रहते इसका इलाज न किया जाए, तो यह कैंसर का रूप ले सकता है।

2. असुरक्षित यौन संबंध

कई यौन साथियों के साथ असुरक्षित संबंध बनाने से एचपीवी संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है, जिससे सर्वाइकल कैंसर होने की संभावना अधिक होती है।

3. कमजोर इम्यूनिटी

जिन महिलाओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, जैसे कि HIV संक्रमित महिलाएं या जो लंबे समय से स्टेरॉयड या अन्य दवाओं का सेवन कर रही हैं, उनमें सर्वाइकल कैंसर का खतरा ज्यादा होता है।

4. धूम्रपान और अल्कोहल का सेवन

धूम्रपान करने वाली महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर का खतरा अधिक होता है क्योंकि तंबाकू में मौजूद हानिकारक तत्व गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं।

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5. अस्वस्थ जीवनशैली और पोषण की कमी

विटामिन A, C और फोलेट की कमी से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो सकती है, जिससे कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। कुछ अध्ययनों के अनुसार, जो महिलाएं लंबे समय तक गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल करती हैं, उनमें सर्वाइकल कैंसर होने की संभावना अधिक होती है।

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सर्वाइकल कैंसर से बचाव के तरीके

1. एचपीवी वैक्सीन लगवाएं

एचपीवी संक्रमण से बचाव के लिए 9-26 साल की उम्र के बीच HPV वैक्सीन लगवाना जरूरी है। यह वायरस के कई खतरनाक प्रकारों से बचाने में मदद करता है।

2. नियमित पैप स्मीयर टेस्ट कराएं

21 साल की उम्र के बाद हर 3 साल में एक बार और 30 साल के बाद हर 5 साल में पैप स्मीयर टेस्ट और एचपीवी टेस्ट कराना जरूरी होता है। इससे शुरुआती चरण में ही संक्रमण या कैंसर के संकेतों का पता लगाया जा सकता है।

3. सुरक्षित यौन संबंध बनाएं

एचपीवी संक्रमण से बचने के लिए कंडोम का उपयोग करें और एक से अधिक यौन साथियों के साथ संबंध बनाने से बचें।हरी सब्जियां, फल, नट्स और साबुत अनाज का सेवन करें। साथ ही नियमित व्यायाम से इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाएं।

4. धूम्रपान और शराब से बचें

तंबाकू और अल्कोहल के सेवन से बचने से सर्वाइकल कैंसर का खतरा कम किया जा सकता है। अगर लंबे समय तक गर्भनिरोधक गोलियां ले रही हैं, तो डॉक्टर से परामर्श जरूर करें और अन्य सुरक्षित विकल्पों के बारे में जानें।

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